November 22, 2024

‘समृद्ध किसान-समृद्ध भारत‘ को साकार करने  एकीकृत खेती को अपनाएं किसान: बृजमोहन अग्रवाल

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 कृषि मंत्री शामिल हुए कृषक कल्याण कार्यशाला सह कृषि मेले में प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित 


  रायपुर, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ‘बदलाव के नए दौर से कृषि क्षेत्र भी गुजर रहा है। अब समय आ गया है कि किसान भी खेती-किसानी में नई तकनीक, नवाचार के साथ नगद फसल लेने के लिए आगे आएं। श्री अग्रवाल ने कहा कि एकीकृत खेती समय की मांग है। अपनी आय को दोगुना करने के लिए खेती में नए प्रयोग करना जरुरी हो गया हैं। किसान धान की खेती के साथ-साथ बागवानी, मछलीपालन और पशुपालन को अपना कर अपनी आय बढ़ाएं तथा समृद्ध किसान-समृद्ध भारत के सपने को साकार करने आगे आएं।
श्री अग्रवाल आज ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत कोण्डागांव जिला कार्यालय भवन परिसर में आयोजित कृषक कल्याण कार्यशाला – सह कृषि मेले में उक्ताशय के विचार व्यक्त किए। श्री अग्रवान ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों के स्टालों में जाकर कृषि प्रदर्शनी के माध्यम से कोण्डागांव जिले में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन तथा मछली पालन के क्षेत्र में हुए विकास को देखा। बस्तर लोकसभा सांसद दिनेश कश्यप, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष सुश्री लता उसेण्डी, अध्यक्ष जिला पंचायत कोण्डागांव के अध्यक्ष श्री देवचंद मातलाम भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खेती किसानी है। प्रदेश सरकार पिछले चौदह सालों से कृषक कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हैं। कोण्डागांव जिले में उन्नत खेती  के अलावा वानिकी एवं उद्यानिकी की अच्छी संभावना है। इस क्षेत्र में किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। श्री अग्रवाल ने किसानों को खेती-किसानी में नवाचार करने का आह्वान करते हुए कहा कि परम्परागत कृषि के अलावा सब्जी, फल-फूल उद्यानिकी, पशुपालन किसानों की आय बढ़ाने में कारगर साबित होंगे। राज्य के कई जिलों में किसानों ने इस विकल्प को अपनाकर दोगुनी-तीगुनी आय अर्जित की है। कोण्डागांव जिले के किसान भी एकीकृत खेती को अपनाएं। कृषि मंत्री ने कृषि विकास के लिए संचालित राज्य शासन की योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि खेती के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर ़ऋण, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तथा सिंचाई पम्पों के लिए जीरो पावर कट के साथ-साथ वर्ष 2022 तक राज्य के किसानों की आय दोगुनी करने अनेक योजनाएं लागू की गई है। धान, मक्का, बीज वितरण, दलहन-तिलहन बीज उपयोग, अंतवर्तीय खेती, चेक डेम निर्माण, लघुतम सिंचाई तालाब, स्वाईल हेल्थकार्ड, ड्रीप स्थापना, अल्पकालीन, कृषि ऋण, कृषि विपणन हेतु मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ना कोल्ड स्टोरेज की स्थापना जैसे कार्य शासन द्वारा किए गए हैं। किसान समृद्धि योजना,फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषक जीवन ज्योति योजना, सौर सुजला योजना से भी किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। श्री अग्रवाल ने कोण्डागंाव जिले में मक्का उत्पादक किसानों का संगठन बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा किसान संगठन बन जाने से किसानों को उपज की अच्छी कीमत मिलेगी।
इस मौके पर सांसद बस्तर श्री दिनेश कश्यप एवं नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष सुश्री लता उसेण्डी ने राज्य शासन द्वारा किसानों को दी जा रही सुविधाओं एवं योजनाओं के बारे में बताते हुए किसानों से योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। कलेक्टर श्री नीलकंठ टीकाम ने कोण्डागांव जिले में कृषि विकास की चर्चा करते हुए बताया कि जिले में लगभग 85 हजार किसान हैं। कृषि उपज और वनोपज के प्रसंस्करण कर किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होेंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों की आय की आय दोगुनी करने हेतु अत्याधुनिक कृषि की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है।  कोण्डागांव जिले में लगभग 25 हजार एकड़ भूमि में सिंचाई के लिए साधन विकसित किए जा रहे है। 500 कृषक क्लब बनाए गए हैं। जिले में लगभग 54 हजार वन अधिकार मान्यता प्राप्त किसान हैं।

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