सांसारिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है -समाजसेवी टंक राम वर्मा
बलौदाबाजार,अर्जुनी/सुहेला – समीपस्थ ग्राम हिरमी में ग्रामवासियों के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चतुर्थ दिवस पर कथा में विशेष रूप से आमंत्रित अंचल के प्रसिद्ध समाज सेवी एवं ज़िला पंचायत रायपुर के उपाध्यक्ष टंक राम वर्मा का स्वागत ग्रामवासियों के द्वारा श्रीफल एवं पुष्पहार गुलाल के द्वारा किया गया l उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी ने कहा कि शिक्षा दो प्रकार का होता है एक सांसारिक शिक्षा होता है जो हमें स्कूल कालेज से प्राप्त होता है जिससे हमें डिग्री मिलती है और रोज़गार मिलती है उसी से जीवन चलता है और दूसरी आध्यात्मिक शिक्षा होती है जिससे हम अपने जीवन को कैसे सुंदर बनाये,हमारा जीवन कैसे संस्कारमय बने इसकी शिक्षा मिलती है l शिक्षा हमारी बुद्धि को ठीक करती है और दीक्षा हमारे स्वभाव को ठीक करता है l शिक्षा से सफलता मिलती है लेकिन सफलता को यथावत कैसे बनाए रखे ये संस्कार के ऊपर निर्भर करता है l जैसे कोई पक्षी का एक पंख बहुत मज़बूत हो लेकिन दूसरा पंख कमजोर हो या बीमार हो जाय तो वह चाहते हुए भी अपनी मंज़िल को नही पा सकती उसी तरह आदमी बहुत अधिक शिक्षित होने के बाद भी संस्कार के बिना जीवन सफल नही हो सकता l आज हर आदमी शिक्षा के पीछे दौड़ रहे है लेकिन संस्कार को भूल रहे है l पहले के लोग शिक्षा में बहुत पीछे थे लेकिन उनका जीवन संस्कार से भरा हुआ था लेकिन आज लोग शिक्षा में बहुत आगे है लेकिन संस्कार को पीछे छोड़ते जा रहे है जिसके कारण परिवार और समाज में कलह बढ़ते जा रहा है l आज सभी को शिक्षा के साथ संस्कार बहुत आवश्यक है क्योंकि संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है l टंक राम वर्मा के द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया जिसमें सभी श्रोतागन झूमने लगे l व्यास पीठ पर मढ़ी के पंडित परमानंद शास्त्री जी कथा का रसपान करा रहे थे l इस अवसर पर तामेश्वर जायसवाल मनहरन साहू जनक राम साहू रामजी ध्रुव रुपसिंह सिन्हा फुलसिंह सिन्हा उमाशंकर धीवर ठाकुर राम सिन्हा गौरसिंह संतु धीवर शिवकुमार ध्रुव नंदिनी फेकर लक्ष्मी जायसवाल बुधेश्वर धीवर द्रुपद बाई कीर्ति पार्वती भवानी सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित थे l