नाबालिक बालिका का जबरन विवाह करना पड़ा महंगा , 11 लोगों के खिलाफ हुआ अपराध पंजीबद्ध
बाल विवाह करने वालो पर होगी सक्त कार्यवाही
सूरजपुर : कलेक्टर श्री के0सी0 देवसेनापति के निर्देशन में कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री मुक्तानंद खुंटे से प्राप्त जानकारी अनुसार एक सत्रह वर्षिय बालिका का जबरन विवाह करने पर बालिका ने महिला हेल्प लाईन में गुहार लगा कर अपने आप को बचाने के लिए कहा। बालिका ने यह भी सिकायत कि की उसे जबरदस्ती अब गौना भेज रहे है। जाने से मना करने पर मार पीट की धमकी दे रहें है। शिकायत प्राप्त होने पर चुकिं बालिका नाबालिक है, जिला बाल संरक्षण अधिकारी को पत्र जारी किया गया। पत्र के आधार पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल की टीम के साथ प्रतापपुर के ग्राम पोड़ी गयें। साथ ही महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी श्रीमती सरीता सिंह भी मौके पर पहुची। मौके पर बालिका का कथन पंचनामा, मां का कथन दादा का कथन लिया गया। सभी में 30 अप्रैल 2018 को बाल विवाह होने की पुष्टि हुई। बालिका ने यह भी बताया कि उसने अपने कम उम्र होने की जानकारी भी अपने ससुराल वालों को दी थी। यह जानते हुई भी बाल विवाह करने के कारण पुलिस थाना प्रतापपुर में बाल विवारह प्रतिशेध अधिनियम 2006 की धारा 9,10 के तह अपराध पंजीबद्ध 11 लोगों के खिलाफ कराया गया। जिसमें लड़की के पिता, मां, दो चाचा, दीदी, जीजा लड़का पक्ष से लड़के के पिता, चाचा, बड़े पिता एवं बड़े भाई के उपर अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले, सहयोग करने वाले, अनुमति देनेवाले, शामिल होने वाले सबके उपर अपराध कायम होता है। अधिनियम के अन्तर्गत दो वर्ष का कारावास एवं 1 लाख रूपये का जुर्बाना या दोनो का दण्ड का प्रावधान है। उपरोक्त कार्यवाही में संरक्षण अधिकारी श्री अखिलेश सिंह, समाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अंजनी साहू, सखी वन स्टाॅप सेन्टर के परामर्शदाता कु0 चन्दा, पर्यवेक्षक गंगावती उईके बालिन्दर सिंह उपस्थित रहें।