माज़ आशरफी ने रखा रमजान का पहला रोज़ा

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रायपुर, पवित्र माह रमजान के लगते ही मुस्लिम समुदाय के लोग अपने रब को प्रसन्न करने के लिए रखते हैं जिसमे रामज़ान के रोजे की बड़ी फ़जीलत बताई गए, बड़ों का अनुसरण करते हुए बच्चे भी रमजान का रोजा रखते हैं यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो रोज उपवास फास्ट करने से शरीर में जमा फैट कोलेस्ट्रॉल व कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है शरीर में अनावश्यक बीमारियों से बचा जा सकता है साथ ही पूरे शरीर की गंदगी भी दूर हो जाती हैं।आपको बता दे की
बैजनाथ पारा निवासी माज़ अशरफ अशरफ़ी ने रखा अपना पहला रोज़ा 7 साल की उम्र में कड़ी धूप के बावजूद नमाज़ और रोज़े में पढ़ने वाली दुआ के साथ ही साथ दिनभर भूखे प्यासे इबादत में गुजारा अपना पूरा दिन माज़ अशरफ ,अब्दुल मोहिद खान के साहबज़ादे और (मीडिया कोऑर्डिनेटर) कांग्रेस प्रवक्ता शाहरुख अशरफ़ी के छोटे भतीजे है।
बच्चों के रोजा रखने से परिवार के सभी ईस्ट जनों ने उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

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