भ्रटाचार की खबरों से रेंजर ,डी एफ ओ बौखलाए,,करतूतों पर पर्दा डालने खबरों को बता रहे भ्रामक
कोरिया मनेंद्रगढ़ – मनेंद्रगढ़ वन मंडल मुख्यालय से महज 6 -8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कक्ष क्रमांक 677 हसदेव नदी तट पर मिश्रित वृक्षारोपण का है मामला।करीब डेढ़ साल पहले उक्त कम्पार्टमेन्ट में स्थित मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र की चटनिया नर्सरी।जिसके नीचे और हसदेव नदी के तट पर वन विभाग द्वारा सीमेंट पोल और कंटीले तारों से फिंसिंग कराकर 5 हेक्टेयर के रकबे में मिश्रित प्रजाति के पौधों का वृक्षारोपण कराया गया था।जिस संबंध में हमने उस प्लांटेशन कराए गए स्थल का मुआयना किया। जिसके बाद वहां की जमीनी हकीकत और वहां पर किए गए भ्रष्टाचार का पता चला और हमने जाना की जिस जमीन पर 5 हेक्टेयर के मिश्रित वृक्षारोपण कार्य पर राशि ब्यय की गई है।असल में वहां पर दो चार पौधे ही पाए गए।
ईमानदारी का ढिंढोरा पीटने वाले भ्रष्ट अधिकारी जमीनी हकीकत से थर्राए
जिसके बाद सवाल ये उठता है कि अगर 5 हेक्टेयर में कराया गया वृक्षारोपण ग्राउंड जीरो पर नहीं है तो कहां गायब हो गया।क्या वृक्षारोपण कराया ही नहीं गया? या फिर वृक्षारोपण के नाम राशि हड़प ली गई ? जबकि मौका मुआयना से ये भी पता चला कि जहां पर वृक्षारोपण कराना दिखाया गया है।उस पूरे रकबे की लगभग 60% के रकबे में बड़े चट्टान हैं और जहां पर किसी भी तकनीकी थ्योरी का उपयोग करके पौधे नहीं लगाए जा सकते हैं।इस पूरे मुद्दे पर हमने पहले भी एक बार समाचार लगाया था और खबरों के कटिंग के माध्यम से संबंधितों को अवगत भी कराया था।जिसके बाद उम्मीद थी कि वन मंडल के डी एफ ओ द्वारा जांच या संज्ञान लिया जाएगा।लेकिन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा अपनी कमी और अनियमितता पर अमल ना कर।
पत्रकारिता पेशे के खरपतवार जुटे डैमेज कंट्रोल में,,,
पेड न्यूज़ का सहारा लेकर उन अखबारों की सच्चाई को झूठा साबित करने की कोशिश की जा रही है।जिसके लिए कुछ पत्रकारिता पेशे के विवादित या फिर पत्रकारिता पेशे के खरपतवार भी कहें तो गलत नहीं होगा।जो BBC जैसे बड़े अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ प्लेटफार्म के नाम का पोर्टल बनाकर इनकी चापलूसी कर रहे हैं।और प्रतिष्ठित विश्वशनीय अखबारों के खबरों को झूठा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।जिनकी सांठ गांठ से अपनी करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
वातानुकूलित कार्यालय में बैठे साहब,, ग्राउंड जीरो का जायज़ा तो लीजिए,,,,
वन मंडल मनेंद्रगढ़ के डी एफ ओ साहब से विनम्र आग्रह है कि जनाब जरा एयर कंडीशन चेंबर से भी निकला करें और अपने अधीनस्थ अधिकारी क्रर्मचारियों के द्वारा जंगलों में कराए जा रहे कार्यों और वास्तविक गतिविधियों का निरीक्षण किया करें। ये हमारा आदेश नहीं है।आपके दायित्यों का स्मरण है।,,बहरहाल अगर उचित समझते हैं तो मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 677 और चटनियां नर्सरी के नीचे हसदेव नदी तट के वृक्षारोपण का हाल जान लीजिए। हम आपको अवगत करा रहे हैं कि वन विभाग के नियम अनुसार लीगल 10 % केज्युलटी से बहुत ज्यादा और 10 – 50 पौधे नहीं बल्कि 5 हेक्टेयर का पूरा वृक्षारोपण ही गायब है।