सूचना प्रौद्योगिकी के राजपथ पर आगे बढ़ता छत्तीसगढ़
रायपुर, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी का सरकारी काम-काज में दूरदर्शितापूर्ण और कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सरकारी काम-काज की गति बढ़ा दी है। योजनाओं की निगरानी करने में आसानी हुई है। योजनाओं के क्रियान्वयन में परदर्शिता बढ़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी का कुशलता से उपयोग करके अनेक नागरिक सेवाएं निर्धारित समय सीमा में जनता को ऑन लाइन दी जा रही है। इससे लोगों के समय, श्रम और पैसों की बचत हो रही है और जनता को काफी सहूलियत हुई है। छत्तीसगढ़ के शहरों के साथ ग्रामीण अंचलों में भी लोग सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। अब आईटी और मोबाईल कनेक्टिीविटी की खूबियों की परख छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के सर्वाधिक पिछड़े समझे जाने वाले और विकास से लंबे समय तक अछूते रहे इस अंचल के निवासियों को भी हो रही है। घनघोर जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसे इन लोगों की मांगों का स्वरुप भी अब बदल रहा है, स्कूल, अस्पताल, सड़क के साथ अब यहां के लोग बेहतर दूर संचार और मोबाईल कनेक्टिविटी की मांग करने लगे हैं। सरगुजा संभाग के आदिवासी बहुल बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की सभी 340 ग्राम पंचायतें फॉईबर आप्टिकल नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। ई-गवर्नेंस के उत्कृष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को वर्ष 2012 में कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया-निहलेंट द्वारा ई-रत्न पुरस्कार भी प्रदान किया गया है।
इंटरनेट कनेक्टिीविटी की मजबूत होती अधोसंरचना
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में निरंतर मजबूत होती आईटी अधोसंरचना से जनता को अनेक सेवाएं सुगमता से मिलने लगी हैं। इलेक्ट्रॉनिक रुप से नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए नियम बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। डिजिटल छत्तीसगढ़ परियोजना के अंतर्गत सीजी स्वान 2.0 परियोजना में सभी 27 जिलों के 3300 कार्यालयों को इंटरनेट से जोड़ा गया है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना में जहां नागरिक सेवाएं डिजिटल माध्यम से दी जा रही हैं। जन शिकायतों का निराकरण, वेबसाईट, ई-जनदर्शन, ग्राम सुराज की वेबसाईट के माध्यम से किया जा रहा है। ग्रामीण अंचलों तक ई-क्लास रुम और डिजिटल लाईब्रेरी की सुविधा दी जा रही है। आने वाले समय में राजनांदगांव, सरगुजा और बस्तर जिले में नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए निःशुल्क क्षमता विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। नया रायपुर में मंत्रालय और सभी जिला कलेक्टोरेट कार्यालयों के मध्य स्थापित वीडियो कांन्फ्रेसिंग सुविधा से समय-समय पर कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाती है। जनसमस्याओं के निराकरण में भी इस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड परियोजना के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा समय-समय पर करते हैं।
ई-जनदर्शन की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने नये वर्ष में प्रदेश के दूरस्थ अंचल के ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास से ई-जनदर्शन की शुरुआत की है। उन्होंने इस माह की तीन जनवरी को ई-जनदर्शन में जशपुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालय में उपस्थित ग्रामीणों की समस्याएं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनी और उनके निराकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए। दूसरा ई-जनदर्शन 11 जनवरी को किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में ई-जनदर्शन के तहत राज्य के बस्तर संभाग के चार विकासखंडों- सुकमा, भोपालपट्नम, बीजापुर (दोनों जिला-बीजापुर) और कुआकोंडा (जिला दंतेवाड़ा) के जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी समस्याएं सुनीं और कई समस्याओं का त्वरित निराकरण किया।
भारत नेट के दूसरे चरण में 5987 ग्राम पंचायतें जुड़ेंगी आप्टिकल फाइबर से
छत्तीसगढ़ में डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपए की लागत की तीन परियोजनाओं बस्तर नेट, भारत नेट और संचार क्रांति योजना (स्काई) पर काम चल रहा है। भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच परस्पर समझौते के ज्ञापन (एमओयू) पर पिछले वर्ष 30 दिसंबर को रायपुर में हस्ताक्षर किए गए। दूसरे चरण में भारत नेट परियोजना में छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों को लगभग 1624 करोड़ रुपए की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में लगभग चार हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल नेटवर्क से जोड़ने का काम चल रहा है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 1830 करोड़ रूपए की लागत से 1028 मोबाइल टॉवरों की स्थापना की स्वीकृति भी केन्द्र द्वारा प्रदान की गई है।
आय-जाति प्रमाण पत्र सहित अनेक सेवाएं ऑन लाइन
आई.टी. के माध्यम से नागरिकों को बेहतर और सुविधाजनक ढंग से विभिन्न नागरिक सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मनरेगा की मजदूरी का भुगतान, विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में हितग्राहियों के खाते में सीघे राशि का हस्तांतरण किया जा रहा है। राज्य के सभी 27 जिलों तथा 148 तहसीलों में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है। सात हजार से अधिक सामान्य सेवा केन्द्रों और चॉइस केन्द्रों के माध्यम से 37 विभिन्न नागरिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। नागरिक सेवाओं के लिए सामान्य सेवा केन्द्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर प्राप्त हो रहे हैं। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से अब तक 27 लाख से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं। हर माह औसतन एक लाख तीस हजार नागरिकों को इन सेवाओं का लाभ मिल रहा है। सामान्य सेवा केन्द्रों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र बनाये जा रहे है। शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, टेली-मेडिसिन, रंगीन मतदाता परिचय पत्र, आधार पंजीयन, बीमा तथा बैंक संबंधी सेवाएं, बिजली बिल भुगतान, मोबाईल तथा डीटीएच रिचार्ज जैसी अनेक सुविधाएं भी इन केन्द्रों से दी जा रही हैं। सामान्य सेवा केन्द्रों में लगभग 65 लाख से अधिक लोगों का आधार कार्ड पंजीयन किया जा चुका है। आधार कार्ड पिं्रट का कार्य भी किया जा रहा है। तेरह लाख से अधिक नागरिकों के रंगीन मतदाता परिचय पत्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों में बिजली बिल भुगतान से संबंधित 18 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं और राज्य में साढ़े आठ लाख से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं। सामान्य सेवा केन्द्रों में नागरिक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सेवाओं के पचास लाख से अधिक ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं। धान के कटोरे छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और माइंस के ई-आक्शन का छत्तीसगढ़ का मॉडल यदि सर्वश्रेष्ठ है, तो इन व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी के दूरदर्शितापूर्ण उपयोग का सबसे बड़ा योगदान है।
वाई-फाई सुविधा का विस्तार
वाई-फाई सिटी परियोजना के अंतर्गत राजधानी रायपुर के बारह स्थानों सहित दुर्ग, बिलासपुर, अम्बिकापुर और जगदलपुर में कुल 18 स्थानों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है, प्रतिदिन लगभग तीस लाख लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। राज्य के पचास शासकीय महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा प्रदान की जा रही है। युवा सूचना क्रांति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को 18 हजार लैपटाप और 56 हजार टेबलेट वितरित किए जा चुके हैं। सूचना क्रांति योजना (स्काई) के अंर्तगत गरीबों और युवाओं को 56 लाख स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग के सातों जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 40 करोड़ रुपए की लागत की बस्तर नेट परियोजना पर काम किया जा रहा है। इस योजना में 832 किलोमीटर ऑप्टिक फाईबर नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। ई-प्रोक्योरमेंट योजना में राज्य के 46 विभागों को शामिल किया गया है। इस योजना में लगभग तेरह हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की पांच हजार पांच सौ से अधिक निविदाएं संपन्न करायी जा चुकी हैं।
रोजमर्रा के जीवन में इंटरनेट बैंकिंग और ई-रेल टिकट के लिए लोगों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में नागरिकों को आन लाइन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्टेट पोर्टल एवं स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे विकसित किया जा रहा है। नागरिकों को समस्त शासकीय आवेदन पत्र तथा सेवाएं राज्यस्तरीय वेबपोर्टल पर आन लाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में अपराध और अपराधियों की पहचान के लिए सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित नेटवर्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें थानों, सर्किल, अनुविभाग, जिला एवं रेंज स्तर के पुलिस कार्यालयों को जोड़ा जा रहा है। बिजली चोरी रोकने, बिजली वितरण प्रबंधन, उपभोक्ताओं को बिजली बिल की जानकारी एस.एम.एस. से देने बिल भुगतान के लिए बैंकिंग सेवा जैसी सुविधाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश के गांवों के भौगोलिक सूचना प्रणाली पर आधारित 37 लेयर के नक्शे तैयार किए गए हैं, जिसमें भू-अभिलेख नक्शा, टोपोग्राफी, भूमि के उपयोग, भूमि की जलनिकासी, मिट्टी की किस्म, उर्वरता, सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्थिति, वन, जंगल, जल संग्रहण, खनिज, खदान एवं जनसंख्या संबंधी डेटा का संग्रहण किया गया है। इस नक्शे का उपयोग योजना बनाने और प्रबंधन में विभिन्न विभागों द्वारा किया जा रहा है। पटवारी नक्शों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। लोक सेवा केन्द्र्रों से बी-1 और खसरा नकल की डिजिटल प्रमाणित कापी दी जा रही है। अब तक 20,007 गांवों के नक्शों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में डिजिटल छत्तीसगढ़ की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के कुशलता के साथ उपयोग ने आम आदमी के रोजमर्रा के काम-काज को जहां आसान बनाया है। वहीं शासन प्रशासन के काम काज में भी आई टी का उपयोग दक्षता के साथ किया जा रहा है। युवा उद्यमियों को स्टार्ट अप के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए राजधानी रायपुर में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गयी है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर है। सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से उद्योगों के लिए स्वीकृतियां ऑन लाइन प्रदान की जा रही हैं।