खर्चीली शादियों के बेहतर विकल्प हैं सामूहिक विवाह : डॉ. रमन सिंह
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि महंगाई के इस दौर में सामूहिक विवाह खर्चीली और आडम्बरपूर्ण शादियों के बेहतर विकल्प साबित हुए हैं। सामूहिक विवाह आयोजन से सामाजिक रिश्ता और भाई-चारे की भावना मजबूत होता है। डॉ. सिंह आज यहां मण्डी परिसर में निषाद (केंवट) समाज द्वारा राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने नव-विवाहित बेटियों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत पात्रता में नहीं आने वाले विवाहित जोड़ांे को स्वेच्छानुदान मद से 10-10 हजार रुपए प्रदान करने की घोषणा की। सामूहिक विवाह समारोह में आज निषाद समाज के 48 जोड़ों का सामाजिक रीति-रिवाज के साथ खुशनुमा माहौल में विवाह सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता निषाद समाज के प्रदेश अध्यक्ष नेहरूराम निषाद ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में स्थानीय लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह, डोंगरगढ़ विधायक श्रीमती सरोजिनी बंजारे, नगर निगम के महापौर श्री मधुसूदन यादव, राज्य समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्रीमती शोभा सोनी, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री खूबचंद पारख, नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री लीलाराम भोजवानी, राजगामी संपदा न्यास के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद समाज की मेहनत का परिणाम है कि छŸाीसगढ़ आज मछली बीज उत्पादन में आत्म निर्भर हो गया है। मछली के बीज आज बाहर के राज्यों से मंगाने नहीं पड़ते बल्कि हम निर्यात करने लगे हैं। निषाद केवंट समाज के परिश्रम के बदौलत ही छŸाीसगढ़ में मछली का उत्पादन 6 गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि निषाद समाज आदिकाल से भारतीय समाज का प्रमुख अंग रहा है। उन्होंने समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह की परम्परा की सराहना की। उन्होंने कहा कि जो समाज अपने जीवनकाल में बेटियांे और महिलाआंे को शिक्षित और जागरूक करता है, वहीं समाज का नेतृत्व करता है। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में निषाद समाज के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बिलासपुर शहर का निर्माण बिलासा केंवटीन ने किया था। पद्श्री पुरस्कार से सम्मानित स्वर्गीय पूनाराम निषाद ने छŸाीसगढ़ की संस्कृति को देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने मंे महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि निषाद समाज को मछुआरा सलाहकार समिति में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। राज्य सरकार मछुआरा नीति में केंवट समाज के हितों को विशेष प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री ने मछुआरा समाज के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रमुख योजनाआंे की जानकारी देते हुए उनका लाभ उठाने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के विवाह और कन्यादान से बढ़कर कोई यज्ञ नहीं है। कन्यादान से बढ़कर किसी पिता के लिए सौभाग्य की कोई बात नहीं होती। निषाद समाज ने मुझे यहां आमंत्रित करके मेरा मान बढ़ाया है, इसके लिए मैं निषाद समाज के प्रति आभारी रहूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में दिखावे की प्रवृŸिा और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए ही राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक कन्यादान योजना लागू की है। पिछले एक दशक में 75 हजार से यादा बेटियों की शादी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह योजना आगे भी जारी रहेगी। सभी समाज का व्यापक समर्थन इस योजना को मिल रहा है। लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि सामूहिक विवाह योजना ने समाज के गरीब लोगों की चिंता दूर कर दी है। बेटी का विवाह एक बड़ा काम होता था और लोग कर्ज में भी डूब जाते थे। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ है। निषाद समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री एम.आर निषाद ने भी समारोह को सम्बोधित किया। समाज के जिला प्रमुख श्री बिसेलाल निषाद ने स्वागत भाषण दिया।
निषाद समाज की प्रतिभाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सम्मेलन में निषाद समाज के प्रतिभाओं का समाज की ओर से स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेट कर सम्मानित किया। उन्होंने महिला उत्थान के क्षेत्र में बागरेकसा की श्रीमती गोदावरी निषाद, संगीत एवं कला के क्षेत्र में सचिन निषाद, समाज सेवा के क्षेत्र में हीराभाई निषाद, खेल के क्षेत्र में कामेश निषाद और पत्रकारिता के क्षेत्र में चैनकुमार सोनवानी को सम्मानित किया और शुभकामनाएं दी।