भाजपा की केंद्र सरकार धान खरीदी में बाधा डालने सेंट्रल पूल में उसना चावल नही ले रही और मांग के अनुसार बारदाना नहीं दे रही-कांग्रेस
पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बताएं छत्तीसगढ़ से उसना चावल लेने और मांग के अनुसार बारदाना देने के लिये क्या प्रयास किये?
रायपुर/ 21 नवंबर 2021/ पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल राज्य सरकार पर झूठे आरोप लगाकर मोदी सरकार के षड्यंत्र पर पर्दा कर रहे है। किसानों को पहली बार एकमुश्त धान की कीमत प्रति क्विंटल 2500 रु दिया गया तब सेंट्रल पुल में चावल लेने नियम शर्त लगाकर किसानों को मिलने वाली एकमुश्त प्रति क्विंटल 2500 रु को रोकने का षड्यंत्र मोदी भाजपा की सरकार ने किया? दूसरी बार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 2500 रु की अंतर राशि दी गई तब भी मोदी सरकार ने सेंट्रल पूल में 40 लाख मैट्रिक टन चावल लेने की सैद्धांतिक सहमति के बाद मुकरते हुये मात्र 24 लाख मैट्रिक टन चावल लेने की अनुमति प्रदान की और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली 2500 रु के अंतर राशि को रोकने का षड्यंत्र किया। तीसरी बार छत्तीसगढ़ में धान बेचने पंजीकृत 22 लाख 66 हजार किसानों से 1 करोड़ 5 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया तब सेंट्रल पूल में उसना चावल नहीं लेने एवं मांगी गई बारदाना में कटौती कर धान खरीदी में व्यवधान उतपन्न करने का षड्यंत्र भाजपा की केंद्र सरकार कर रही है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को बताना चाहिए कि आखिर केंद्र सरकार सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से उसना चावल क्यों नहीं ले रही है? मांग के अनुसार बारदाना की आपूर्ति क्यों नहीं कर रही है?और केंद्र सरकार के इस भेदभाव अन्याय पूर्ण कार्यों के विरोध में भाजपा ने अब तक क्या किया है?भाजपा के 9 सांसद छत्तीसगढ़ के साथ हो रहा है भेदभाव पर मौन क्यों हैं?भाजपा की केंद्र सरकार राज्यों के प्रति अपने उत्तरदायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रही है। मोदी सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से ग्रषित है गैर भाजपाशासित राज्यों के साथ निरंतर भेदभाव कर रही है केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग कर राज्यों के जनकल्याणकारी योजनाओं में रोड़ा अटका रही है।