November 23, 2024

छत्तीसगढ़ के नवोदित रचनाकारों के लिए गिरीश पंकज प्रोत्साहन योजना

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रायपुर। सद्भावना दर्पण के संपादक साहित्यकार – पत्रकार गिरीश पंकज ने छत्तीसगढ़ के नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभिनव प्रोत्साहन योजना शुरू की है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ हमारी कर्मभूमि है और इस महान धरती ने मुकुटधर पांडेय, गजानन माधव मुक्तिबोध, नारायण लाल परमार, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, बलदेव प्रसाद मिश्र, हरि ठाकुर, आनंदीसहाय शुक्ल, श्यामलाल चतुर्वेदी,ललित सुरजन, बबनप्रसाद मिश्र, गुरुदेव काश्यप जैसे अनेके विचारवान लेखक-पत्रकार पैदा किए। उनकी परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए
अब नवोदित रचनाकारों के साथ काम करना चाहिए, ताकि उनकी लेखन प्रतिभा को दिशा मिले। गिरीश पंकज ने बताया कि इस पहल का लक्ष्य होगा छत्तीसगढ़ में नवोदित रचनाकारों की पहचान करना, प्रोत्साहन देना, सहायता करना तथा यथोचित मार्गदर्शन प्रदान करना करके उनका मनोबल बढ़ाना। मैं अपनी पुस्तकों से मिलने वाली रॉयल्टी से कम-से-कम पाँच युवा लेखकों को प्रोत्साहनस्वरूप कुछ निश्चित धनराशि प्रदान करूँगा। कुछ सामूहिक वर्कशॉप भी हो सकते हैं।
गिरीश पंकज ने कहा कि मेरी हार्दिक इच्छा है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में पाँच सौ ऐसे लेखक तैयार हों, जो साहित्य की विभिन्न विधाओं में महारत हासिल करके छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय परिदृश्य में पहचान दिला सकें। छत्तीसगढ़ के ऐसे ही नये लेखकों से अनुरोध है, जो साहित्य की दुनिया में ईमानदारी के साथ कुछ करना चाहते हैं। साहित्य की विविध विधाएं हैं, जैसे व्यंग्य, कहानी, लघुकथा, कविता, गीत-गजल, बाल साहित्य आदि। इनके माध्यम से हम मानवीय संवेदनाओं को स्वर दे सकते हैं। ऐसे लेखक जो इस विधा में रुचि रखते हैं, उनके द्वार मेरे लिए खुले हुए हैं। नये रचनाकार मुझसे बातचीत कर सकते हैं। लेकिन मुझसे जुड़ने वाले लेखकों को पहले यह बताना होगा कि उन्होंने किन पांच महत्वपूर्ण लेखकों की पुस्तकें पढ़ी हैं।
क्या उन्होंने महाकवि गोस्वामी तुलसीदास महान ग्रंथ रामचरितमानस का अवगाहन किया है। भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद, माखनलाल चतुर्वेदी, रांगेय राघव, मुक्तिबोध, अज्ञेय या धूमिल आदि को पढ़ा है? केवल नाम गिनाना पर्याप्त नहीं, प्रमाणस्वरूप उनकी रचनाओं का भी जिक्र करना होगा, पुस्तकों की सेल्फी के साथ।
रचनाकारों से ई-मेल (girishpankaj1@gmail.com) के जरिए अधिक संवाद होगा। मेरा लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ से अच्छे साहित्यकार तैयार हों। प्रोत्साहन योजना में रुसेन कुमार जैसे ऊर्जावान युवक और वैभव प्रकाशन के संचालक डॉक्टर सुधीर शर्मा भी जुड़ेंगे।

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