कृषि मंत्री श्री अग्रवाल से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष ने की मुलाकात
रायपुर:कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल से आज यहां उनके शंकर स्थित निवास कार्यालय में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय पॉल शर्मा ने मुलाकात की। कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय पॉल शर्मा से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ की खेती-किसानी की परिस्थितियों तथा प्रदेश सरकार द्वारा किसानों और खेतिहर मजदूरों के हित में शुरू की गई योजनाओं की जानकारी दी।
कृषि मंत्री ने चर्चा के दौरान कहा कि किसानों के व्यापक हित में केवल एक फसल के लिए मूल्य नीति तय करने के बजाय स्थायी रूप से मूल्य नीति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दलहनी और तिलहनी फसलों का रकबा बढ़ाने तथा कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने केन्द्र सरकार से मदद मिलनी चाहिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि खरीफ मौसम के लिए लागू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्थानीय परिस्थितियों को भी शामिल करने की जरूरत है। अनेक बार स्थानीय स्तर पर भी कई प्राकृतिक आपदा हो जाती है, जो मूल रूप से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आती है। इससे किसानों को नुकसान होता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बागवानी फसलों की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए फल-फूलों, मसाला फसलों और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। किसानों की आय दोगुनी करने बागवानी उत्पादों की भी प्रोसेसिंग यूनिट लगाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से धान का समर्थन मूल्य बाईस सौ 50 रूपए प्रति क्विंटल करने का आग्रह किया है।
अध्यक्ष प्रोफेसर शर्मा आयोग के दल के साथ छत्तीसगढ़ एक दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने आज यहां कृषि महाविद्यालय के सभागार में खरीफ मौसम 2018-19 के लिए मूल्य नीति तय करने पूर्वी क्षेत्र के राज्यों की क्षेत्रीय बैठक में शामिल हुए। यह बैठक राज्य शासन के कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। बैठक में छत्तीसगढ़, ओडि़शा, झारखण्ड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कृषि विभागों, कृषि विश्वविद्यालयों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि आज की बैठक में छत्तीसगढ़ के किसानों ने मुखर होकर अपनी बातें रखी। किसानों से हुई चर्चा से खरीफ फसल की मूल्य नीति तैयार करने में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप केन्द्र सरकार को अनुशंसा करने में सहायता मिलेगी। छत्तीसगढ़ के किसान अपने हितों के लिए जागरूक हैं। बैठक में किसानों से काफी उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए हैं। कृषि मंत्री से मुलाकात के दौरान संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा भी उपस्थित थे।