साल भर पूर्व घर में काम करने वाली नॉकरानी ने ही लगाया था कपड़ा व्यवसायी के ऊपर शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप
चिरमिरी( कविराज ) एक साल की क़ानूनी लड़ाई के बाद चिरमिरी में फेरी लगाकर कपडे का व्यवसाय करने वाले व्यवसायी गौतम बोस को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय कीर्ति लकड़ा ने उनके ही घर में नॉकरानी का काम करने वाली महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार और मारपीट के आरोप से दोषमुक्त कर दिया है ।
ज्ञात हो कि 19 दिसम्बर 2016 को हल्दीबाड़ी के घुटरी दफाई में रहने वाले कपडा व्यवसायी गौतम बोस के घर में नॉकरानी का काम करने वाली महिला ने चिरमिरी थाने में लिखित शिकायत देकर यह रिपार्ट दर्ज कराई थी कि व्यवसायी गौतम बोस शादी का झांसा देकर उसके साथ लगभग 2 साल तक शारीरिक संबंध बनाता रहा । तथा जब उसने शादी की बात की तो उसने शादी से इंकार कर दिया और उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया । महिला की रिपोर्ट पर चिरमिरी पुलिस ने कपड़ा व्यवसायी गौतम बोस के ऊपर धारा 376(2)(n), 323 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया तथा व्यवसायी गौतम बोस को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, जहां से लगभग एक माह बाद कोर्ट से जमानत मिलने पर गौतम बोस जेल से रिहा हुआ ।
मामले के विचरण के दौरान अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष आरोप को साबित करने के लिए 8 साक्षियों को प्रस्तुत किया लेकिन वे आरोप साबित करने में विफल रहे । अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय कीर्ति लकड़ा ने आरोप सिद्ध होना नही पाया और आरोपी कपडा व्यवसायी गौतम बोस को बलात्कार और मारपीट के आरोप से दोषमुक्त कर दिया ।
लगभग एक साल की क़ानूनी लड़ाई के बात जीत मिलने पर व्यवसायी गौतम बोस ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि देर भले हो लेकिन अंततः सत्य की विजय होती है ।