November 22, 2024

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में रायपुर में बस्तर-सरगुजा प्राधिकरणों की बैठक

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रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सरगुजा और बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरणों के कार्यक्षेत्र में सौर सुजला योजना के तहत किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना के कार्यों में और भी ज्यादा तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज अपरान्ह यहां सरगुजा और उत्तर क्षेत्र तथा बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों की अलग-अलग बैठकों में विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। विधानसभा के नवीन समिति कक्ष में आयोजित दोनों बैठकों में सदस्यों ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के 27 समुदायों के जातिगत नामों के उच्चारण विभेदों को मान्य करने और जाति प्रमाण पत्र जारी करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनका अभिनंदन किया। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया।
बैठक में बताया गया कि लगभग डेढ़ साल पहले (नवम्बर 2016) से राज्य शासन द्वारा शुरू की गई सौर सुजला योजना के तहत दोनों प्राधिकरणों के 22 जिलों में अब तक 19 हजार 025 सोलर पम्प स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से अब तक ग्यारह हजार 705 किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष मंजूरशुदा प्रकरणों में भी पम्प स्थापना का कार्य तेजी से किया जाएगा। सौर ऊर्जा से चलने वाले ये सिंचाई पम्प नाम मात्र कीमत पर किसानों को दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पहले बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक ली। इसमें संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के सहयोग से बनने वाले 200 बिस्तरों के सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल निर्माण के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। डॉ. रमन सिंह ने बस्तर संभाग के कमिश्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे इस संबंध में एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक से बातचीत करें। डॉ. सिंह ने बस्तर प्राधिकरण की बैठक में अगले माह मार्च तक 150 देवगुड़ी निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ रूपए तत्काल मंजूर कर दिए और संबंधित अधिकारियों से कहा कि यह राशि दस मार्च तक जारी कर दी जाए। प्रत्येक देवगुड़ी के लिए एक लाख रूपए मंजूर किए गए। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर प्राधिकरण के कार्य क्षेत्र के 12 जिलों में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और विकास के लिए वर्ष 2017-18 में 218 देवगुड़ी निर्माण का लक्ष्य है। इसके लिए एक-एक लाख रूपए के मान से दो करोड़ 18 लाख रूपए की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने आज की बैठक में 150 और देवगुड़ी निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी।
दोनों प्राधिकरणों की राशि से आदिम जाति विकास विभाग द्वारा संचालित शहीद वीरनारायण सिंह स्वावलंबन योजना के तहत आदिवासी युवाओं को स्व-रोजगार स्थापना के लिए दी जा रही वित्तीय सहायता की भी आज की बैठकों में समीक्षा की गई। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को व्यवसाय प्रारंभ करने और दुकान निर्माण के लिए सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दोनों प्राधिकरणों के जिलों में योजना के तहत स्वीकृत प्रकरणों और निर्मित दुकानों तथा व्यवसाय शुरू कर चुके हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन करवाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि बस्तर प्राधिकरण द्वारा चालू वित्तीय वर्ष को मिलाकर विगत तीन वित्तीय वर्षों में शहीद वीर नारायण सिंह स्वाललंबन योजना के तहत 600 हितग्राहियों के लिए दस करोड़ 62 लाख रूपए मंजूर किए जा चुके हैं। वर्ष 2015-16 में 300 हितग्राहियों के लिए चार करोड़ 56 लाख रूपए, वर्ष 2016-17 में 250 हितग्राहियों के लिए पांच करोड़ 05 लाख रूपए और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 50 हितग्राहियों के लिए एक करोड़ 01 लाख रूपए की धनराशि मंजूर की गई है।योजना के तहत उनके लिए दुकानों का निर्माण भी किया जा रहा है। अब तक स्वीकृत 600 प्रकरणों में लगभग 200 युवाओं ने स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर दिया है। सरगुजा और उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत शहीद वीरनारायण सिंह स्वावलंबन योजना में वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 में 300 हितग्राहियों के लिए छह करोड़ 05 लाख रूपए मंजूर किए जा चुके हैं। इनमें से 244 हितग्राहियों की दुकानों का निर्माण प्रगति पर है। इसके पहले के तीन वित्तीय वर्षों में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना में 800 युवाओं के लिए 12 करोड़ 16 लाख रूपए मंजूर किए गए थे। इनमें से 669 युवाओं ने स्वयं का व्यवसाय शुरू कर दिया है। दोनों प्राधिकरणों के जिलों में किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा भी आज की बैठकों में की गई।

उल्लेखनीय है कि सरगुजा और उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत राज्य के दस जिले क्रमशः सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कोरिया, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, मुंगेली और कबीरधाम को शामिल किया गया है। बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 12 जिले-सुकमा, कांकेर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर (जगदलपुर), नारायणपुर, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और कबीरधाम शामिल हैं। आज की बैठक में दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क मिश्रित पानी की समस्या को देखते हुए पूर्व में 32 गांवों के लिए स्वीकृत कुल 53 करोड़ 48 लाख रूपए की धुरली और नेरली समूह जल प्रदाय योजनाओं की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि दोनों योजनाओं में पचास-पचास प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इन योजनाओं को जून 18 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में दंतेवाड़ा जिले के 66 गांवों की 68 बसाहटों में सौर ऊर्जा आधारित ड्यूल पम्प स्थापना के लिए क्रेडा को पूर्व की बैठक में पांच करोड़ 22 लाख रूपए मंजूर किए जा चुके हैं। बालोद जिले के विकासखण्ड डौंडी में दल्लीराजहरा लौह अयस्क खदान के नजदीक 75 गांवों में शुद्ध पेयजल के लिए सौर ऊर्जा आधारित पम्प स्थापना के बारे में भी बैठक में चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की एजेंसी क्रेडा द्वारा इनमें से 52 गांवों में सौर ऊर्जा से संचालित ड्यूल ऑपरेटेड पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। कबीरधाम जिले के बोड़ला क्षेत्र के 247 गांवों में भी प्राधिकरण की राशि से शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा आज की बैठक में की गई। यह कार्य भी क्रेडा द्वारा किया जा रहा है। इन गांवों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा क्रेडा के सहयोग से सोलर पम्पों के जरिए पेयजल व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सदस्यों से चालू वित्तीय वर्ष के अंतर्गत प्राधिकरणों की शेष राशि को ध्यान में रखते हुए अपने प्रस्ताव जल्द मार्च से पहले प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।
सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक में गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, वन और विधि मंत्री श्री महेश गागड़ा, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल, श्रम और खेल मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजशरण भगत, लोकसभा सांसद श्री कमलभान सिंह, संसदीय सचिव श्रीमती चम्पादेवी पावले, संसदीय सचिव श्री तोखन साहू, विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव, विधायकगण सर्वश्री अमरजीत भगत, खेलसाय सिंह, उमेश पटेल, चिंतामणि सिंह, श्याम बिहारी जायसवाल, बृहस्पति सिंह , श्यामलाल कंवर, जयसिंह अग्रवाल और डॉ. (श्रीमती) रेणु जोगी, सहित प्राधिकरण के जिलों के अनेक विधायक तथा अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, वन और विधि मंत्री श्री महेश गागड़ा, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और विधायक श्री भोजराज नाग, विधायकगण सर्वश्री कवासी लखमा, मनोज मंडावी, मोहन मरकाम, संतोष उपाध्याय, आर.के. राय, दीपक बैज, संतोष बाफना, श्रीमती अनिला भेंडिया, श्रीमती देवती कर्मा और मनोनीत विधायक श्री बर्नार्ड रोड्रिक्स सहित अनेक विधायक तथा संबंधित जिलों के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री अजय सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।

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