हमने बनाया है हम ही संवारेंगे की तर्ज पर श्याम बिहारी जायसवाल का किसानों को संदेश।
3100 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और 21 क्विंटल प्रति एकड़ किसान धान बेचे।
सभी धान समितियों में खरीदी वायदे के मुताबिक जारी, कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है।
चिरमिरी/MCB
चिरमिरी एमसीबी कांग्रेस हर चीजों में राजनीति करना बंद करें। माननीय विष्णु देव जी की सरकार किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है । हम किसानों की प्रति एकड़ 21 कुंटल धान खरीदेंगे और खरीद रहे है।कई सोसाइटी में बात आ रही कि अभी कम टोकन कटे हैं। इसका कारण जानने के बाद पता चला कि समिति प्रबंधकों से अभी इंतजाम प्रारंभिक अवस्था में है, अभी मैं रतनपुर के ही धान खरीदी केंद्र में हूं और जो किसान यहां धान ला रहे हैं किसी का 15 कुंटल है किसी का 20 कुंटल है ऐसा नहीं है कि यह अंतिम खरीदी है ।सरकार ने प्रावधान दिया है दो टोकन काटने का है। जो बचे हुए धान है वह दूसरे टोकन में आएंगे और जो किसान का 21 कुंटल उपज ही नहीं है वह कहां से लाएंगे 21 कुंटल धान । मैं बताना चाहता हूं सरकार हर किसान का धान 21 कुंतल पर एकड़ के दर से खरीदेंगे। जो कांग्रेस पार्टी के लोग हैं जैसा की जानकारी मिल रहा है ज्ञापन देने की बात चल रही है धरना देने की बात चल रही है यह राजनीति करने का काम है। उक्त बाते स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल खड़गवा क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में किसानों के बीच कही।
दरअसल आज मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने सर्व प्रथम अपने खलिहान में पूजा अर्चना कर गृह ग्राम रतनपुर, बरदर, लकड़ापारा, खड़गंवा के सभी धान खरीदी केंद्रों में जाकर धान को हाथों से उठाकर देखा और सभी किसानों से भेंट मुलाकात की । इस दौरान मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किसानों को फूल माला पहनाकर और श्रीफल देकर धान बेचने की बधाई दी और किसानों से कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस के लोगों के द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि 2300 रुपए प्रति कुंटल समर्थन मूल्य और 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी किया जा रहा है ऐसा कुछ भी नहीं है जो हमारे मुख्यमंत्री ने किसानों से वादा किया है की ₹3100 पर क्विंटल धान खरीदी करेंगे और पर एकड़ 21 क्विंटल धान लेंगे वह सभी धान खरीदो केंद्र में लिया जा रहा है। जिसके पास उतना धान ही नहीं है तो वह किसान कैसे 21 क्विंटल लाकर धान बेचेगा, जिसके पास जितना धान है किसान उतना ही धान समितियां में लाकर बेचेगा ।