भाजपा सरकार स्थानीय आदिवासियों के हक और अधिकार को अपने सत्ता के दम पर कुचल रही है:पुनिया
सरकार बनी तो हर भ्रष्टाचार की होगी कानूनी जांच – भूपेश
रायगढ़ — प्रदेश की भाजपा सरकार स्थानीय आदिवासियों के हक और अधिकार को अपने सत्ता के दम पर कुचल रही है। हाल मे पारित भूमि संशोधन विधेयक इसका ज्वलंत उदाहरण है। बीते 15 सालों मे छत्तीसगढ़ की ढाई करोड आबादी ने रमन सरकार की कथनी और करनी का फर्क बखूबी भुगत लिया है और अब राज्य मे परिवर्तन की बयार है। कांग्रेस सभी 90 सीटों पर पूरे दम खम के साथ उतरने को तैयार है और हम सब जनता के बीच जाकर सरकार का भ्रष्टतमभ्रष्ट्राचार से रंगा तथा दलित विरोधी चेहरा सार्वजनिक करेंगें।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी व पूर्व सांसद पीएल पुनिया गुरुवार को स्थानीय होटल ट्रिनिटी ग्रैंड मे आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान इसी तल्ख अंदाज मे मीडिया से मुखातिब हुये। जिले मे 18 जनवरी से शुरु हो रही कांग्रेस की चार दिवसीय जन अधिकार पदयात्रा का आगाज करने पंहुचे कांग्रेस प्रभारी ने पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सरकार के कुशासन व भ्रष्टाचार पर खुल कर आरोप लगाये। पुनिया ने कहा कि सूबे के मुखिया से लेकर सरकार के हर मंत्री पर गंभीर आरोप हैं। ब्यूरोक्रैप्स पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है । पूरे प्रदेश मे सरकार की छवि शोषक व दमनकारी बनी हुई है। पुनिया ने कहा कि इसी भ्रष्टाचार के चलते आगामी विधानसभा चुनाव मे रमन सरकार ने 90 मे से 25 सीटें पहलेही कांग्रेस के पक्ष मे सरेंडर कर दी हैं जबकि कांग्रेस सभी 90 सीटों पर जनता की उम्मीदों के अनुरुप विश्वास हासिल करने हेतु प्रयासरत है। पीएल पुनिया ने पत्रकार वार्ता मे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह पर भी पनामा लीक के हवाले से भ्रष्टाचार मे संलग्न बताते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ के इन तमाम भ्रष्टतम चेहरों की असलीयत कांग्रेस जनता को बतायेगी साथ ही पार्टी का मकसद कांग्रेस की जनहितैषी योजनाओं को भी जन – जन तक पंहुचाने का है। प्रदेश मे तीसरी चुनौती के बारे मे पूंछे गये सवाल के जवाब मे पुनिया ने कहा कि वे किसी अन्य पार्टी के बारे मे न तो जानते हैं और न जानने मे रुचि है। उनकी निष्ठा व जिम्मेदारी केवल कांग्रेस के लिये है और पूरी पार्टी केवल कांग्रेस के पक्ष मे कार्य करने हेतु कृतसंकिल्पत है। विधानसभा चुनाव मे मुख्यमंत्री का चेहरा जाहिर न करने के सवाल का जवाब देते हुये पीएल पुनिया ने कहा कि यह कांग्रेस की नीति रही है कि पार्टी किसी चेहरे को सामने कर चुनाव नहीं लडी है। बहुमत के बाद विधायक दल के नेता का चुनाव निर्वाचित विधायकों की सहमति से ही होगा। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र हेतु भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मार्गदर्शन मे एक कमेटी गठित कर स्थानीय मुद्दों के आकलन के आधार पर कमेटी गठन की प्रकिया शुरु होने की भी जानकारी पीएल पुनिया ने मीडिया को दी।
हर भ्रष्टाचार की होगी जांच – भूपेश
पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने मीडिया के सामने एक बार फिर झीरम घाटी नरसंहार का दर्द बयां करते हुये इस कांड से जुड़े अहम सबूत होने की जानकारी दोहराई। साथ ही राज्य सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि उनके बार – बार के मांग के बावजूद सरकार मामले की सीबीआई जांच नहीं करा रही है। भूपेश ने कहा कि सरकार के मुखिया झीरम कांड के सबूत सार्वजनिक करने का बयान देते हैं लेकिन इतने संवेदशील मुद्दे के अहम प्रमाण सार्वजनिक करने के बाद उन पर तयशुदा कार्यवाही होगी ही तथा सबूतों को नष्ट करने के षडयंत्र नहीं होंगें , इस पर डा. रमन सिंह कभी ठोस आश्वासन नहीं देते। भूपेश बघेल ने यहां तक कहा कि प्रदेश के सबसे बडे नरसंहार के प्रमाण होने के ऐलान के बाद उन्हें जान का भी खतरा पैदा हो गया है लेकिन रमन सरकार सुरक्षा के भी मजबूत आश्वासन का मौखिक दावा तक करने मे असमर्थ महसूस कर लही है। पीसीसी चीफ ने कहा कि बस्तर मे जिन गरीब, निर्दोष आदिवासियों ने सलवा जुडुम मे सरकार का विश्वास कर सहयोग किया वे बेवजह खत्म कर दिये गये। उनमे से किसी एक की जान भी सरकार नहीं बचा सकी। इसलिये उन्हें भी अपनी असुरक्षा की चिंता है। सरोवर – धरोहर योजना अंतर्गत तालाबों के प्राकृतिक तथा मूल संरचना मे परिवर्तन तथा प्रतिबंधित भूमि पर सत्ताधीशों के संरक्षण मे हुये बलात कब्जे से जुडे सवाल का जवाब देते हुये पीसीसी प्रभारी भूपेश बघेल ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन बताते हुये मीडिया को आश्वस्त किया कि यदि 2018 मे कांग्रेस की सरकार बनती है तो रमन राज के बीते 15 सालों के सभी पुराने पाप खंगाले जायेंगें व हर छोटे – बडे़ भ्रष्टाचार की कानूनी जांच की जायेगी।
प्रेसवार्ता मे पूर्व केंद्रीय मंत्री व छग कांग्रेस कमेटी के एलेक्शन चीफ डॉ. चरणदास महंत,एवं प्रभारी डॉ शिव डहरिया,पीसी सी महामंत्री गिरीश देवांगन,कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल,पूर्व विधायक नोवेल वर्मा,डॉ चोलेश्वर चंद्राकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।