November 22, 2024

1 महीने में क्रूड आयल के दाम में 30 डॉलर की कमी लेकिन जनता को पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमत से नही मिला मुक्ति

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क्रूड ऑयल सस्ती हुई लेकिन पेट्रोल डीजल मोदी टैक्स के चलते महंगे

मनमोहन सरकार के समय 410 रु में मिलने वाली रसोई गैस को मोदी सरकार 1021 रु में गरीब जनता को बेच रही

रायपुर /07 अप्रैल 2022। पेट्रोल- डीजल रसोई गैस के बढ़ती कीमतों को मोदी सरकार की मुनाफाखोरी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के दाम में बढ़ोतरी होती है तब देश में पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर दी जाती है लेकिन जब क्रूड आयल के कीमतों में गिरावट आती है तब पेट्रोल डीजल के दाम कम करने के बजाय मोदी सरकार अपनी मुनाफाखोरी को बढ़ाने में लग जाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 मार्च को क्रूड आयल के कीमत लगभग 139 डॉलर के करीब था जो 7 अप्रैल को घटकर 103 डॉलर हो गया लेकिन फिर जनता को महंगाई से राहत नही मिला। 22 मार्च के बाद 14 दिनों में पेट्रोल डीजल के दाम लगभग 10 रु प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।कमर्शियल सिलेंडरों की कीमत में 9 महीने में 750 रु की वृद्धि हुई मार्च महीने में 250 रु की कीमत बढ़ी वही घरेलू गैस के दाम भी आसमान छूने लगें । मनमोहन सरकार के दौरान जो रसोई गैस 410 रु प्रति सिलेंडर मिलता था मोदी सरकार उसे 1021 रु के दर पर गरीब जनता को बेच रही है मनमोहन सरकार के दौरान सिलेंडरों मिलने वाले सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है उज्जवला योजना के नाम से मोदी भाजपा की सरकार देश की गरीब जनता के साथ भद्दा मजाक की है।उज्जवला योजना के नाम से चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया गया जबकि गैस सिलेंडर के महंगे दामों के चलते उज्जवला योजना के हितग्राही सिलेंडरों के रिफलिंग कराने में असमर्थ नजर आ रही है और कनेक्शन को कबाड़ीओं के पास बेच रहे या गैस की खाली टंकी और चूल्हा को बगल में रखकर ईट से चूल्हा बना कर कंडा, लकड़ी ,रद्दी पेपरों से खाना बनाने मजबूर है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की सरकार देश की जनता पर महंगाई थोप रही है और अपने नाकामियों से बचने के लिए कभी पूर्ववर्ती सरकार को तो अभी वर्तमान में रूस और यूक्रेन के युद्ध को जिम्मेदार ठहरा रही है असल मायने में केंद्र में बैठी सरकार की नीति में गरीब मजदूर किसान युवा महिलाओं के बेहतरी की योजना नहीं है बल्कि इनके नाम से योजना बनाकर चंद पूंजीपतियों को लाभ हानि करने की नीति है जिस गति से देश में महंगाई बढ़ रही है खाने-पीने के सामान के दामों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है डीजल के दाम कांग्रेस शासन काल के तुलना में 50 प्रतिशत वृद्धि हो गई है रसोई गैस के दाम मनमोहन सरकार के दौरान के कीमत से 200 प्रतिशत वृद्धि हो गई है जूता चप्पल पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी,कॉपी पुस्तक पेन किलर सहित 800 प्रकार के दवाइयों की कीमतों मे 30 प्रतिशत की इजाफा हुआ है मोटर पार्ट्स टायर ट्यूब ऑयल ग्रीस फर्नीचर इलेक्ट्रॉनिक सामान, होजियारी, कृषि यंत्र, खाद बीज, कीटनाशक, पौस्टिक आहार, सौंदर्य प्रसाधन, दूध, सब्जी के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है टोल टैक्स 10 रूपये से 65 रूपये तक बढ़ा दिया गया ट्रांसपोर्टिंग चार्ज और यात्री किराए में भी वृद्धि की गई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी की मुनाफाखोरी के नीति कर दुष्परिणाम सीधा सीधा नुकसान गरीब आम जनता को हो रहा है एक ओर मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते देश जहां आर्थिक मंदी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं बेरोजगारी विकराल समस्या बंद कर उभरी है सरकारी कंपनियों का धड़ाधड़ निजीकरण किया जा रहा है ऐसे समय में जब देश के 83 प्रतिशत आबादी की आय कम हो गई है 15 करोड़ हाथों से रोजगार छीना जा चुका है 60,000 से अधिक सेमी सेक्टर बंद हो चुके हैं जहां देश को महंगाई से राहत देने के लिए मोदी सरकार को उदारवादी नीति अपनाना चाहिए था पेट्रोल डीजल पर लगने वाले बेतहाशा एक्साईटेक को घटाकर मनमोहन सरकार के दौरान के एक्साइज टैक्स के दायरे में लाना था जीएसटी को शिथिल करते हुए राहत देना था उल्टा मोदी सरकार आम जनता पर टैक्स के ऊपर टैक्स लग रही है और अपने नाकामी को छुपाने के लिए दूसरों के सिर ठीकरा फोड़ रही है।

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