मनरेगा के तहत प्रदेश का प्रथम भौगोलिक सूचना प्रणाली लैब का लाकार्पण
रायपुर, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश के प्रथम भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.) लैब का लोकार्पण मनरेगा के आयुक्त श्री पी.सी. मिश्रा ने किया। लैब का लोकार्पण 18 जनवरी को ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान निमोरा में आयोजित मनरेगा की राज्य स्तरीय बैठक के दौरान की गई। सूखे से निपटने के लिए मनरेगा से बनने वाली जल संरक्षण एवं जल संचय से संबंधित संरचनाओं के निर्माण में उपयु्क्त स्थान के चयन के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक का उपयोग एक प्रभावी और सशक्त माध्यम है। यह तकनीक उपअभियंताओं और तकनीकी सहायकों को विभिन्न जल और भूमि संरचनाओं के लिए स्थल चयन से लेकर उनके प्राक्कलन तैयार करने में मदद करेगा।
आयुक्त मनरेगा श्री मिश्रा ने जी.आई.एस. लैब के शुभारंभ अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत राज्य स्तर पर स्थापित यह लैब, प्रदेश का प्रथम भौगोलिक सूचना प्रणाली सुविधा केन्द्र है। इस सुविधा केन्द्र में प्रदेश में योजनांतर्गत पदस्थ तकनीकी सहायकों को जी.आई.एस. तकनीक में दक्ष किया जाएगा। दक्षता प्राप्त करने के बाद ये मनरेगा के अंतर्गत गांवों में किस जगह कौन-सी जल संरचना बनाने से पानी संग्रहित होगा और किन संरचनाओं से भू-जल संवर्धित होगा, इसका चिन्हांकन कर उन संरचनाओं का प्राक्कलन तैयार कर सकेंगे। यह तकनीक भूमि के नीचे स्थित जल-संरचनाओं के पहचान में भी तकनीकी अमले की मदद करेगी। उन्हांेने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा संचालित जी.आई.जेड परियोजना के माध्यम से जी.आई.एस. तकनीक के प्रशिक्षण के लिए यह लैब उपलब्ध कराये गए हैं। प्रशिक्षण का कलैण्डर तैयार किया जा रहा है। शुरुआत में सबसे पहले जिला-धमतरी और राजनांदगांव में योजनांतर्गत पदस्थ तकनीकी अमले को दक्ष किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य प्राप्ति के बाद, इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जायेगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ग्राम पंचायतों की प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा सकेगी। इस अवसर पर ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान, निमोरा के संचालक श्री मनिवासगन एस., उपायुक्त श्री आर.के.शर्मा, जी.आई.जेड के राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञ श्री राजीव आहूजा व राज्य समन्वयक श्री सौरव पहाड़ी सहित ग्रामीण विकास के अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।