अधाधुंध वनों की कटाई पर क्यू खामोश हैं मनेंद्रगढ़ डी. एफ. ओ.
इंट्रो हरे भरे लहलहाते जंगल हर किसी को अपनी और आकर्षित करते हैं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी यही मंशा है की जंगल समृद्ध और घनत्व बनाए हुए हो लेकिन मनेंद्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत यह देखना अब मुमकिन नहीं है हर तरफ जंगलों की कटाई वृक्षारोपण के नाम पर खानापूर्ति यह सब मनेंद्रगढ़ वन मंडल क्षेत्र में आसानी से देखने को मिल जाता है आपको बता दें कि जब हमारे सहयोगी जंगलों की खाक छान रहे थे तभी उन्हें जंगलों की अवैध कटाई करते कई युवक मिले जिन्हें जरा सा भी खौफ मनेंद्रगढ़ वन मंडल के अधिकारियों का नहीं है ऊपर से लेकर नीचे तक हर तरफ आपको जंगल कटाई के साबुत नज़र आ जाएंगे चेक डैम पर जब हमने नजर डाली तो वहां पर भारी मात्रा में हरे भरे पेड़ों की बल्लियों को काटकर पानी में छुपाने का प्रयास किया गया था परंतु कहते हैं ना कि तीसरी आंख यानी कैमरे की नजर से यह सब कहां बच पाता और मनेंद्रगढ़ वन मंडल में हो रहे भ्रष्टाचार की कलाई खुलती नजर आई
मनेंद्रगढ़ रेंज के R F 716 कक्ष क्र. अंतर्गत सरे आम कट रही हैं लकड़ियां,,,
मनेंद्रगढ़ कोरिया – मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जारी पोल खोल अभियान की अगली कड़ी में जिस घटना से हम आपको रू ब रू कराना चाहते हैं।उस पर आपको ताज्जुब तो नहीं होगा पर ऐसी लापरवाही भी स्वीकार नहीं करेंगे।जंगल की रोज हो रही बरबादी का यह वाकया मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक आर एफ 716 में आम घटना की तरह सारे आम देखा गया।जंगलों का मुआयना करते जब हम इस स्थान पर पहुंचे तो नजारा अच्छा नहीं था।जंगलों से बेखौफ और बेधड़क काटी जा रही थी लकड़ियां।हालांकि हमारी दस्तक ने इमारती लकड़ी काट रहे लोगों को कुछ पल के लिए विचलित कर दिया पर जैसे ही हमने आड़ का सहारा लिया तो फिर से ये लकड़ी काटने वाले पुनः कटाई में सक्रिय नजर आए।जबकि हमने जंगल के साथ हो रहे इन कृत्यों और कटाई का वीडियो भी कैद किया।आपको बता दें कि ग्राम पेंड्री से दक्षिण के जंगलों की जो दुर्दशा देखने को मिली वो किसी भी हद तक सही नहीं मानी जा सकती है।जिसको देखकर वन विभाग की बड़ी चूक और लापरवाही का भी अंदाजा लगा।की जंगल के जिम्मेदारों की इतनी बड़ी उदासीनता आखिर क्यों।क्या अपने मूल कर्तब्यों से भटक चुका है।वन मंडल मनेंद्रगढ़ का जमीनी अमला।या फिर जंगल की तबाही को मौन स्वीकृति दे चुका है।आपको अवगत करा दें कि मनेंद्रगढ़ के जंगलों के अंदर चल रहे कारनामों की पूरी जानकारी मीडिया के माध्यम से प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर , मुख्य वन संरक्षक सरगुजा और संबधित वनमण्डलाधिकारी तक को हमेशा अवगत कराई जाती रही है।परंतु इसके बाद भी इन उच्चाधिकारियों के द्वारा कभी भी जंगलों पर किए जा रहे अत्याचार और जंगल के नाम भ्रटाचार पर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया और बल्कि चुप्पी अब भी बरकरार है।