November 22, 2024

राज्यपाल श्री टंडन के अभिभाषण से प्रारंभ हुआ छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र

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रायपुर : छत्तीसगढ़ जनहितकारी योजनाओं को लागू करने वाला आदर्श राज्य: राज्यपाल 

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य की चतुर्थ विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। राज्यपाल श्री बलरामजी दास टण्डन के अभिभाषण से सत्र का शुभारम्भ हुआ।

राज्यपाल श्री टंडन ने अपने अभिभाषण में कहा कि उनकी सरकार ने गांव, गरीब, किसान, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों जैसे प्रत्येक वर्ग के लोगों के लिए विशिष्ट प्राथमिकता से कार्य किया। सरकार ने बच्चों, महिलाओं, युवाओं, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों की आवश्यकताओं को बारीकी से समझकर उसके अनुसार नीतियां, योजनाएं बनाई और उन्हें लाभान्वित किया। छत्तीसगढ़ राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति दर्ज करने के साथ ही विशिष्ट जनहितकारी योजनाओं को लागू करने वाले आदर्श राज्य के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त की है।
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि गत 14 वर्षों में विभिन्न फसलों के उत्पादन जैसे-चावल में 47 प्रतिशत, गेहूं में 147 प्रतिशत, दलहन में 43 प्रतिशत, तिलहन में 158 प्रतिशत कुल खाद्यान्न उत्पादन में 58 प्रतिशत, उद्यानिकी फसलों में 406 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री के आव्हान पर सरकार द्वारा भी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए एक रोड मैप तैयार कर, क्षेत्र विशेष की जलवायु और मिट्टी के अनुरूप फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा धान, गेहूं, अरहर, मसूर, चना, कुसुम, सेम, हल्दी, आम, कुटकी, तिखुर, बंडा, साखेन कांदा की 22 विशेष प्रजातियां विकसित की गई हैं। किसानों की बारहमासी आमदनी सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन, डेयरी आदि को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मछली बीज उत्पादन को 25 करोड़ से लगभग 222 करोड़ तक पहुंचाया जा चुका है। इस तरह कृषि और सहयोगी क्षेत्रों के बहुआयामी विकास का सफर लगातार जारी है।
‘स्वॉयल हेल्थ कार्ड योजना’ में 111 प्रतिशत उपलब्धि
सरकार ने ‘स्वॉयल हेल्थ कार्ड योजना’ का उत्साहजनक क्रियान्वयन किया और निर्धारित लक्ष्य की 111 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की। मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण संरक्षण के लिए फसल अवशेषों को खेतों पर जलाने पर रोक लगाई और इसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रूपए की आर्थिक सहायता भी दी है। सरकार द्वारा कृषि लागत कम करने, फसल उत्पादन से लेकर विपणन तक में मदद करने हेतु अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। सामान्य वर्ग के किसानों को 75 सौ यूनिट तक बिजली निःशुल्क देने, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्गों को कृषि कार्य हेतु पूर्णतः निःशुल्क बिजली देने, शून्य ब्याज पर कृषि ऋण देने जैसे हर संभव सहयोग देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

21 सौ करोड़ रूपए का धान बोनस वितरण
श्री टंडन ने कहा कि विगत वर्ष लगभग 69 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया तथा 21सौ करोड़ रूपए का बोनस वितरण ‘बोनस तिहार’ के माध्यम से किया गया। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की पारदर्शी योजना से छत्तीसगढ़ राज्य को बहुत प्रसिद्धि मिली है। मक्का और गन्ना खरीदी के लिए भी सुचारू व्यवस्था की गई है।
प्रदेश की 14 मंडियां ‘ई-नाम’ से जुड़ीं
प्रदेश की अल्पकालीन सहकारी साख संरचना को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का संविलियन ‘छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक’ में किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण तथा किसान अमानतदारों को व्यावसायिक बैंकों की तरह सुविधाएं मिलेंगी। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) व्यवस्था को मजबूत बनाने में छत्तीसगढ़ राज्य का अहम योगदान भी दर्ज हुआ है। प्रदेश की 14 मंडियां ‘ई-नाम’ से जुड़ चुकी है, जिससे प्रदेश के किसानों को देश के अन्य हिस्सों के भाव तत्काल पता चल जाते हैं। उद्यानिकी फसलों के विपणन हेतु भी 4 स्थानों पर फल-सब्जी मंडियां स्थापित की गई हैं।
फसल क्षति अनुदान के लिए 437 करोड़ रूपए
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व वसूली भी इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण प्रदेश के 21 जिलों की 96 तहसीलों को तत्काल प्रभाव से सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय मेरी सरकार ने लिया और प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए फसल क्षति अनुदान के रूप में जिला कलेक्टरों को 437 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व वसूली भी माफ की गई। इस प्रकार संकट के समय सरकार किसानों के साथ खड़ी रही है।
पटवारियों को दिए गए डिजिटल सिग्नेचर
किसानों और ग्रामीण भाई-बहनों की राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु अनेक कार्य किए गए हैं। भू-अभिलेखों की त्रुटिरहित प्रतिलिपियां शीघ्र और सहज रूप से उपलब्ध कराने हेतु पटवारियों को डिजिटल सिग्नेचर दिए गए हैं, ताकि कहीं भी, कभी भी ऑन लाइन आवेदन करके दस्तावेजों की कम्प्यूटरीकृत नकल प्राप्त की जा सके। भुईंया साफ्टवेयर में भूमि-धारकों के आधार तथा मोबाइल नम्बर दर्ज कराए जा रहे हैं, ताकि किसी भी परिवर्तन की सूचना उन्हें एसएमएस से भेजी जा सके। बंधक भूमि को भी इस साफ्टवेयर में दर्ज कराया जा रहा है, ताकि भू-धारकों को छलपूर्ण भू-अंतरणों से बचाया जा सके। 10 नगरीय क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण से प्राप्त डाटा के आधार पर नया राजस्व अभिलेख तैयार कराया जा रहा है।
जल संसाधनों के विकास हेतु अनेक नवाचार
खेती-किसानी हो, उद्योग-धंधे-कारोबार का विकास हो, हरा- भरा परिवेश हो या जीवन की मूलभूत जरूरतें, सबके लिए पानी चाहिए, इसलिए सरकार ने जल संसाधनों के विकास हेतु अनेक नवाचार किए हैं। राज्य गठन के समय विरासत में मिली सिंचाई क्षमता 23 से बढ़कर अब 36 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2028 तक 100 प्रतिशत सिंचाई क्षमता सृजित करने के लिए ‘अभियान लक्ष्य भागीरथी’ चलाया जा रहा है, जिससे वर्ष 2016-17 में 1 लाख 1 हजार 795 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विकास किया गया। प्रधानमंत्री जी ने इस अभियान को अन्य राज्यों के लिए ‘रोल मॉडल’ निरूपित करते हुए छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अभिनव पहल
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की अभिनव पहल से छत्तीसगढ़ को बहुत लाभ मिला है। इसकी मदद से केलो-जिला रायगढ़, खारंग-जिला बिलासपुर एवं मनियारी-जिला मुंगेली सिंचाई परियोजनाओं को दो वर्षों में पूर्ण कर 42 हजार 625 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता सृजित की जाएगी।
नदियों के, पुनर्जीवन हेतु ईशा फाउंडेशन के साथ एम.ओ.यू.
नदियों को जोड़ने की अत्यंत महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी सोच को साकार करने की दिशा में भी सरकार ने अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। महानदी-तांदुला, पैरी-महानदी, रेहर-अटेम, अहिरन- खारंग, हसदेव-केवई, तथा कोडार-नैनी नाला को जोड़ने हेतु उनके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कराए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण नदियों के संवर्धन, पुनर्जीवन हेतु तट पर हरित क्षेत्र विकास के लिए तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं जागरूकता हेतु ईशा फाउंडेशन के साथ एम.ओ.यू. किया गया है। पानी की एक-एक बूंद का सम्मान करते हुए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की 21 योजनाएं एवं सौर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की 26 योजनाओं पर भी कार्य प्रारम्भ किया गया है।
ई-रिक्शा के लिए 50 हजार रूपए का अनुदान
प्रदेश में बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हैं, जिनकी बेहतरी की चुनौती स्वीकार करते हुए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीयन एवं नवीनीकरण की व्यवस्था को सरल बनाया गया है। श्रमिकों के जीवन के हर पहलू से संबंधित समस्याओं का आकलन कर यथोचित योजनाएं बनाई गई हैं। ‘मुख्यमंत्री ई-रिक्शा सहायता योजना’ के अंतर्गत अनुदान की राशि 30 हजार रूपए से बढ़कर 50 हजार रूपए कर दी गई है। ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय श्रम अन्न योजना’ के तहत 5 रूपए में भरपेट गरम पौष्टिक भोजन प्रदाय हेतु विभिन्न शहरों की ‘चावड़ी’ में केन्द्र खोले जा रहे हैं, जिसकी शुरूआत रायपुर से की गई है।
तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 25 सौ रूपए मानक बोरा
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मेरी सरकार ने वन अंचलों के रहवासियों को वनोपज से अधिकतम लाभ दिलाने के लिए अनेक फैसले किए हैं। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर को एक बार पुनः बढ़ाकर 25सौ रूपए कर दिया गया है। ‘तेन्दूपत्ता बोनस तिहार’ के माध्यम से विगत वर्ष की बोनस राशि 274 करोड़ रूपए का वितरण किया गया है। आधा दर्जन अन्य लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। नए प्रयासों के कारण 21 हजार से अधिक किसानों की पड़त भूमि पर लगभग 3 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है। 87 शहरों के 1 हजार 186 हेक्टेयर क्षेत्र में ‘ऑक्सी-वन’ तैयार किए गए हैं।
आम आदमी बीमा योजना में 72 हजार छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा ‘आम आदमी बीमा योजना’ के अंतर्गत लगभग 72 हजार छात्र-छात्राओं को 8 करोड़ 63 लाख रूपए की छात्रवृत्ति दी गई है। ऐसे अनेक प्रयासों से वनोपज आश्रित परिवारों का जीवन स्तर तेजी से सुधर रहा है। इनके बच्चे अच्छी-अच्छी संस्थाओं में प्रवेश पा रहे हैं और वह समय दूर नहीं जब वे डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं बल्कि अन्य बड़े-बड़े पदों पर पहुंचेंगे।
जाति प्रमाण पत्र के लिए उच्चारणगत विभेद की समस्या हल
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रदेश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा हैं। इनकी समस्याओं का निदान और सर्वांगीण विकास, प्रदेश के विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। अधिसूचित अनुसूचित जाति तथा जनजाति के 27 नामों के अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद के कारण आए उच्चारणगत विभेद की समस्या का समाधान किया गया है, जिससे जाति प्रमाण-पत्र बनाने में हो रही तकलीफें समाप्त हो गई हैं।
बस्तर और सरगुजा संभाग में स्थानीय निवासियों को भर्ती का अवसर
बस्तर तथा सरगुजा संभाग के जिलों में जिला संवर्ग बनाकर स्थानीय निवासियों की भर्ती सुनिश्चित करने की समय-सीमा एक बार फिर 31 दिसम्बर, 2018 तक बढ़ा दी गई है। इस वर्ष पुनः छात्रावासों तथा आश्रमों जैसी आवासीय संस्थाओं के विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति बढ़ाकर अब 900 रूपये प्रतिमाह कर दी गई है। राज्य के 49 छात्रावासों का आईएसओ प्रमाणीकरण सम्मान का विषय है। कवर्धा एवं नारायणपुर में नए परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं।
’मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना’ के माध्यम से मेरी सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि सुविधाओं के साथ उच्चस्तरीय शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। सभी संभागों में ‘प्रयास’ आवासीय विद्यालय की स्थापना कर दी गई है तथा अब कक्षा नवमीं से प्रवेश देने की व्यवस्था भी की गई है। इस संस्था के कारण अनेक बच्चे देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य बड़े कॉलेजों में पहुंचे हैं।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ी
इस वर्ष प्रारंभ 9 विद्यालयों से राज्य में अब एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संख्या 25 हो गई है। युवा कैरियर निर्माण योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र में 50 सीट की वृद्धि की गई है। नई दिल्ली में संचालित ’आदिवासी यूथ हॉस्टल’ का लाभ लेते हुए इन वर्गों के युवा यूपीएससी, पीएससी तथा अन्य उच्च सेवाओं में चयनित हुए हैं।
प्रधानमंत्री खनिज कल्याण योजना में 26 सौ करोड़ के कार्य स्वीकृत
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच और पहल को आगे बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने खनन संक्रियाओं से प्रभावित क्षेत्रों एवं व्यक्तियों के हितार्थ ‘प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना’ के तहत सभी जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन किया है, जिससे 26सौ करोड़ रूपये की लागत के 23 हजार कार्य स्वीकृत किए गए हैं और 6 हजार से अधिक कार्य पूर्ण किए गए हैं।
न्यास निधि का उपयोग प्रभावित ग्रामों में पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, कौशल उन्नयन, शिक्षा, कृषि, स्वच्छता, महिलाओं, बच्चों एवं निःशक्तजनों के उत्थान आदि के अलावा भौतिक अधोसंरचना, सड़क, रेल, विद्युतीकरण, सिंचाई एवं वाटरशेड डेवलपमेंट इत्यादि कार्यों में किया जा रहा है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में विकास की नई रोशनी पहुंच रही है और लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
खनिज प्रशासन में पारदर्शिता
प्रदेश में खनिज से संबंधित प्रशासकीय कार्यों में पारदर्शिता, प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु ‘वेब बेस्ड खनिज ऑनलाइन’ योजना प्रारंभ की गई है। ’छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि’ से पिछड़े व आदिवासी बहुल अंचलों में अधोसंरचना विकास का अभियान छेड़ा गया है, जिसमें सड़क निर्माण एवं उन्नयन हेतु 300 करोड़ रूपए के कार्य भी शामिल है। 311 किलोमीटर लंबे ईस्ट कॉरीडोर एवं ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर के लिए भी इस निधि से राशि उपलब्ध कराई गई है।
प्रदेश में गौण खनिजों से प्राप्त राजस्व का उपयोग पंचायतों एवं नगरीय निकायों द्वारा खनन संक्रियाओं से प्रभावित क्षेत्रों के विकास हेतु किया जा रहा है। डेढ़ दशक में इस मद से पंचायतांे एवं नगरीय निकायों को 1 हजार 278 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध कराई गई है।
मनरेगा योजना में 828 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन
मेरी सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना को रोजगार प्रदान करने के साथ ही ग्रामीण आवश्यकताओं की स्थायी परिसंपत्तियां बनाने का माध्यम भी बनाया। इस वर्ष राज्य में 828 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है। 50 दिवस का अतिरिक्त रोजगार देने की पहल से 28 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन किया गया है, जिससे चालू वित्तीय वर्ष में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के 1 हजार 883, तालाब-कुआं-डबरी निर्माण के करीब 19 हजार, बकरी-मुर्गी-डेयरी शेड निर्माण के 6 हजार, तथा नाडेप/वर्मी/अजोला टंकी निर्माण के 12 हजार 235 कार्य पूर्ण किए गए हैं।
ग्रामीण आजीविका मिशन से 11 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चयनित 85 सघन विकासखण्डों के 11 लाख 66 हजार परिवारों की महिलाओं को बेहतर रोजगार का जरिया दिया गया है, जिसका विस्तार अन्य 28 विकासखण्डों में भी किया जाएगा। 2 हजार 974 ग्राम संगठन, 145 संकुल स्तरीय संगठन, 18 विकासखण्ड स्तरीय व 1 जिला स्तरीय संगठन का गठन भी किया गया है, जिसका विस्तार भी अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में घर पहुंच बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने के लिए 20 जिलों के 44 विकासखंडों में 214 बैंक सखियों द्वारा कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत 18 क्लस्टरों का चयन कर बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, ताकि शहरों के समान सुविधाएं ग्रामीण अंचलों में उपलब्ध कराई जा सकें। पंचायत पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने हेतु 21 जिला पंचायत संसाधन केन्द्र एवं 146 जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र का निर्माण किया गया है।
सभी जिलों में वन स्टाप सेन्टर ‘सखी’ प्रारंभ
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मेरी सरकार ने महिला सशक्तीकरण को उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, स्वावलम्बन और अधिकारों से जोड़ने की सार्थक पहल की है। देश का पहला वन स्टॉप ‘सखी’ सेन्टर रायपुर में स्थापित कर एक कीर्तिमान बनाया गया था। अब सभी जिलों में ‘सखी’ सेन्टर स्थापित करते हुए पूरे राज्य को लाभ दिलाया जा रहा है। महिला हेल्प लाइन 181 की शुरूआती सफलता उत्साहवर्धक है।
कुपोषण मुक्ति पर प्रभावी पहल
‘महतारी जतन योजना’ और ‘मुख्यमंत्री अमृत योजना’ के माध्यम से लगभग 2 लाख महिलाओं तथा 10 लाख बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाया जा रहा है। राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती के सभी पदों पर छत्तीसगढ़ निवासी महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण और उन्हें उच्चतर आयु सीमा में 10 वर्ष के शिथिलीकरण का लाभ दिया गया है। दिवंगत अविवाहित अथवा विधुर शासकीय सेवकों के आश्रित माता-पिता, भाई-बहन को भी चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु शैक्षणिक अर्हता में छूट दी गई है। स्थायी भूमि क्रय करने के लिए स्टाम्प ड्यूटी में रियायत का लाभ 5 लाख 60 हजार महिलाओं को मिला है।
प्रदेश के 82 प्रतिशत नागरिकों को खाद्य सुरक्षा
परम्परागत रूप से घर-गृहस्थी के संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है, अतः मेरी सरकार ने महिला मुखिया के नाम से राशन कार्ड जारी करने का जो नवाचार किया था, वह बहुत सफल और सार्थक साबित हुआ। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के माध्यम से प्रदेश की 82 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। 11 हजार 898 उचित मूल्य दुकानों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। 7 नगरीय-निकायों में ‘कोर पीडीएस मेरी मर्जी’ योजना भी लागू हो चुकी है, जिसका लाभ भी महिलाओं को मिल रहा है।
18 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की संवेदनशील पहल से ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के क्रियान्वयन में मेरी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मात्र 200 रूपए की पंजीकरण राशि में रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर का गैस चूल्हा और प्रथम भरा हुआ सिलेण्डर दिया जा रहा है। 35 लाख महिलाओं को यह सुविधा देने के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक लगभग 18 लाख महिलाओं को यह लाभ दिया जा चुका है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: रायपुर, बिलासपुर और नया रायपुर का चयन
मेरी सरकार के प्रयासों से रायपुर, बिलासपुर तथा नया रायपुर का चयन ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के लिए हुआ है। तीनों स्थानों पर कार्य प्रारम्भ कर निरंतर प्रगति दर्ज की जा रही है। राज्य शासन और नगरीय-निकायों द्वारा राजनांदगांव, भिलाई और कोरबा को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। ‘मिशन अमृत’ के अंतर्गत रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, अम्बिकापुर एवं जगदलपुर में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण केन्द्र द्वारा 25 करोड़ रूपए का प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
रियल स्टेट में पूंजी निवेश को बढ़ावा के लिए रेरा का गठन
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने रियल एस्टेट के क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने तथा हितग्राहियों के हितों के संरक्षण हेतु भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन कर एक नई शुरूआत कर दी है। नया रायपुर में बसाहट बढ़ाने के प्रयासों के साथ प्रदूषण रहित उद्योगों का विकास भी किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण तथा पर्यावरण संरक्षण के सघन प्रयासों के कारण रायपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 266 से घटकर 84 पहुंच चुका है, जो एक बड़ी सफलता का संकेत है।
समस्त 168 नगरीय-निकायों को ओडीएफ घोषित
मेरी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए जिस प्रकार से नवाचारी रणनीति बनाकर जनभागीदारी से प्रगति दर्ज की, उसने पूरे राष्ट्र को एक सकारात्मक संदेश दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता का लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 के लिए तय किया गया है, राज्य में उसे एक साल पूर्व 2 अक्टूबर 2018 तक पूरा कर दिया जाएगा। समस्त 168 नगरीय-निकायों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। 2 अक्टूबर 2014 को जहां मात्र 20 ग्राम ही ओडीएफ थे, वहीं अब 18 हजार 851 ग्राम ओडीएफ हो चुके हैं। स्वच्छता का कवरेज 41.65 से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया है। स्वच्छता का काम लगातार होता रहे, इस उद्देश्य से जिला, विकासखण्ड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर स्थायित्व अवार्ड की शुरूआत की गई है।
वर्ष 2022 तक सबके लिए आवास
राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2022 तक सबको पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है, जिसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत  छत्तीसगढ़ के 168 नगरीय-निकायों में 4 लाख आवासों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। लगभग 89 हजार आवासों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में तीन वर्षों में 6 लाख 88 हजार परिवारों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 2 लाख 21 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।
मेरी सरकार कानून और न्याय की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु लगातार काम कर रही है। नवगठित बलरामपुर-रामानुजगंज में जिला एवं सत्र न्यायालय शुरू कर दिया गया है। मंुगेली मंे जिला एवं सत्र न्यायालय शुरू करने हेतु अधिसूचना जारी कर दी गई है। बिलासपुर तथा बेमेतरा में परिवार न्यायालय हेतु नए पदों की स्वीकृति दी गई है।
स्कूली शिक्षा का विस्तार
राज्यपाल श्री टंडन ने मेरी सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा का वरदान हर बच्चे को देने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर स्कूल खोले हैं, जिसके कारण 1 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक शाला, 3 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व माध्यमिक शाला उपलब्ध करा दी गई हैं। अब 5 किलोमीटर की दूरी पर हाईस्कूल तथा 7 किलोमीटर की दूरी पर हायर सेकेण्डरी स्कूल स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।
स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के लिए विशेष पहल
‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ के निरंतर संचालन से प्रशासन व समाज की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है। शालाओं की जानकारियां डिजिटाइज की जा रही है तथा प्रत्येक शाला को ‘टैब’ दिया जा रहा है, जिससे सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ व्यवस्था और अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता में सुधार हेतु लिया जा सके। कक्षा पहली से आठवीं तक के 1 लाख 28 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। बच्चों के अंग्रेजी और गणितीय कौशल में सुधार हेतु ‘सम्पर्क किट’ का वितरण किया जा रहा है। विद्यार्थियों में जिज्ञासा, नवाचार तथा वैज्ञानिक सोच के विकास हेतु ‘अटल टिंकरिंग’ लैब का संचालन किया जा रहा है। ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ के अंतर्गत 2 लाख 8 हजार बच्चों को निजी शालाओं में प्रवेश दिलाया गया है और छात्र दुर्घटना बीमा राशि 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख रूपए कर दी गई है।

हर जिले में उच्च शिक्षा के लिए स्नातकोत्तर महाविद्यालय
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मेरी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय तक खोलना और आदिवासी बहुल अंचलों में भी नए महाविद्यालय खोलकर उच्च शिक्षा की अलख जगाना है। इस वर्ष जावंगा में नया महाविद्यालय स्थापित किया गया है। रामानुजगंज, बीजापुर, भानुप्रतापपुर, जगदलपुर, नारायणपुर, सुकमा, कोण्डागांव, गरियाबंद, सूरजपुर सहित 14 शासकीय महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में अब महिला महाविद्यालयों की संख्या 21 हो गई है तथा सभी महाविद्यालयों में बेटियों को स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है।
सकल नामांकन अनुपात 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत
इस वर्ष 62 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर विज्ञान तथा अन्य विषय शुरू कर दिए गए हैं। 5 आवासीय महाविद्यालय राजनांदगांव, रायपुर, दुर्ग, कांकेर तथा जगदलपुर में खोले गए हैं, जिनमें 50 प्रतिशत सीटों पर दूरस्थ अंचलों के विद्यार्थियों की भर्ती की जाती है। ऑन लाइन प्रवेश देने की प्रणाली से 80 हजार युवाओं को लाभ मिला है। विभिन्न प्रयासों से सकल नामांकन अनुपात (जी.ई.आर.) 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है।
पढ़ाई के अलावा खेलों में भी कैरियर बनाने हेतु युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेल अधोसंरचना का लगातार विकास किया जा रहा है। ‘छत्तीसगढ़ खेल नीति-2017’ जारी की गई है, इस नीति में सभी आयु वर्ग के लिए खेल से संबंधित प्रावधान, प्रतिभा खोज, प्रतियोगिताएं, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार, सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग, लैंगिक समानता एवं दिव्यांगजनों के लिए खेल से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
राजनांदगांव में क्षेत्रीय पुनर्वास केन्द्र स्थापित
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मेरी सरकार ने दिव्यांगजनों के पुनर्वास हेतु बेहतर योजनाएं लागू की है, जिसके कारण इस वर्ष ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। राजनांदगांव में राष्ट्रीय स्तर के क्षेत्रीय पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गई है, जिससे 8 हजार दिव्यांगजनांे का पुनर्वास हुआ है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत 3 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों एवं 45 सौ से अधिक दिव्यांगजनों को तीर्थ स्थलों की निःशुल्क यात्रा कराई गई है।

देश में पहला योग आयोग छत्तीसगढ़ में
देश के पहले ‘योग आयोग’ के गठन का गौरव मेरी सरकार को प्राप्त हुआ है। 21 जून 2017 को 29 हजार 217 स्थानों पर एक साथ 55 लाख 50 हजार से भी अधिक लोगों ने योगाभ्यास में भाग लिया। योग को प्रोत्साहित करने हेतु हजारों प्रशिक्षक तैयार किए गए हैं।
हर जिले में खोले गए लाइवलीहुड कालेज
मेरी सरकार ने युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने के लिए कानून बनाते हुए जो शुरूआत की थी, उस पर प्रगति का सफर जारी है। तीन वर्षों में 3 लाख 37 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से लगभग आधे युवाओं को बेहतर रोजगार प्राप्त होना बहुत उत्साहजनक है। 2 हजार 668 व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाता और 1 हजार 540 मूल्यांकनकर्ता इस कार्य में भागीदार हैं। हर जिले में लाइवलीहुड कॉलेज को स्वयं के भवन व अन्य आवश्यक सुविधाओं से सज्जित किया जा रहा है। विभिन्न प्रयास और संस्थाएं मिलकर ‘बेरोजगारी मुक्त छत्तीसगढ़’ बनाएंगे।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
मेरी सरकार ने स्वस्थ छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु बहुस्तरीय और बहुआयामी कदम उठाए हैं, जिससे व्यक्तिगत तथा संस्थागत सशक्तीकरण को बल मिला है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में शासकीय के साथ निजी चिकित्सकों की भागीदारी सुनिश्चित की है, जिसके कारण विगत एक वर्ष में लगभग 2 लाख गर्भवती माताओं को प्रसव संबंधी समस्याओं से निजात मिली है। ‘चिरायु’ के अंतर्गत 97 लाख बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई तथा 16 लाख बच्चों का उपचार किया गया। ‘मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना‘ की सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने का निर्देश जारी किया है।
उच्चस्तरीय कैंसर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध
सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सूरजपुर जैसे दूरस्थ जिलों में ब्लड बैंक खोलने की व्यवस्था की गई है, जिससे पूरे प्रदेश में ब्लड बैंकों की संख्या 76 हो गई है। 100 ‘मुख्यमंत्री ग्राम स्वास्थ्य सुरक्षा केन्द्र’ संचालित किए जा रहे हैं, जिसे बढ़ाकर 500 करने का लक्ष्य है। उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में कैंसर मरीजों के समुचित इलाज के लिए सीटी सिमुलेटर, आईसीयू यूनिट एवं लीनियर एक्सीलरेटर, रैपिड आर्क तथा आईजीआरटी मशीनें स्थापित की गई हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के लिए डीएसए मशीन, मेमोग्राफी मशीन, 128 स्लाइस सीटी स्केन, 3 टेक्सला एमआरआई, नेवीगेशन सिस्टम स्थापित किया गया है।
74 हजार से अधिक बसाहटों में पेयजल व्यवस्था
राज्य गठन के समय 44 हजार 542 बसाहटों में पेयजल व्यवस्था थी, जो अब 74 हजार 685 बसाहटों में कर दी गई है। 51 हजार 394 शालाओं में तथा 27 हजार 264 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था करा दी गई है। 27 जिला स्तरीय प्रयोगशाला, 25 उपखंड स्तरीय प्रयोगशाला तथा 18 चलित प्रयोगशाला स्थापना की गई हैं, जिनसे पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही हैं।
उड़ान योजना: सस्ती विमान सेवा के लिए तैयारी
राज्य में विमानन सुविधाओं की वृद्धि हेतु किए गए प्रयासों से स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, माना में रनवे विस्तार कार्य पूर्ण होने से लैंडिंग सुविधा बढ़ गई है, जिससे बड़े विमानों की उड़ानों की संख्या और विभिन्न शहरों से राज्य की एयर कनेक्टिविटी बढ़ी है। नवीन हवाई पट्टियों का विकास बलरामपुर, जशपुर में किया जा चुका है तथा बीजापुर, दंतेवाड़ा में भी शीघ्र किया जाएगा। रायगढ़ (कोंडातराई) हवाई पट्टी का उन्नयन, एयरपोर्ट के रूप में किया जाएगा। रीजनल कनेक्टिविटी योजना के अंतर्गत राज्य के भीतर घरेलू विमान सेवा प्रारम्भ करने अधिसूचित किए गए अंबिकापुर, जगदलपुर तथा बिलासपुर में उड़ान योजना के अंतर्गत सस्ती विमान सेवा प्रारम्भ करने की तैयारी है।
कनेक्टिविटी के लिए सम्पर्क क्रांति महाअभियान
मेरी सरकार ने प्रदेश में सम्पर्क क्रांति का महाअभियान संचालित किया है, जिसके अंतर्गत सड़क, रेल मार्ग, विमानन तथा टेली कनेक्टिविटी की सुविधाओं में बड़ी तेजी से विकास किया जा रहा है। ग्रामीण सड़कों, को जिलों की मुख्य सड़कों से तथा राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़कर समग्र नेटवर्क बनाया जा रहा है। विगत एक वर्ष में 2 हजार 644 किलोमीटर सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन किया जा चुका है तथा विभिन्न मदों से 3 हजार 582 किलोमीटर सड़कों का कार्य प्रगति पर है। 27 वृहत पुलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है तथा 178 वृहद पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है। 4 बायपास मार्गों को पूर्ण किया गया है तथा 5 मार्ग प्रगति पर है। 1 रेल्वे अंडर ब्रिज का कार्य पूर्ण किया गया है तथा 9 रेल्वे ओव्हर-अंडर ब्रिज का कार्य प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाः 8 हजार 828 बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ी
‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना‘ के अंतर्गत 32 हजार 132 किलोमीटर सड़कों और 281 वृहद पुल-पुलियों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें से 27 हजार 408 किलोमीटर सड़कें तथा 94 वृहद पुल-पुलियों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इस तरह 8 हजार 828 बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ गई हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दायरे में नहीं आने वाली बसाहटों के लिए मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ संचालित की है, जिसके तहत इस वर्ष 3 हजार 250 किलोमीटर मार्गों का निर्माण पूर्ण किया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के तहत 6 हजार 211 किलोमीटर लंबी सड़कों का कांक्रीटीकरण पूर्ण किया गया है।
भारत नेट और बस्तर नेट के जरिए गांवों में मिलेगा डिजिटल इंडिया का लाभ
मेरी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को प्रदेश के हर अंचल में सूचना, जागरूकता तथा अवसरों की आसान पहुंच का माध्यम बनाया है। राज्य के आईटी सुपर हाइवे में तीन स्तरों पर कनेक्टिविटी की व्यवस्था की गई है। भारत नेट के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। बस्तर नेट के माध्यम से बस्तर संभाग के सभी जिलों को रिंग टाइप ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिसका 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसी प्रकार संचार क्रांति योजना के माध्यम से राज्य के सभी निवासियों को मोबाइल कनेक्टिविटी  से जोड़ने के लिए अधोसंरचना विकसित की जाएगी।
डीबीटी के माध्यम से 19 सौ करोड़ से अधिक राशि का अंतरण
मेरी सरकार ने जनहितकारी योजनाओं में डीबीटी को प्रोत्साहित किया है, जिसके माध्यम से 19सौ करोड़ रूपए से अधिक राशि का अंतरण किया गया है। लोक सेवा केन्द्रों द्वारा 110 प्रकार की जनोपयोगी सेवाओं की प्रदायगी की जा रही है, जिससे लाखों लोगों को अपने घर के निकट आवश्यक सेवाएं मिल रही हैं।

सौभाग्य योजनाः  2018 तक सभी घरों में बिजली
मेरी सरकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ विद्युत विकास की दृष्टि से भी एक आदर्श राज्य बन गया है। विद्युत उत्पादन, पारेषण तथा वितरण व्यवस्थाओं में सुधार के कारण राज्य में विद्युत आपूर्ति की दरों को नियंत्रित रखने में भी सफलता मिली है। प्रदेश को 2018 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकृत करने तथा ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य’ के तहत सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा।
विद्युत अधोसंरचना का विकास
विद्युत अधोसंरचना में विस्तार के लिए 22सौ करोड़ रूपए की लागत से 32 अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण तथा लाइनों के विस्तार हेतु कार्य योजना संचालित की जा रही है। 590 करोड़ रूपए की लागत से उप-पारेषण प्रणाली का विकास किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 33/11 के.व्ही. क्षमता के 306 विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना तथा संबंधित लाइनों का विस्तार किया जाएगा। प्रदेश के सर्वांगीण विकास में बिजली का अहम् योगदान बना रहेगा।
धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास
मेरी सरकार ने राज्य की गौरवशाली विरासतों, कला, संस्कृति, साहित्य, ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थलों के विकास हेतु अनेक योजनाएं संचालित की हैं। पर्यटन के बुनियादी स्थलों का विकास निरंतर किया जा रहा है, जिसमें एक नए प्रयास के तहत ‘राम वन गमन पथ’ के अंतर्गत आने वाले धार्मिक पर्यटन स्थलों शिवरीनारायण-राजिम-सिहावा को ‘दण्डकारण्य पर्यटन परिपथ’ के रूप में विकसित किया जाएगा। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत छत्तीसगढ़ और गुजरात राज्य को परस्पर संस्कृति और पर्यटन के विकास हेतु जोड़ीदार बनाया गया है।
नई आबकारी नीति से अवैध मदिरा बिक्री पर अंकुश
मेरी सरकार की नवीन आबकारी नीति के कारण प्रदेश में अवैध मदिरा की बिक्री पर अंकुश लगा है तथा गांवों-कस्बों में शांति का वातावरण निर्मित हुआ है। भारत माता वाहिनी द्वारा सकारात्मक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए नशा मुक्ति का सार्थक प्रचार किया जा रहा है।
राज्य में जीएसटी का क्रियान्वयन
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की अवधारणा के अंतर्गत नई कर प्रणाली जीएसटी से छत्तीसगढ़ को तत्काल जोड़ते हुए राज्य की सीमा में आने वाले सभी परिवहन चेक पोस्ट तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए गए हैं। राज्य की अनुश्ंासा पर जीएसटी परिषद द्वारा अनेक वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम करने का निर्णय लिया गया है तथा अन्य आवश्यक सुधार किए गए हैं। छोटे व्यवसायियों को राहत देने के लिए कम्पोजिशन सुविधा प्राप्त करने हेतु टर्न ओवर की सीमा 75 लाख रूपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रूपए कर दी गई है। डेढ़ करोड़ रूपए टर्नओवर वाले व्यवसायियों को माल की आपूर्ति के पूर्व एडवांस प्राप्ति के समय जीएसटी के भुगतान से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। कर राजस्व का आधार बढ़ाने के लिए 30 हजार से अधिक नए करदाताओं का पंजीयन कराया गया है। प्रदूषण की रोकथाम तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बैटरी चालित वाहनों को करो में विशेष रियायत दी जा रही है। ‘ई-रिक्शा’ तथा ‘ई-कार्ट’ को आगामी पांच वर्षों के लिए शत-प्रतिशत कर मुक्त कर दिया है।
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ में प्रदेश को देश में चौथा स्थान
मेरी सरकार के विभिन्न सुधारों के जरिये ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ में प्रदेश को देश में चौथा स्थान मिला है, जिससे औद्योगिक विकास के लिए निवेशकों को आमंत्रित करने में बड़ी सफलता मिली है। स्टील, सीमेंट, एल्युमीनियम, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, सोलर, रेल कारीडोर, फर्टिलाइजर आदि क्षेत्रों में 2 लाख 40 हजार करोड़ रूपए के निवेश हेतु 168 एमओयू किए गए हैं। इनमें से 54 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ्भ हो चुका है तथा 66 परियोजनाओं में स्थापना प्रगति पर है। 661 लघु तथा सूक्ष्म उद्योग स्थापित हो चुके हैं।
आदिवासी अंचलों में औद्योगिक विकास
आदिवासी अंचलों में औद्योगिक विकास का सूत्रपात हो चुका है। एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट इसी वर्ष प्रारम्भ होने की संभावना है। दंतेवाड़ा जिले के टेकनार तथा कांकेर जिले के लखनपुर क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है। दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना के अंतर्गत गुदुम से भानुप्रतापपुर तक 17 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई जा चुकी है तथा इस पर रेल इंजन के परिचालन का सफल परीक्षण भी हो चुका है।
राज्य में विशेष स्टार्ट अप नीति लागू
नया रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग पार्क, दुर्ग जिले के औद्योगिक क्षेत्र बोरई में 100 करोड़ रूपए की लागत से टूलरूम की स्थापना प्रगति पर है। भारत सरकार के कदम से कदम मिलाते हुए मेरी सरकार ने राज्य में विशेष स्टार्ट-अप नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत 36 प्दब की शुरूआत की गई है। किसानों की आय दोगुनी करने के अभियान को भी औद्योगिक विकास से जोड़ा गया है तथा इसके लिए कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्राम बगौद जिला धमतरी में फूड पार्क बनाया जा रहा है।
प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवथा में सूत से लेकर रेशम और कोसा तक के वस्त्र बनाने वाले परिवारों का अपना योगदान दर्ज होता है। विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पियों में बेलमेटल, मिट्टी, बांस आदि स्थानीय सामग्रियों का उपयोग करते हुए आजीविका चलाने वालों की संख्या भी बहुत हैं। मेरी सरकार ने इनके पंजीकरण से लेकर प्रशिक्षण, उत्पादों के प्रदर्शन, विपणन और इनके जीवन-स्तर में सुधार तक की व्यवस्था की है।
पुलिस बल का सशक्तीकरण
छत्तीसगढ़ के चहुंमुखी विकास की एक बड़ी वजह कानून व्यवस्था के प्रति जनता का विश्वास है। मेरी सरकार ने विगत डेढ़ दशक में 49 हजार से अधिक भर्तियों के माध्यम से पुलिस के संख्या बल को तीन गुना सशक्त कर दिया है, वहीं आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण तथा अन्य रणनीतिक उपायों से पुलिस बल की सक्षमता और दक्षता को कई गुना बढ़ा दिया है। वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए ‘‘सीनियर सिटीजन सेल’’ की स्थापना की गई है। सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु शासन द्वारा हाइवे पेट्रोलिंग का संचालन किया जा रहा है।    भारत सरकार के ‘क्राइम क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम’ (सीसीटीएनएस) योजना के तहत थानों का आपस में जोडने की कार्यवाही प्रगति पर है। एफ.आई.आर. की कार्यवाही कम्प्यूटरीकृत की गई है। नक्सलवाद की चुनौती से निपटने के लिए पुलिस बल को न सिर्फ उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि नक्सलियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु स्पेशल टास्क फोर्स के चार हब बनाये जा रहे हैं। जिलों में डी.आर.जी. का गठन किया गया है, जिन्हें नक्सली विरोधी अभियान का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। विस्फोटक पदार्थों के पतासाजी हेतु विशेष आई.डी.स्कूल की स्थापना की गई है।
पुलिस के शहीद जवानों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
छत्तीसगढ़ पुलिस के शहीद के आश्रितों को योग्यतानुसार विभिन्न पदों पर पूरी प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। मैं चाहूंगा कि मेरी सरकार के साथ समाज भी शहीद परिवारों के पुनर्वास में सकारात्मक और सहयोगी बने। जेलों से रिहा होने वाले बंदियों के पुनर्वास हेतु मदद करने के लिए बंदी पारिश्रमिक की दरों को बढ़ाया गया है। राज्य आपदा मोचन बल एस.डी.आर.एफ. के अंतर्गत 7 टीमों का गठन किया गया है तथा डायल 101 सेवा शुरू की गई है, जिससे आगजनी या अन्य दुर्घटनाओं पर यथा शीघ्र नियंत्रण में मदद मिल रही है।
जनधन योजना में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विश्व शक्ति बनाने हेतु आर्थिक सुदृढ़ता का जो अभियान छेड़ा है और उसके लिए जन-जन को भागीदार बनाने की रणनीति अपनाई है, उसमें मेरी सरकार, कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। 1 करोड़ 28 लाख से अधिक जनधन खाते खुलवाकर, छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य बना है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना के माध्यम से लगभग 47 लाख लोगों को आर्थिक सम्बल और सुनहरे भविष्य की आशा की नई वजह मिली है। मेरी सरकार के विशेष प्रयासों से सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में 86 नई बैंक शाखाएं खोली गई हैं। प्रदेश में कैशलेस-आर्थिक लेनदेन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
तेजी से विकास करने वाला राज्य
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य को पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर तेज गति से विकास करने वाले राज्य के रूप में  प्रतिष्ठा दिलाई है। सुशासन, नवाचार और जनहितकारी योजनाओं के कारण विकास की तमाम गतिविधियों में प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी दर्ज हुई है। देश की उत्कृष्ट युवा प्रतिभाओं की नई सोच, नए अध्ययन, नई प्रौद्योगिकी, नई ऊर्जा का उपयोग राज्य के प्रशासनिक कामकाज में करने हेतु प्रारंभ की गई ‘मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप कार्यक्रम’ का व्यापक लाभ मिलेगा, इससे न सिर्फ प्रशासनिक काम-काज की गुणवत्ता में वृद्धि होगी बल्कि अंत्योदय का लक्ष्य तेजी से पूरा करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि और जनता के नुमाइंदे होने के कारण राज्य के विकास के इतिहास में इस सदन के सभी सदस्यों का नाम सकारात्मक उपलब्धियों के लिए दर्ज हो।

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