October 25, 2024

नवीन अनुसंधानों, नवाचारों और तकनीकों को अपनाने से होगी किसानों की आय दोगुनी: बृजमोहन अग्रवाल

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किसान कल्याण कार्यशाला एवं किसान संगोष्ठी सम्पन्न

रायपुर, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसान यदि कृषि के क्षेत्र में होने वाले नवीन अनुसंधान, नवाचार तथा नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाएं तो उनकी आय आसानी से दोगुनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों को केवल अनाज, दलहन एवं तिलहन फसलों की खेती पर आश्रित न रह कर समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाना होगा जिसमें बागवानी फसलों के साथ-साथ डेयरी, पोल्ट्री तथा मछली पालन जैसे व्यवसाय भी शामिल होते हैं। श्री अग्रवाल कल यहां सक्षम किसान-समृद्ध भारत कार्यक्रम के तहत कृषि महाविद्यालय रायपुर के सभागार में कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किसान कल्याण कार्यशाला एवं किसान संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने की।
कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन के तहत देश के सभी विकास खण्डों में किसान कल्याण कार्यशाला एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में होने वाले नये अनुसंधानों, नवाचारों एवं नवीन तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये कार्यशालाएं अपने उद्ेश्यों में सार्थक सिद्ध होंगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है जिनमें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण, 6 हजार यूनिट निःशुल्क बिजली, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी, धान पर बोनस आदि प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के 40 लाख किसानों के स्वायल हेल्थ कार्ड बनाये जा चुके हैं। उन्होंने किसानों से मृदा परीक्षण के आधार पर खाद एवं उरवर्काें का उपयोग करने का आव्हान किया। उन्होंने फसल बीमा योजना का लाभ लेने का भी अनुरोध किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हर प्रकार की फसल की खेती की जा सकती है। बस्तर में काजू, नारियल और कॉफी की खेती हो रही है वहीं सरगुजा में आडू, सेब, स्ट्रॉबेरी और लीची की खेती हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को बारहों महीने अपने खेतों की हर एक इंच जमीन से उत्पादन लेना होगा तभी जा कर किसान सक्षम और समृद्ध बनेंगे। कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को खेती के नये-नये तौर-तरीकों, अनुसंधानों, कृषक कल्याण योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उनकी समस्याओं का समाधान किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री अभिजीत सिंह, संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. एस.एस. राव एवं संचालक विस्तार सेवाएं डॉ. ए.एल. राठौर सहित वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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