पीएनबी घोटाला : मुखौटा कंपनी व बेनामी संपत्तियों में लगा पैसा
नई दिल्ली। 11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। जांच एजेंसियों को घोटाले का पैसा कम-से-कम 200 मुखौटा कंपनियों और बेनामी संपत्तियों में रफा-दफा किए जाने का शक है। प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने इनकी जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इन्हीं मुखौटा कंपनियों और बेनामी संपत्तियों के मार्फत नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने करोड़ों की हेराफेरी की थी। इसके साथ ही सीबीआइ विदेश स्थित दूसरे भारतीय बैंकों में तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच भी करने जा रहा है।
इस बीच, देश के बैंकिंग तंत्र को सबसे बड़ी चपत लगाकर रफूचक्कर हुए मामा-भांजे (चौकसी और नीरव) का घोटाला उजागर होने के पांच दिन बाद भी सुराग नहीं मिला है। जांच एजेंसियां उनसे संबंधित फर्मों और शोरूम से ज्यादा से ज्यादा माल जब्ती में जुटी हैं। चौथे दिन रविवार को भी ईडी ने देश के 15 शहरों के 45 ठिकानों पर छापे मारे।
माना जा रहा है कि घोटाले का पैसा जिन कंपनियों के जरिये देश-विदेश में खपाया गया है, वे मोदी और चौकसी के परिजनों व रिश्तेदारों की हैं। ईडी दोनों मुख्य घोटालेबाजों से जुड़ी दो दर्जन से ज्यादा अचल संपत्तियों को भी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत जब्त करने की तैयारी में है।
मोदी और उनके परिजनों की आयकर द्वारा पूर्व में जब्त संपत्तियों की ईडी जांच कर रहा है। ईडी के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि करीब 200 फर्जी या मुखौटा कंपनियों का पता चला है, जिनके जरिये घोटाले की राशि देश-विदेश में ठिकाने लगाई गई और बेनामी संपत्तियां खरीदी गईं। ये संपत्तियां जमीन, सोना और हीरे-जवाहरात के रूप में खरीदे जाने की आशंका है। इनकी जांच के लिए आयकर और ईडी ने विशेष टीमों का गठन किया है। अब तक ईडी 5,674 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है।
सीबीआइ ने गीतांजलि कंपनी समूह की भारत स्थित 18 सहयोगी कंपनियों की बैलेंस शीट की जांच शुरू कर दी है। ये कंपनियां मेहुल चौकसी ने बनाई हैं। घोटाले का पैसा कहां-कहां लगाया गया, इसका पता लगाया जा रहा है।