छतीसगढ़ में चैनल एवं अख़बार बना अवैध वसूली का अड्डा : बड़े ब्रांड के न्यूज चैनल पर सवाल ? पत्रकारिता को किया कलंकित चंद दलालों ने
♦छत्तीसगढ़ में न्यूज चैनल /अखबारों के रिपोर्टर व पत्रकार हो रहे शोषण के शिकार,चैनल एवं अख़बार बना उगाही का जरिया,पत्रकार के भूमिका पर भी उठे सवाल..*संगठनों
<जोगी एक्सप्रेस
छत्तीसगढ़ / इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में वसूली का अड्डा बन चुका है और इस के शिकार इस के ही कर्मचारी हो रहे पत्रकारिता के नए दाव पेच सिखाने के नाम पर अपने ही रिपोर्टरों को लुटने में इस के बड़े कर्मचारी लगे हुए है,घटना बीतने दिनों रायगढ़ की है जहाँ पत्रकारिता को कलंकित करने वाला मामला सामने आया ,पत्रकार आरती वैष्णव जिला रिपोर्टर के पड़ पर साधना न्यूज़ पर कार्यरत रही उसने अपनी बात और अपने साथ हो रहे अत्यचार की जो कहानी बया की वह कुछ इस तरह है जी हां यूँ तो प्रिंट एवं इलरक्ट्रॉनिक मीडिया को लोग क्रेज वाला पेशा मानते है बड़े ब्रांड के न्यूज चैनल एवं अखबारों में जुड़के उसमे काम करने की ललक भी वर्तमान में देखने मिल रही है। लेकिन जो लोगों को न्यूज चैनल एवं बड़े बैनरों के तले मिडिया में काम करना को बड़ा ही क्रेज वाला काम मानते है लेकिन इसकी हकीकत चकाचौन्ध से हट कर कुछ अलग ही है। आजकल विभिन्न अखबारों को पत्रकार की आवश्यक्ता नही होती है बल्कि उनको जरूरत होता है अख़बार बेचने वालों का तभी तो बीजनेस तो उन लोगों से अख़बार खूब लेते है लेकिन जब पत्रकार के ऊपर कोई मुसीबत आ जाये तो वही अख़बार पीड़ित व्यक्ति को अपना पत्रकार मानने से इंकार करते हुए उन्हें मात्र एक पेपर बेचने वाला एजेन्ट बता के अपनी जिम्मेदारियों से मुह मोड़ लेता है। उल्टे दिनरात एक करके समाचार भेजने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार का सैलरी देना तो दूर दुर्घटना बीमा तक इन अखबारों के द्वारा उपबलब्ध नही कराया जाता है।*
*न्यूज चैनलों स्टेट हेड/ एडिटर चैनल की आड़ में करते है उगाही छत्तीसगढ़ बना चारागाह
आजकल छत्तीसगढ़ राज्य के अलग स्थापना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार जनसम्पर्क विभाग से डीपीआर लेने के फेर में छत्तीसगढ़ में कुकुरमुत्ते की तरह न्यूज चैनलों की बाढ़ आ गई है लेकिन न तो अधिकतर चैनल प्रदेश में सभी जगह दिखाई देते है न ही चैनल में कार्य करने वाले जिला रिपोर्टरों एवं ब्लॉक के स्ट्रिंगरों को उनके द्वारा किये जाने वाले 24 × 30 दिन कार्य करने वाले एवं प्रदेश की पल पल की घटनाओं को ब्रेकिंग, स्क्रॉल,एंकर विसुसल,बाइट के माध्यम से हर पल पल की खबरों को विभिन्न ब्रेकिंग न्यूज के ग्रुपों एवं एफटीपी के माध्यम से चैनल के इनपुट में भेजते है । मेल से खबरों को भेजते है लेकिन क्या वो सभी खबरे चलती है? नही आखिर क्यों नही चलती है ? ब्लॉक एवं जिला स्तर पर कार्य करने वाले रिपोर्टरों एवं स्ट्रिंगरों का क्या चैनल दुर्घटना बीमा का लाभ देता है जी नही , क्या स्ट्रिंगरों को रिपोर्टरों के खबरों के बदले कोई पारिश्रमिक सैलरी दिया जाता है ?एक दो चैनलों को छोड़ के सभी का जवाब नही ही होगा । न ही रिपोर्टरों को मोबाईल एलाउंस,न ही पेट्रोल एलाउंस,न ही वीडियो कैमरा, न ही किसी प्रकार की कोई सैलरी ही दिया जाता है। लेकिन जब उन रिपोर्टरों से कोई खबर चूक जाये या किसी कारण से कोई फोन अटेंड नही कर पाए तो तुरंत चैनल हेड / एडिटरों का फोन आते ही रिपोर्टरों एवं स्ट्रिंगरों से ऐसे बात किया जाता है कि हम उनके बंधुआ मजदूर है। यदि कोई खबर किसी बड़े नेता / मंत्री या उद्योग पतियों से जुडी हो तो फिर बात ही मत पूछिए आपसे फोनों के लिए सम्बंधित व्यक्ति अथवा नेता / अधिकारी का नम्बर मंगाया जायेगा फिर आप टीवी के स्क्रीन पर समाचार का इंतजार करते हुए बैठे रहिये आपका समाचार चलेगा ही नही लेकिन दिनभर मेहनत करके आपके द्वारा भेजे गए खबर को नही चलने का कारण आप पूछ भी नही सकते यदि आपने पूछ भी लिया तो आपको कोई सन्तुष्टिजनक जवाब भी नही मिलेगा ।*
*स्टेट हेड एवं एडिटर रायपुर में बैठ के लगा रहे आईडी की बोली
हालाँकि सुनने में ये बात थोड़ी अजीबो गरीब लगेगी लेकिन रायपुर में बैठे चैनल के ठेकेदार आपके जिला में स्थित उद्योगों एवं आर्थिक स्थिति के अनुसार आपसे आईडी का सौदा करेंगे। जिला रिपोर्टर बनना है तो 50 हजार ब्लॉक रिपोर्टर बनना है तो 20 से 30 हजार रुपया बकायदा आपसे डोनेशन के तौर पर लिया जायेगा पहले तो आपको यह राशि कार्य छोड़ने के वक्त वापसी की बात की जायेगी लेकिन भला अख़बार या चैनल से किसी को पैसा वापस मिला है किसी को इतना ही नही आई डी एवं पीआरओ लेटर जारी करते ही आपका शोषण प्रारम्भ हो जाता है। फिर शुरू होता है टारगेट का खेल 26 जनवरी,15 अगस्त,दीपावली,नेताओं की जयंती पुण्य तिथि मंन्त्री मिनिस्टरों के आगमन हर अवसर पर उन्हें चाहिए विज्ञपन भले ही आपका समाचार चले न चले चैनल दिखे न दिखे लेकिन आपको विज्ञापन देना ही पड़ेगा*
*रायपुर से बैठ के होता है खबरों का सौदा
जी हां सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन रायपुर में बैठे चैनल हेड/ एडिटर खबरों के ठेकेदार अपने नफा नुकसान के आधार पर खबरों का चयन एवं सौदेबाजी करते है। यदि खबर मंत्री जी से जुडी कुनकुनी 300 एकड़ आदिवासी भूमि घोटाले की हो ,खनन माफियाओं से जुडी खबर हो,भ्रस्ट अधिकारियो से जुडी खबर हो या फिर देश के सबसे बड़े प्रिंट मीडिया ग्रुप डी बी पॉवर से जुडी आदिवासी भूमि घोटाला की खबर जिसपर प्रधानमंत्री कार्यलय से कार्यवाही का आदेश हो को रोक करके उल्टे दलाली करते हुए जिला की महिला रिपोर्टर आरती वैष्णव को धमकी डेते हुए चैनल से निकाले जाने एवं आईडी जमा करने की धमकी देने का घटिया एवं घृणित कार्य किया है साधना न्यूज छत्तीसगढ़ के स्टेट एडिटर दलाल आर के गांधी ने जब उसकी पोल महिला पत्रकार ने खोल दी तो महिला पत्रकार को बदनाम करने खनिज माफियाओं से कर लिया सांठगांठ ।*
*श्री माँ प्रकाशन की आड़ में पूरे छत्तीसगढ़ को लूटा
– जी हां अपने आपको स्टेट हेड बताने वाले दलाल आर के गांधी ने श्री माँ प्रकाशन के नाम से मुझसे लिया विज्ञापन डिपॉजिट के आड़ में 25 हजार नगद एवं 25 हजार का स्टेट बैंक खरसिया का चेक अंबिकापुर,बिलासपुर,भिलाई,दुर् ग,जाजंगिर,कोरिया ,सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से जिला रिपोर्टर के लिए 50 हजार से 1 लाख, संभाग हेड के लिए 1 लाख से 5 लाख,ब्लॉक स्तर के लिए 30 हजार की राशि स्ट्रिंगरों से वसूल किया गया है बदले में श्री माँ प्रकाशन का आईडी एवँ पीआरओ जारी किया गया था अब जबकि श्री माँ प्रकाशन का अनुबंध साधना न्यूज से समाप्त हो गया है तो लोगों को उनका डिपॉजिट वापस करने में आनाकानी किया जा रहा है।*
*डी बी पावर प्रिंट मीडिया समूह द्वारा खरसिया तहसील जिला रायगढ के विभिन्न ग्रामों में गरीब आदिवाशियों की जमीन को बेनामी तरीके से खरीद के बिना सरकारी अनुमति के हाईकोर्ट बिलासपुर छत्तीसगढ़ में लंबित वाद ग्रस्त भूमि जिसपर कार्यवाही हेतु पीएमओ से निर्देश प्राप्त है का खबर बनाने पर उक्त खबर को प्रसारण करने के बजाय उल्टे डीबी पॉवर के जीएम धनंजय सिंह के साथ सांठ गांठ करके मुझे मोबाईल में तत्काल चैनल छोड़ने एवं आईडी जमा करने की धमकी आर के गांधी के द्वारा दी गई है । मेरे द्वारा जमा डिपॉजिट वापस मांगने पर बदनाम करने एवं कैरियर खराब करने की धमकी दिया गया है। आर के गांधी द्वारा आज भी श्री माँ प्रकाशन के नाम से आईडी एवं पी आर ओ को बेचा जा रहा है।*
*विज्ञापन प्रसारित किये बिना बिल की मांग एवं प्रत्येक महिना वसूली करके खभी 30 हजार खभी 50 हजार देने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में भला कोई व्यक्ति कैसे कार्य करेगा आर के गांधी के इस अपमान जनक बातों एवं अवैध उगाही के कारण छत्तीसगढ़ में साधना न्यूज अपनी पहचान खो चुकी पत्रकारिता *
* आर के गांधी द्वारा किया जा रहा है। किसी भी रिपोर्टर को सैलरी तो दूर साल भर कार्य करने के बाद भी प्रेस कार्ड तक जारी नही किया गया है। आज छत्तीसगढ़ में साधना न्यूज के पतन का मुख्य जिम्मेदार आर के गांधी ही है।ऐसा दलाल जो रायपुर में बैठकर आई डी बेच रहा है रिपोर्टरों को धमकाता है,हर माह पैसे देने को कहता है,रिपोर्टर को बंधवा मजदूर की तरह समझता है ऐसा व्यक्ति है ये दलाल आर के गांधी।कई प्रताड़ित पत्रकार उक्त मामले में जल्द ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की शरण में जाने को तैयार है।*
*♦पत्रकार आरती वैष्णव ,8889928259♦*