कृषि भूमि को काटकर अवैध प्लाटिंग का चल रहा कारोबार राजस्व का नुकसान के साथ टुकड़ों में बिक रही जमीन
अनूपपुर जिला के आसपास इन दिनों चारों तरफ कृषि भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग का काम चल रहा है। शासन प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है स्थिति यह है कि नगर के आसपास रोज कहीं ना कहीं कॉलोनी का नक्शा खींचा जा रहा है नगर सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर शोर से हो रहा है रियल स्टेट रेगुलेरिटी अथॉरिटी जिसे मेरा भी कहा जाता है को दरकिनार करते हुए प्लाट भारी कीमत पर बेचे जा रहे हैं इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में फंस भी सकते हैं लेकिन सिर्फ अपने फायदे को देखते हुए प्लाट काटने वाले ने जमीन खरीदने वाले को मूर्ख समझ कर धन लुटाई के काम में लगे हैं और प्रत्येक फ्रूट की कीमत 700 से लेकर ₹400 तक बेची जा रही है अभी अनूपपुर जिले से पर सवार मार्ग की ओर मुख्य मार्ग से लगे हुए एक कृषि भूमि पर दर्जनों प्लाट काटे गए हैं और बकायदा बिक्री चालू भी है जो अनूपपुर बस्ती के किसी तिवारी के नाम पर है अब आप ही सोच सकते हैं आने वाले समय में रेरा के तहत कार्यवाही होगी तो जमीन खरीदने वाले लोग जो अपने जिंदगी भर की कमाई से एक घर बनाने के लिए अपनी पूरी संपत्ति लगा देते हैं कल वही उन्हीं नियमों को दिखाकर शासन हटाने आएगी तो जब कोई पेपर ही नहीं होंगे तो उस जमीन को कैसे बचा पाएंगे और मजे की बात तो यह है इस समय पूरा संभाग भू माफिया के नाम पर जगह-जगह कई बिल्डिंगो को एक साथ 34 जेसीबी लगाकर गिरा देते हैं तो अवैध काम को समय रहते रोक क्यों नहीं सकते क्या लोगों के नुकसान होने के बाद ही प्रशासन जागती है।
आने वाले दिनों में ग्राहकों को हो सकती है परेशानी
निश्चित रूप से कृषि भूमि को आज आवासीय रूप में प्लाट काटकर अनूपपुर बस्ती के राजा तिवारी नामक व्यक्ति बेधड़क बेच रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में रेरा के नियमों से लेकर कमर्शियल प्लाट के रूप में चिन्हित करके जिम्मेदार लोग वसूली करने पहुंच जाएंगे और फिर भरपाई ना होने के बाद उक्त जमीन से उसे बेदखल भी कर सकते हैं इसलिए जमीन खरीदने वाले लोगों को भी सजग होकर अपने जीवन भर की कमाई फस आनी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार से उनके जमीन पर किसी प्रकार की कोई कागजी कार्यवाही बाकी न रह जाए।
कृषि संपत्ति के अभिसरण की प्रक्रिया
किसी भी भूमि का विषय राज्य का विषय होता है और इसे नियंत्रित करने के लिए कानून प्रत्येक राज्य में अलग होता है जिस राज्य में आप रहते हैं उसके आधार पर आपको आवासीय उद्देश्यों या आवासीय उद्देश्यों के लिए अपनी कृषि भूमि को बदलने के लिए अपने शहर में नियोजन प्राधिकरण से संपर्क करना होता है और सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेकर अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार कृषि भूमि से लेकर आवासीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करवाते हैं लेकिन लगता है यहां पर तिवारी नामक भू माफिया खुद ही अपना कानून लागू करके अनूपपुर जिले में अवैध कालोनियों को संचालित कर रहे हैं और लाखों रुपए की अवैध कमाई भी निश्चित रूप से आने वाले दिनों में इस तरह के कार्य भू माफिया को और ऊंचाई पर ले जा सकते हैं समय रहते इन पर कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण आज पूरे मध्यप्रदेश में सबसे विवादित भूमि का अड्डा अनूपपुर जिले को माना जाता है जहां पर हर दूसरा प्लाट विवादित है और किसी के जमीन को खरीदने में ग्राहकों को सौ बार सोचना पड़ता है।
भू माफिया पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही
एक तरफ आज पूरे संभाग में जिसमें विशेषकर शहडोल जिले और अनूपपुर जिले में संवेदनशील पुलिस अधीक्षक होने के कारण कई माफियाओं के घर गिराए जा रहे हैं वहीं एक तरफ पूरी दिलेरी और ताकत लगाकर खुलेआम अनूपपुर से पर सवार के बीच अवैध रूप से कृषि भूमि को दर्जनों प्लाट काटकर खुलेआम रजिस्ट्री करवाई जा रही है इस तरह से 1 जिले में दो तरह के कानून कैसे संचालित हो रहे हैं यह भी अपने आप में सोचने का विषय है जहां अवैध माफियाओं और भू माफियाओं द्वारा किए गए कब्जों को पूरे मध्यप्रदेश में खाली करवाई जा रही है और जगह-जगह घरों को गिराया जा रहा है वहीं एक तरफ दर्जनों मुख्यालय से लगे हुए मुख्य मार्ग पर किया जा रहा है और जिम्मेदार चुप बैठे हैं।