अधिकारी जनता को उच्च गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा देने का निरंतर प्रयास करें: अजय चन्द्राकर
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के चिन्हाकित अस्पतालों को दी जाएगी मान्यता स्वास्थ्य मंत्री ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा
रायपुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज अपने निवास कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। श्री चन्द्राकर ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के कार्यों की प्रगति, स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के अंतिम छोर के गरीबों, साधन विहीन परिवारों और आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने दृढ़ संकल्पित है। अतः लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए अधिकारियों को निरंतर प्रयास करना चाहिए। बैठक में दूरस्थ अंचलों के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती अन्य राज्यों जैसे आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडि़शा, झारखंड और नागपुर (महाराष्ट्र) के अस्पतालों को चिन्हांकित कर मान्यता देने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
श्री चन्द्राकर ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल परिसर में पार्किंग को व्यवस्थित करने, अस्पताल के वार्डों में सी.सी.टी.व्ही. लगाने, केन्द्रीय एनाउन्समेंट व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध रूप से संचालित एम्बुलेंस, ठेले, गुमटियों पर अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रदेश के सभी अस्पतालों को साफ-सुथरा और सुसज्जित रखने के लिए लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करने की समझाइश दी। श्री चन्द्राकर ने सिकलसेल इंस्टीट्यूट स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं किशोर स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 155 किशोर स्वास्थ्य एवं परामर्श केन्द्र संचालित हैं। साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम का कव्हरेज अप्रैल 2017 में 18 प्रतिशत था जो मार्च 2018 में बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार राज्य में 25 विशेष नवजात देखभाल इकाई स्वीकृत है जिनमें से 18 इकाई संचालित है। वर्तमान में संचालित इन इकाईयों में 268 बेड उपलब्ध है। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 19 हजार 431 बच्चे भर्ती कर उपचार किया गया। श्री चन्द्राकर ने प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों को बेहतर स्थिति में लाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं से समन्वय कर ऐसे कार्यक्रमों के नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
श्री चंद्राकर ने बैठक में कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों के नियमों में एकरूपता होनी चाहिए। उन्होंने कॉलेजों में सेटअप के अनुसार आरक्षण नियमों का पालन करते हुए समय सीमा में स्टाफ के भर्ती करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों को आवश्यकता के हिसाब से चिकित्सा उपकरणों और दवाईयों की मांग सीजीएमएससी को भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने सीजीएमएससी के अधिकरियों को भी कॉलेजों और अस्पतालों को समय-सीमा में दवाई उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमति निहारिका बारिक सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. ए.के. चन्द्राकर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं महामारी के संचालक डॉ. आर.आर. साहनी, डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी और मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाता सहित संबंधित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।