November 22, 2024

मनेंद्रगढ़ वन मंडल की लापरवाही से ग्राम रतौरा के मिश्रित प्लान्टेसन के 10 हेक्टेयर का खम्हार मरने की कगार पर

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मनेन्द्रगढ़ कोरिया  मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के पोल खोल अभियान की आज की कड़ी में हम आपको ले चलते 2020-21 वर्ष अंतर्गत मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र के रतौरा के कक्ष क्रमांक 737 में जंहा पर 40 हेक्टेयर के रकबे में मिश्रित प्रजाति के पौधों का प्लान्टेसन कराया गया था जिसमे करीब 44000 हजार मिश्रित पौधों की संख्या थी आप को बता दे कि उक्त स्थल पर आम जामुन सागौन करंज सहित खम्हार के पौधे रोपित किये गये थे जानकारी और मौका मुआयना के अनुसार दर्शाए गए रकवे और तार फिनिसिंग किये गए रकवे में काफी अंतर देखा गया बेरिकेटेड एरिया के बराबर का हिस्सा चट्टानों का मिला 40 हेक्टयर के इस प्लान्टेसन मे करीब 10 हेक्टेयर में किया गया खम्हार का प्लान्टेसन एक बरसात बीतने के बाद भी मरणासन स्थिति में देखा गया खम्हार के रोपित लगभग 10 हेक्टयर के सभी पौधे अविकसित परिस्थिति में देखे गए जबकि उसी प्लांटेशन के अन्य हिस्से व रकबे में रोपित सागौन सहित करंज के पौधे पूरी तरह स्वस्थ व विकशित है। अब सवाल ये उठता है कि हर 40 हेक्टयर में 10 हेक्टयर के पौधों की केजुयल्टी अगर वन विभाग  दिखाता है तो ये 10% केजुयल्टी से बहुत ज्यादा है

जिसे विभाग भी स्वीकार नही करता और जिसके नुकसान की भरपाई संबांधित वन परिक्षेत्र के अधिकारियों से करने का प्रावधान बनता है परंतु वन मंडल मनेन्द्रगढ़ जिस तरह जंगलो की बर्बादी और जंगलों के विकास के नाम बड़ी बड़ी राशियों के भ्रष्टाचार में दिखता है उससे नियमानुसार और निष्पक्ष जांच सहित दोषियों पर कार्यवाही की उम्मीद करना इनके लिए बेईमानी जैसा होगा। रतौरा अंतर्गत कक्ष क्रमांक 737 में कराए गए मिश्रित प्लान्टेसन के दर्ज आकड़ो पर भी अगर गहन जाँच पड़ताल कराई जाए तो उम्मीद है कि यहां पर भी बड़ा झोल देखने को मिल सकता है। बहरहाल अब देखना रोचक होगा कि 40 हेक्टयर के प्लान्टेसन में 10 हेक्टयर के खम्हार प्लान्टेसन के केजुयल्टी की भरपाई की वन विभाग अपने सर लेता है कि लापरवाही पूर्वक वृक्षारोपण कराए जाने वाले अधिकारियों से वसूलता है।

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