रायपुर- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और रायपुर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद स्वर्गीय  केयूर भूषण को आज राजधानी रायपुर के महादेवघाट स्थित मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में अंतिम बिदाई दी गई। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित शोक सभा में कहा कि स्वर्गीय  केयूर भूषण के निधन से छत्तीसगढ़ सहित देश ने गांधीवादी दर्शन और विनोबा जी के सर्वोदय विचारधारा में एक महान चिंतक को हमेशा के लिए खो दिया है। वे ऐसे सरल व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्हें सब अपना कहते थे। उन्होंने आजीवन गांधीवादी और सर्वोदयी विचारधारा का निर्वाह किया। उनमें अद्भूत ऊर्जा थी और सत्य के प्रति उनका गहरा आग्रह था। उन्होंने तत्कालीन पंजाब में शांति की स्थापना के लिए पदयात्रा की थी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के आंदोलन को उन्होंने गतिशीलता प्रदान की और छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था।  केयूर भूषण ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में उन्होंने हिस्सा लिया और अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने गांधीजी को नहीं देखा, स्वर्गीय  केयूर भूषण जी को देखकर ये महसूस होता था कि गांधीजी कैसे रहे होंगे। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय  केयूर भूषण के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय  केयूर भूषण की स्मृति में मुक्तिधाम में बरगद का पौधा भी रोपा।

विधानसभा अध्यक्ष  गौरीशंकर अग्रवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज हम छत्तीसगढ़ के गांधी को अंतिम बिदाई देने के लिए उपस्थित हुए हैं। स्वर्गीय  केयूर भूषण जी का जीवन बड़ा ही सहज और सरल था। उनके विचारों में दृढ़ता थी। उन्होंने सभी समाजों को जोड़ने का काम किया।  अग्रवाल ने विधानसभा के सभी सदस्यों की ओर से भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने     कहा कि श्री केयूर भूषण का निधन एक युग की समाप्ति जैसा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर के ब्राम्हणपारा स्थित आनंद समाज वाचनालय के समीप नवनिर्मित गांधी भवन का नामकरण स्वर्गीय  केयूर भूषण की स्मृति में करने की सहमति प्रदान की है। राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष  नंदकुमार साय ने कहा कि स्वर्गीय  केयूर भूषण गांधीवादी विचारधारा के सर्वोदयी नेता थे। वे सामाजिक समरसता की प्रतिमूर्ति थे। विधायक  भूपेश बघेल ने कहा कि स्वर्गीय  केयूर भूषण महान गांधीवादी चिंतक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे आजीवन हरिजन सेवा संघ से जुड़े रहे। दो बार उन्होंने सांसद के रूप में क्षेत्र की जनता की सेवा की। आज छत्तीसगढ़ का एक महान सपूत हमसे हमेशा के लिए बिछड़ गया।
विधायक  सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय  केयूर भूषण ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में सर्वधर्म प्रार्थना की शुरूआत की। आज वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके विचार सदैव हमारे साथ रहेंगे। विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ की महान विभूति थे। वे सच्चे समाजसेवी थे। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में उनके योगदान को  साहू ने याद किया। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी  जी.एस. मिश्रा ने कहा कि वर्ष 1983 में  केयूर भूषण ने पंजाब में शांति की स्थापना के लिए एक हजार गांवों में पदयात्रा की। वे जन्म से ब्राम्हण थे और अपने कार्यों से सच्चे आदिवासी और सच्चे सतनामी थे। शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
वित्त आयोग के अध्यक्ष  चंद्रशेखर साहू , नगर निगम रायपुर के महापौर  प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ़ ब्रेवरेजेस कार्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष  सच्चिदानंद उपासने, पूर्व विधायक  कुलदीप जुनेजा, पद्मश्री सम्मानित डॉ. महादेव प्रसाद पांडेय सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में साहित्यकार और प्रबुद्ध नागरिक इस अवसर पर उपस्थित थे।