गले लगाकर नरेंद्र मोदी ने किया कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का स्वागत
नई दिल्ली : कनाडा को आतंकवाद पर भारत का रुख मानने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों के प्रति नरम रुख अपनाने के आरोपों से घिरी है, लेकिन उसे भारत सरकार के साथ मिलकर यह कहना पड़ा है कि किसी भी देश को अपनी धरती पर आतंकवाद या हिंसक उग्रवाद की गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए।
शुक्रवार को दोनों देशों ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ सहयोग के लिए फ्रेमवर्क अग्रीमेंट पर साइन किए हैं, जिसमें पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे आतंकवादी संगठनों के साथ-साथ बब्बर खालसा इंटरनैशनल जैसे खालिस्तान समर्थक संगठनों का नाम लेकर उन्हें खत्म करने की बात कही गई है। भारत आए ट्रूडो के सामने पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ-साफ कहा कि संप्रदाय का राजनीतिक उद्देश्य के लिए गलत इस्तेमाल करने वालों और बंटवारे की खाई खोदने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 18 फरवरी से भारत के दौरे पर हैं और उनका यह दौरा काफी विवादों में है। माना जा रहा था कि कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के प्रति ट्रूडो सरकार की नरमी से भारत सरकार ने दौरे को खास तवज्जो नहीं दी। गुरुवार को कनाडाई उच्चायोग में खालिस्तानी आतंकी को डिनर का न्योता दिए जाने और उसके साथ कनाडा के पीएम की पत्नी की तस्वीर आने के बाद विवाद काफी बढ़ गया था।