फेफड़ों में समा रही कोल डस्ट, धनपुरी वासी पस्त
क्षतिग्रस्त पुल के कारण बंद बायपास मार्ग बना जी का जंजाल
धनपुरी। कोयला परिवहन के लिए उपयोग किए जा रहे बायपास मार्ग पर बनी पुलिया लगभग 2 माह से क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद से अब माडल रोड धनपुरी के हृदय स्थल आजाद चौक मार्ग होते हुए बुढार कोल साइडिंग के लिए सैकड़ो की संख्या में गाडियों का आवागमन होता है, सुबह से शाम तक कोयला से भरे, खाली ट्रकों से छोटे छोटे कोयले के टुकड़े रोड पर गिरते हैं वही कोयला कोल डस्ट बनकर उड़ता है जो सड़क किनारे बसे रहवासियो, और व्यापारियों, दुकान दारो की सांसों में घुलकर दमा जैसी श्वास गत बीमारियों का शिकार बना रहा है। जिस प्रकार बड़ी संख्या में 50 से 60 टन तक कोयला लोड कर वाहन इस मार्ग से आवागमन कर रहे हैं उनके ध्वनि प्रदूषण से या तो लोग बहरे होंगे या उड़ने वाली कोल डस्ट से सांस जैसी बीमारियों का शिकार होकर बेमौत मरने पर विवश होंगे। दुकानदार, व्यापारी और सड़क किनारे बसे आम नागरिक पिछले दो माह से परेशान हैं, और जनाक्रोश बढ़ता ही जा रहा है जो कभी भी तीव्र जनांदोलन का रूप ले सकता है।
नगर पालिका का स्टॉप डैम टूटने से वर्षों पूर्व कालरी प्रबंधन के द्वारा बनाया गया पुल पानी के बहाव में क्षतिग्रस्त हो गया। पुल क्षति ग्रस्त होने के चलते दो माह से तीन खदानों का कोयला दामिनी, खैरहा,राजेंद्रा माइंस से कोयला परिवहन लोड ट्रक सैंकड़ों की संख्या में कालेज तिराहा से माडल रोड आजाद चौक होते हुए बुढार साइडिंग तक जाते हैं। सुबह से शाम तक कोयला से भरी 12-14 चकों वाली भारी भरकंप वाहन ओभर लोग कोल डस्ट, एक्सीडेंट होने की संभावना ट्रैफिक जाम होने की समस्या रोड टूटने लगी है कोलडस्ट होने के चलते दुकानों में रखे सामान खराब हो रहे हैं लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है।
पाबंदी से मिली थी राहत
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि धनपुरी थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी श्री ठाकरे द्वारा शहर के बीच मुख्य मार्ग से कोयला लोड भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाया गया था और इन वाहनों के आवाजाही की व्यवस्था बायपास मार्ग से की गई थी जिससे स्थानीय रहवासियों व्यापारियों को काफी राहत मिली थी। यह व्यवस्था चल ही रही थी कि अचानक पुल क्षतिग्रस्त हो गया और फिर से लोगों को कोल डस्ट, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण का शिकार होना पड़ रहा है। यदि बायपास मार्ग की शीघ्र मरम्मत कर दी जाए तो इस समस्या से नागरिकों को निजात दिलाई जा सकती है।
पुल क्षतिग्रस्त हुए दो माह बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण कालरी या पीडब्ल्यूडी कौन करेगा अभी तक जानकारी नहीं हुई है। पीडब्ल्यूडी को बनाना है तो इंतजार परमीशन किसकी हो रही है। जबकि पुल छतिगस्त होने से एसईसीएल सोहागपुर एरिया को कोल ट्रांसपोर्टिंग को लेकर लाखों की चपत लग रहा है फिर भी छतिगस्त पुल बनाने के लिए दोनों विभाग रुल के अनुसार अंडे हुए हैं अब देखना है ऊढ किस करवट बैठता है।
छतिगस्त पुल को लेकर एक अनुभवी इंजीनियर की माने तो पुल छतिगस्त नहीं हुआ है। पुल के पहले सीमेंट गिट्टी से बने कंक्रीट फर्स और मूरूम पानी दवाब से बैठ गया है।अगर एक बार फिर निरीक्षण किया जाऐ कि पुल क्या छतिगस्त हुआ है या बाहरी हिस्सा पानी के दवाब के चलते मिट्टी दब गई है। अगर दवी हुए मिट्टी को फिर से सीमेंट गिट्टी से फीलिंग करा दिया जाए तो पुनः आवा गवन सुरु हो सकता है लेकिन पहले इसकी जांच पड़ताल कराई जाऐ।
चक्काजाम की चेतावनी
कोलडस्ट को लेकर नगर व्यापारी संघ ने कहा कि बायपास मार्ग से ही पूर्व की तरह कोयला से भरे ट्रैकों का आवागमन किया जाए अन्यथा नगर व व्यापारी संघ इसके विरोध में रोड जाम करने के लिए विवश होंगे। विरोध करने वालों में श्रमिक नेता राम सिंह, आनंद मोहन जायसवाल पार्षद, अजय जायसवाल, एसपी सिंह पार्षद, भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि सिंह कश्यप, अनिल जायसवाल तिलक राज सोनी नरोत्तम गुप्ता, सुभाष गुप्ता आदि लोगों ने मांग की है।
इनका कहना है-
क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण पीडब्ल्यूडी करावेगी, पहले भले ही कालरी प्रबंधन ने पुल का निर्माण किया था लेकिन अब यह लोकनिर्माण विभाग के क्षेत्राधिकार में है।
एसके जैन
- एस ओ सिविल, सोहागपुर एरिया