साजापहाड़ की बदनसीबी और चिरमिरी नगर निगम के फौज की घोर लापरवाही के शिकार स्थानीय जन
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े वार्ड में शुमार साजा पहाड़ के साथ ये सौतेला व्यवहार क्यू ……..
पानी की बूंद -बूंद को तरसते साजा पहाड़ वासी………..
8 साल में फूंके लगभग 30 करोड़, फिर भी नहीं मिली सड़क-बिजली, पानी ?………..
क्षेत्र में कुल 16 हैंडपंप लगे है, लेकिन हैण्डपंप से लाल और पिला पानी ही निकलता हैं। नगर निगम चिरमिरी की अनदेखी
बिडला कंपनी के ज़माने में था गुलज़ार साजा पहाड़
खेती पर ही जीवन यापन कर रहे स्थानीय जन
चिरमिरी नगर निगम की लापरवाही से साशन को लगा कोरोड़ो रूपए का लगा
एक प्राइमरी स्कूल और 80 बच्चे कब होगी सुनवाई??
करोड़ों खर्च होने के बाद भी नहीं बदली वार्ड की तकदीर,????????
सिर्फ तस्वीर में बदलती है साजा पहाड़ की किस्मत???????????
जोगी एक्सप्रेस
चिरमिरी.भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुके साजा पहाड़ के कब दिन फिरेंगे अब इस का भगवान् ही मालिक स्थानीय लोग अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे |क्यू की वर्सो से अपने बुजुर्गो द्वारा सुनाई गयी कहानियो में साजा पहाड़ को काफी उन्नत और सम्प्पन सुनते आ रहे यहाँ के युवा अब बस इन्ही कहानियो के बल पर ही अपने आप को सिमित कर चुके है|स्थानीय समस्याओ को लगभग कई सरकारो ने देखा और कागजो में बड़ी ही ख़ूबसूरती से उन्नत बनाते चले गए ,और नगर निगम ने भी यहाँ पूर्ण सविधाओ के लिए अपनी मोहर लगा दी|वही बुनियादी सुविधाओ के लिए पिछले आठ साल में लगभग 30 करोड़ रुपये पानी की तरह खर्च कर दिए गए लेकिन वार्ड में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया है। 14 किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए इस वार्ड की आबादी करीब 600के आस पास है।
वार्ड के लोग बारिश के मौसम में जरूरी सामान लेने के लिए नाला पार और उबड़-खाबड़ पगडंडी सड़क से होकर चिरमिरी पहुंचने को मजबूर हैं। वार्ड में खर्च राशि सुनकर कोई भी महज ही अंदाजा लगा सकता है कि यह नगर निगम का मॉडल वार्ड बन चुका होगा। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही हैं।
नगर निगम चिरिमिरी ने वार्ड क्र.1 साजापहाड़ का विकास करने के लिए पिछले 8 साल में 30 करोड़ की राशि खर्च की है। राज्य सरकार की इस भारी भरकम राशि को सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं पर खर्च करने की बात कही जा रही है।
लेकिन वार्ड में आज तक चलने के लिए पक्की सड़क का निर्माण, पीने का साफ पानी की सुविधा और रौशनी के लिए बिजली नहीं लगी है। वार्ड के नागरिक पिछले करीब 60 साल से ढोढ़ी का गंदा पीने पीने का मजबूर हैं और निस्तारी कार्य के लिए नाले का गंदा पानी उपयोग कर रहे हैं।
सिर्फ कागजो पर कर दी भरी भरकम राशि खर्च
नगर पालिक निगम चिरमिरी द्वारा पिछले 8 साल में वार्ड क्रमांक-1 में विकास कार्य के नाम पर लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिसमें विभिन्न सामुदायिक, सामाजिक भवन, कुंआ, हैंडपंप, जलाशय, सीसी सड़क, नाला, नाली आदि विकास कराने का दावा किया जा रहा है। लेकिन अपसरों और ठेकेदारों की मनमानी के कारण विकास कार्यों को गुणवत्ता की अनदेखी की गई और समय से पहले ही जर्जर हो गए, जिसका लाभ वार्डवासियों को नहीं मिल पाया है।
जिससे वार्डवासियों को पुन: अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवाज बुलंद करनी पड़ रही है। क्योंकि गर्मी शुरु होने के पूर्व ही हैंडपंप, कुंआ दूषित पानी देने लगे हैं। निगम के इस वार्ड का लगभग 5 प्रतिशत का हिस्सा ही शहर में है, जिसमें निगम के कर्मचारी का निवास, निगम कार्यालय स्थित है। बाकि के पलथाजाम, लामीगोड़ा, साजापहाड़, चित्ताझोर आदि ग्राम विकास से कोसों दूर हैं। इस साल भी सीसी सड़क, ट्यूबलर पोल के लिए लगभग 2.5 करोड़ रुपए खर्च किए हंै।
वर्षो पहले थी यहाँ रौनक गुलजार हुआ करता था साजा पहाड़
साजापहाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 60 वर्षो पहले जब बिरला कंपनी कोयला खनन करती थी, तब इस जगह अच्छी खासी रौनक हुआ करती थी। लोगों के पास भी रोजगार के साधन थे। मगर अब गांव की आबादी भी धीरे-धीरे कम हो गई है और लोग पलायन कर गए है। रोजगार के भी अन्य विकल्प अब नहीं बचे हैं।
खेती पर ही जीवन-यापन कर रहे है। स्थानीय लोग रोजगार न मिलने से है दुखी लेकिन फिर भी नगर निगम,
एसईसीएल द्वारा करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों के जीवन स्तर को उठा पाने में सक्षम नहीं है। कारण यह है कि एसईसीएल द्वारा बनाए गए भवन की कोई उपयोगिता नहीं रह गई है।
प्रदेशभर के निकायों में सबसे बड़ा वार्ड होने का लगा है तमगा
नगर पालिक निगम चिरमिरी के अनुसार यह वार्ड क्षेत्रफल के हिसाब से चिरमिरी के सभी वार्डो में सबसे बड़ा है। लगभग 14 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले इस वार्ड को प्रदेश का सबसे बड़ा वार्ड भी बताया जाता है। वर्तमान में वार्ड की जनसंख्या मुश्किल से गांव की आबादी 500 से 600 है।
करोड़ों खर्च होने के बाद भी इस वार्ड की तस्वीर बदलकर शहर जैसे सुविधाएं नहीं जुटा पाए हैं। गर्मी के दिनों में ग्रागीण इलाके के लोग करोड़ों खर्च होने के बाद भी इस वार्ड की तस्वीर बदलकर शहर जैसे सुविधाएं नहीं जुटा पाए वही पानी की बूंद -बूंद को तरसते है यहाँ के स्थानीय लोग , बरसात में यहां के नाले उफान पर रहते है। नगर निगम कार्यालय के पीछे ही बसा यह गांव दिया तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
एक प्राइमरी स्कूल और 80 बच्चे शुरू है दोहन का सिलसिला
वार्ड क्रमांक-1 साजापहाड़ में स्कूल के नाम पर एक मात्र प्राथमिक शाला है। जिसमें 80 बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन बच्चों के लिए स्कूल में पीने के पानी तक का इंतेजाम नहीं है। स्कूल परिसर में एक ही हैंडपंप लगा है, अगर वह भी खराब हो जाए तो पास से बह रहे नाले से पानी लेकर आते हैं। प्रधान पाठक राजकुमार कुजूर ने बताया कि कुछ दिन पूर्व इस हैंडपंप की मरम्मत हुई है। क्षेत्र में कुल 16 हैंडपंप लगे है, लेकिन हैण्डपंप से लाल और पिला पानी निकलते हैं। जो कि पीने योग्य नहीं पर रहता है, लेकिन मजबूरी में पीना पड़ रहा है। स्कूल से कुछ ही दूरी पर गांव में एक कुंआ है। मगर वहां भी गंदगी ऐसी की उस पानी को भी पी नहीं सकते हैं।
इनका कहना है ……….
कहा मिलती है सुविधा शाहब
इन इलाकों में सालो से कोई विकास कार्य नहीं किया गया। चित्ताझोर के कुछ हिस्सों में आज भी बिजली नहीं पहुंची है। लगभग 8 वर्षोंं में इस वार्ड में 30 करोड़ का निर्माण कार्य कराया है, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हंै। साजापहाड़ में लाल पीले पानी की शिकायत का पता है। जल्द ही निगम की मदद से यहां फिल्टर प्लांट बिठाने का प्रयास करेंगें।
रामकुमारी सिंह, पार्षद वार्ड
क्रमांक-01 साजापहाड़
इनका कहना है ……….
लापरवाही हुई है कार्रवाई भी निश्चित होगी
सभी वार्डों की तर्ज पर वार्ड नंबर-1 काफी बढ़ा है। रही बात निर्माण कार्यो में अनिमिताओं की तो आज कल टेक्नीकल कार्यों की मशीन से जांच होती है। जिसमें संबंधित ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरतने पर करवाई जरूर होगी। चाहे वह कोई भी हो। वही मेरी पदस्थापना से पहले जो कार्य हुए हैं और इतनी राशि खर्च की गई है। उन कार्यों की जानकारी नहीं है। शहर के वार्डवासियों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क, जैसी मूलभत सुविधा देना निगम की पहली प्राथमिकता है।
बी.एल. सुरक्षित,
आयुक्त नगर निगम चिरमिरी
अंकुश गुप्ता
जोगी एक्सप्रेस
चिरमिरी जिला कोरिया छत्तीसगढ़