November 22, 2024

पहाड़ों की तराई में बसा कुमगांव जुड़ा विकास की मुख्यधारा से

0

कुमगांव तक सड़क बनने से ग्रामवासी उत्साहित

स्वास्थ्य विभाग की टीम, एम्बुलेंस और अन्य बुनियादी सुविधायें गांवों तक पहुंची

मसाहती सर्वे होने से ग्रामीण जुड़ने लगे शासन की योजनाओं से

रायपुर, 23 जून 2022- छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल के नारायणपुर से घने जंगलों की तरफ बढ़ें, तो 20 किलोमीटर दूर पहाड़ों से घिरा कुमगांव नजर आयेगा। पहाड़ों से घिरे इस गांव में 20-25 परिवारों के 120 लोग रहते हैं। इलाके की प्राकृतिक सुंदरता आपको जैसे बांध ही लेती है, लेकिन यह सुंदरता बाहर से गये लोगों को ही देखने में अच्छी लगती है।

पहाड़ों की तराई में बसे इस गांव में रहने वाले लोग कुछ समय पहले तक बहुत कठिन परिस्थितियों में जीवन गुजारते थे। गांव में पहुंचने के लिए मात्र एक पगडंडी थी, जिसमें सायकल और दुपहिया वाहनों से चलना मुश्किल था। पहुंच मार्ग के अभाव में किसी भी गांव व क्षेत्र का विकास की बात करना महज कोरी कल्पना सी है। जिला प्रशासन नारायणपुर द्वारा इस गांव के लोगों की इस दिक्कत को दूर करने और उन्हें आवागमन की अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कुमगांव को जोड़ने सड़क बनाने का दुरूह कार्य कर दिखाया। साथ ही इस अनसर्वेड गांव का मसाहती सर्वे भी कराया गया।
शासन-प्रशासन के इस प्रयास से अब यहां जरूरी सुविधायें पहुंचने लगी हैं। नक्सल प्रभावित सुदूर वनांचल के निवासी जो वर्षों से शासन की योजनाओं से जुड़ नही पा रहे थे और आवागमन की समस्या से जूझ रहे थे। वहां मसाहती सर्वे पूर्ण होने और सड़क बनने से परिस्थितियां अब पूरी तरह बदल गई हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर नारायणपुर के अबुझमाड़ क्षेत्र के ऐसे गांव जिनका सर्वे नहीं हुआ है, उनका मसाहती सर्वे पूरा कराकर इन गांवों के लोगों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।
कुमगांव में अब सड़क है, बिजली है, पीने का साफ पानी है, स्कूल है और स्कूल में शिक्षक हैं। सड़क न बनने से यहां यह सुविधा आसानी से नही मिल पाती थी। कुछ समय पहले तक यह सब बुनियादी सुविधाएं यहां के लोगों के लिए सपना थीं। इस सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास किया नारायणपुर के कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी की टीम ने। गांव तक सड़क बन जाने से अब स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ एम्बुलेंस और अन्य बुनियादी सुविधायें गांवों तक पहुंच रही हैं। प्रशासन के इस कार्य से ग्रामवासी काफी उत्साहित है और शासन-प्रशासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।
कुमगांव की रानो दुग्गा और मंगाया दुग्गा ने बताया कि सदियों से बसे इन गांवों में लगभग 120 लोग रहते हैं। कुछ महीने पहले इस गांव तक पहुंच पाना ही सबसे बड़ी समस्या होती थी। इस गांव तक पहुंचने के लिए एकमात्र साधन पगडंडी थी। इस पगडंडी से लोग लाठी का सहारा लेकर ही यहां से आते जाते थे। हमें पहले शासन की योजना का लाभ नही मिल पाता था, अब हमारे गांव का सर्वे पूर्ण हो गया है । सर्वे उपरांत कलेक्टर साहब हमारे गांव आये थे, हमारे गांव पहुँचने वाले वे पहले कलेक्टर थे। पूरा गांव को घूमकर देखे थे उसके कुछ दिनों बाद ही यहां रोड बनाना शुरू हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *