स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों के सफलता के लिए जन-भागीदारी जरूरी: श्री अजय चन्द्राकर
रायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां रायपुर के भाठागांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए सिकलसेल जांच महाभियान का शुभारंभ किया। श्री चन्द्राकर ने इस मौके पर कहा कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में पहली बार सिकलसेल जांच महाभियान आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सफलता के लिए आम जनों की सहभागिता जरूरी है। इस अभियान में गर्भवती महिलाओं और तीन से 18 वर्ष तक के बच्चों का सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में सिकलसेल जांच की जाएगी।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि सिकलसेल महाभियान का उद्देश्य जागरूकता लाना है, ताकि पीड़ित लोग सही दिशा में इलाज करा सकें। उन्होंने बताया कि जागरूकता के अभाव में लोग सही दिशा में इलाज नहीं करा पाते। श्री चन्द्रकर ने लोगों से स्वास्थ्य केन्द्रों में सिकलसेल जांच कराने, नियमित दवाई लेने और इस महाभियान में सहयोग प्रदान करने की अपील की, जिससे छत्तीसगढ़ को सिकलसेल मुक्त राज्य बनाया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने भी शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित किया। श्री साहू ने कहा कि सिकलसेल महाभियान केवल रिकार्ड बनाने के लिए नही है, बल्कि जनजागरूकता के लिए आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सिकलसेल से लगभग दस प्रतिशत आबादी ग्रसित हैं। सिकलसेल जांच के बाद ही रोगी का समुचित उपचार किया जा सकेगा। श्री साहू ने बताया कि वर्ष 2008 से वर्ष 2018 तक 18 लाख 13 हजार से अधिक लोगों की सिकलसेल जांाच की गई। इसमें 16 लाख 25 हजार 752 निगेटिव तथा एक लाख 80 हजार सिकलसेल एस और 7221 सिकलसेल एस.एस. रोगी पाए गए।उन्हांेनेेेे बताया कि वर्ष 2008 में 1,27,223 लोगों की सिकलसेल जांच की गई, जिसमें 1,14,752 निगेटिव तथा 12058 सिकलसेल एस. और 413 सिकलसेल के एस.एस. रोगी पाए गए। इसी प्रकार वर्ष 2017 में 1,61,937 लोगों की सिकलसेल जांच की गई जिसमें 1,45101 निगेटिव तथा16209 सिकलसेल ए.स. और 614 सिकलसेल के एस.एस. रोगी पाए गए। वहीं वर्ष 2018 में अब तक 15,843 लोगों की सिकलसेल जांच की गई, जिसमें 14,194 निगेटिव तथा 1570 सिकलसेल ए.एस. और 73 सिकलसेल एस.एस. के रोगी पाए गए। इस मौके पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एस.के. बिंझवार, वार्ड पार्षद श्री किरन साहू और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के इंडिया हेड श्री बिशनोई सहित संबंधित अधिकारी और वार्डवासी उपस्थित थे।