विधायक श्याम बिहारी के आश्वासन के बाद पिछले 08 दिनों से चल रहा सुभाष दा का आमरण अनसन समाप्त
चिरमिरी को तहसील बनाने की घोषणा कराने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार में अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराने तथा चिरमिरी और मनेन्द्रगढ़ के बीच औद्योगिक जोन बनाने के आश्वासन के बाद खत्म हुआ आंदोलनचिरमिरी विकास मंच ने सुचना के अधिकार पर मिली जानकारी को किया सार्वजनिक शहर में 139 एकड़ भूमि है राज्य सरकार की और एसईसीएल चिरमिरी ने स्वास्थ्य सुविधा पर बीते चार वर्षो में 48 करोड़ रुपए किये खर्च.. ..?शहर के अस्तित्व को लेकर चल रही कार्मिक भूख हड़ताल में विशाल आम सभा का हुआ आयोजन
चिरमिरी दामोदर दास । विधायक श्याम बिहारी जायसवाल के चिरमिरी को तहसील बनाने की घोषणा जुलाई तक कराने सहित अन्य मांगों पर अपनी सहमति देने के बाद पिछले 08 दिनों से चिरमिरी के अस्तित्व को लेकर 64 वर्षीय बुजुर्ग सुभाष देवनाथ द्वारा किया जा रहा आमरण अनशन आज सायं 5 बजे समाप्त हो गया । विधायक श्याम बिहारी ने खुद सुभाष देवनाथ को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया ।
रविवार की अपरान्ह लगभग सवा चार बजे विधायक श्याम बिहारी जायसवाल हल्दीबाड़ी अनशन स्थल पर पहुचे और उन्होंने चिरमिरी को तहसील बनाने की सरकार से घोषणा कराने, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के साथ ही वहां विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त करने, मनेन्द्रगढ़ व चिरमिरी के बीच औद्योगिक जोन की स्थापना करने का आश्वासन दिया जिसके बाद व्यापार संघ और अनशन कर्ता सुभाष देवनाथ ने आपसी सहमति से अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया । जिसके बाद विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने अनशन कर्ता सुभाष देवनाथ को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया ।
इससे पूर्व अनशन के आठवें दिन शहर के व्यपारियों और स्थानीय जनमानस द्वारा अनशन स्थल पर पहुच कर अपना समर्थन देते हुए एक विशाल आम सभा का आयोजन किया जिसमें बीते सात दिवस से चल रहे इस आमरण अनशन का चिरमिरी विकास मंच और शहर के एलआईसी संघ ने अपना समर्थन देते हुए इस आंदोलन को और गति प्रदान की और चिरमिरी विकास मंच के पदाधिकारियों ने अपने द्वारा सुचना के अधिकार पर मिली जानकारी को सार्वजनिक मंच से साझा करते हुए बताया की बीते कई वर्षो से शहर के अस्तित्व पर चढे काले बदल को देखते हुए चिरमिरी विकास मंच ने अपने सुचना के आधार पर कई बड़ी जानकारी प्राप्त की है जिसमें आज तक हम लोगो के केवल भूमि नहीं होने के कारण विकास नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है जो किसी भी कीमत में सत्य नहीं है हमारे शहर में आज भी हल्का नंबर 7 और खसरा नंबर 52 में लगभग 139 एकड़ भूमि है जो आज भी राज्य सरकार के अधीन बनी हुई है जिसपर आज तक किसी प्रकार के विकास कार्य नहीं हुए वह भूमि आज भी खाली पड़ी हुई वही हमारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी हम लोगो को झूठी जानकारी देकर हमारे शहर को उजाड़ रहे है और यहाँ विकास के लिए भूमि नहीं होने बात करते है वही शहर की सबसे बड़ी एजेंसी ने जो शहर की बसावट से पहले अपनी स्थापना कर यहाँ से कोयले का उत्खनन कर रही है उसके द्वारा हर वर्ष स्वास्थ्य सुविधा पर लगभग 12 करोड़ रुपए खर्च कर रही है बीते चार वर्षो में उसने चिरमिरी के नाम पर लगभग 48 करोड़ रुपए खर्च कर दिए लेकिन आज तक हमारे शहर में एक भी सर्व सुविधा युक्त अस्पताल का निर्माण नहीं कराया ये हमारे शहर के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है की हम लोगो को केवल एक झूठ की चादर के नीच रखा गया है और हर वर्ष चुनाव के समय विकास की बात को दोहरा कर अपनी जीत पक्की की जा रही है और पुनः आश्वासन पर छोड़ दिया जाता है इसी कड़ी में विशाल आम सभा में उपस्थित स्थानीय नागरिक श्रीकांत शुक्ला ने कहा की हम आज कम है पर हम लोगो में दम है शहर के अस्तित्व को लेकर शहर का 90 प्रतिशत हिस्सा हमारे साथ खड़ा है हर व्यक्ति के जीवन में दो प्रकार की माँ होती है एक माँ वो जो हमें जन्म देती है एक माँ वो जो पालती है तो यह चिरमिरी भी हमारी पालने वाली माँ है जिससे हम मरता हुआ नहीं देख सकते ।