November 22, 2024

अगुस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी घोटाले में जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा।

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मुख्यमंत्री ने जांच का दिया आश्वासन।

घोटालेबाज और कमीशन खोर चेहरे होंगे बेनकाब।

रायपुर/1/6/22 प्रेस विज्ञप्तिअगुस्ता हेलीकॉप्टर की खरीदी में हुए घोटाले के जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला एवं आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक प्रताप सिंह ने उनके निवास स्थित कार्यालय में भेंट कर 8 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा है। मुख्यमंत्री ने उक्त ज्ञापन को गंभीरता से पढ़ने के बाद निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।

कुणाल शुक्ला ने बतलाया कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ शासन के होनहार पायलट कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा एवं डीजीसीए के ट्रेनर पायलट कैप्टन ए.पी. श्रीवास्तव पहले से इस्तेमाल किए हुए पुराने और खटारा अगुस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी की भेंट चढ़ गए थे।यह एक प्रकार से अप्रत्यक्ष हत्या का मामला है। जिसमें दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई अन्य ऐसा अपराध करने की हिम्मत नहीं कर सके। यह आशंका जताई जाती रही है कि सरकारी अगुस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी में घोटाला हुआ है
और यह पैसा पनामा की किसी शैल कंपनी के खाते में जमा किया गया है।

8 बिंदुओ पर जांच की मांग

1 हेलीकॉप्टर की निविदा प्रक्रिया की जांच।

  1. निविदाकरों के आपसी संबंध /व्यावसायिक लेनदेन की जांच।

3 अन्य राज्य सरकारों को अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में समतुल्य तकनीक के बाद प्राप्त क्रय दर की जांच।

4 अन्य कंपनी के हेलिकॉप्टर निर्माताओं को निविदा में भाग लेने से रोकने हेतु निविदा में अधिरोपित शर्त तथा बिंदुओं की जांच।

5 तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं उनके कार्यालय के भूमिका की जांच।

6 जांच की जाय जिस कंपनी/व्यक्ति/एजेंट से हेलीकॉप्टर खरीदा गया था उसकी पृष्ठभूमि तथा एविएशन के सेक्टर में उसका अनुभव क्या था?

7 छत्तीसगढ़ सरकार को अगुस्ता वेस्टलैंड का स्पेसिफिक मॉडल ही खरीदना है। यह तय करने के लिए क्या कोई समिति बनी थी अगर समिति बनी थी तो उसके सदस्य कौन कौन थे और समिति का निर्णय क्या था?इस तथ्य की जांच की जाय।

8 तकनीकी विशेषज्ञ से जांच करवाई जाए क्या छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर ही सबसे उपयुक्त था? अगर नहीं तो फिर दूसरे हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनियों के मॉडल पर क्यों विचार नहीं किया गया?

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