रातभर ठेकेदार महानदी का सीना कर रहे छलनी, रातभर होती है रेत की अवैध निकासी, जिम्मेदारों ने कार्रवाई की बजाय मूंद ली आंखे, पुलिस, राजश्व, खनिज, पीसीबी की खुली छूट
रूपेश कुमार वर्मा
बलौदाबाजार,कसडोल।
अवैध उत्खनन और नदियों के संरक्षण के लिए कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में प्रभावी नियम बनाने का जो वायदा किया था उसे निभाते हुए प्रदेश सरकार ने नई रेत नीति 2019 लागू किया है। जिससे प्रदेश के आवाम को सस्ती-सुलभ रेत मिल सकें लेकिन जब यही नीति सरकार की गले की फांस बन जाये तो निश्चित रूप से सरकार की किरकिरी होना लाजमी है। मामला कसडोल विकासखंड के ग्राम मोहतरा के आश्रित ग्राम चिचपोल घाट का है जहाँ मेरी मर्जी की तर्ज पर ठेकेदार द्वारा रेत उत्खनन किया जा रहा है। साथ ही मनमाना दर पर लोडिंग किया जा रहा है। मंगलवार को मीडिया ने जब उक्त घाटों पर जाकर भौतिक सत्यापन किया गया तो हैवी मशीन से रेत का उत्खनन करने की कहानी पूरी तरह सच निकला। सूत्रों ने बताया कि यहाँ ठेकेदार मनमानी पर उतारू है। कुलमिलाकर ठेकेदार द्वारा पैदा की गई कूटनीति का प्रभाव सरकार को पड़ेगा। जिससे सरकार की किरकिरी होना स्वाभाविक है। गौरतलब है कि यहाँ रेत उत्खनन में मजदूरों से काम न कराकर हैवी मशीन लगाया गया है जबकि नियमों के तहत अगर मजदूरों से कार्य लिया जाता तो आज क्षेत्र में पलायन जैसे हालात न होते जानकारो ने कहा कि अगर मजदूरों को मशीन की जगह कार्य मे लिया जाता तो निश्चिततौर पर मजदूरों को अच्छा खासा मजदूरी मिलता साथ ही मजदूरों को पलायन नही करना पड़ता लेकिन यहाँ के ग्रामीण रेत माफियाओं को खुली छूट दे रखें है तभी तो डंके की चोट पर मशीन से उत्खनन हो रहा है।
पोकलेन से हो रहा उत्खनन
नदियों के वास्तविक स्वरूप को बनाए रखने के लिए पर्यावरण विभाग ने रेत खदान में पोकलेन, जेसीबी जैसी हैवी मशीनों को उतारने पर प्रतिबंध लगा रखा है और रेत खदानों मे लोडिंग अनलोडिंग का मैनुएल होना हैं पर ठेकेदार पोकलेन मशीन से न केवल रेत का खनन करते हैं, बल्कि नदी के किनारों को काटकर बीच में बड़े-बड़े रपटा बनाकर नदी का स्वरूप बिगाड़ रहे हैं कसडोल विकासखंड के ग्राम मोहतरा के चिचपोल रेत घाट महानदी के समीप है जहाँ पर मशीनों से दिन-रात रेत का अवैध खनन कर रोजाना हाईवा से परिवहन किया जा रहा है जिसकी सुध किसी जिम्मेदार द्वारा नही ली जा रही है जिससे यहाँ ठेकेदार अंधाधुंध उत्खनन कर शासन को चुना लगा रहा है। ऐसा नही की इसकी जानकारी खनिज विभाग और जिला प्रशासन को न हो लेकिन महीनो की लंबी चढ़ोत्तरी मिलने के कारण खनिज विभाग द्वारा मूक आदेश देने की खबर है वही लोगों की माने तो ठेकेदार और खनिज अधिकारी की मिलीभगत से जीवन दायिनी महानदी का गला घोंटा जा रहा है।
दर्ज हो अवैध उत्खनन का प्रकरण
बहुजन सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष मोतीलाल बंजारे ने कहा कि पर्यावरण की शर्तों का उल्लंघन किए जाने पर रेत माफियाओं के खिलाफ रेत के अवैध खनन और परिवहन का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके अलावा खदान की अनुमति भी पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए इसके अलावा इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच भी होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो। उन्होंने नवागत जिलाध्यक्ष चंदन कुमार से इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की मांग की है साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर प्रशासन ने चिचपोल रेत खदान के मामले में कोई ठोस कदम जल्द ही नहीं उठाया तो वह एनजीटी का रुख करेंगे ।
यह कहता है नियम
यदि सिया और डिया के नियमों पर गौर करें तो शाम 6 बजे के बाद किसी भी तरह का उत्खनन सहित परिवहन नही किया जा सकता है सभी प्रकार की वाहनों में त्रिपाल से वाहन ढका होना चाहिए और अपने क्षेत्र अंतर्गत ही उत्खनन किया जाना चाहिए।लेकिन यहाँ पर खनिज विभाग की सह पर डंके की चोट में नियमो की धज्जिया ठेकेदार द्वारा उड़ाया जा रहा है।
रातभर जारी अंधाधुंध उत्खनन
दिन में उक्त ठेकेदार द्वारा खुलेआम पोकलेन मशीन का उपयोग तो किया ही जा रहा है लेकिन रात के अंधेरे में भी उक्त पोकलेन से अंधाधुंध उत्खनन की जाती है जहाँ आज शासन को गुमराह करते हुय इन ठेकेदारों ने राजस्व की छती पहुंचा रहे है, रात के अंधेरे मे अवैध कारोबार की जानकारी के मुताबिक सैकड़ों हाईवा रात में सड़क के परखच्चे उडाते हुये निकलती है सूत्रों का कहना है कि स्थानिय स्तर पर माफिया का मैनेजमेंट पुलिस और अन्य विभाग से होने के चलते धड़ल्ले से फल फूल रहा है।
इनका कहना है।
मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिला है, इंस्पेक्टर को भेजकर कार्रवाई करता हूं।
के के बंजारे, खनिज अधिकारी, बलौदाबाजार
अगर मशीन से उत्खनन हो रहा है तो मैं खनिज विभाग को जानकारी दे देता हूं।
विवेक पटेल, तहसीलदार, कसडोल