पतंजलि समूह ने विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्रय में दिखाई रूचि
JOGI EXPRESS
पतंजलि समूह ने विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्रय में रूचि दिखाई
अलसी से लिनेन कपड़े के निर्माण के औद्योगिकीकरण हेतु पहल की
रायपुर , भारत में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के लिए प्रसिद्ध पतंजलि आयुर्वेद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आचार्य बालकृष्ण ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विष्वविद्यालय द्वारा विकसित हर्बल गार्डन का भ्रमण कर वहां उगाये जाने वाले औषधीय एवं सुगंधित पौधों का अवलोकन किया। आचार्य बालकृष्ण ने विश्वविद्यालय द्वारा औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती की सराहना की। उन्होंने पतंजलि समूह द्वारा यहां उत्पादित होने वाले औषधीय एवं सुगंधित पौधों का क्रय करने की इच्छा जाहिर की और विश्वविद्यालय को इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव भेजने को कहा। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने आचार्य बालकृष्ण को विश्वविद्यालय द्वारा औषधीय एवं सुगंधित फसलों के उत्पादन एवं संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
पतंजलि आयुर्वेद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आचार्य बालकृष्ण ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में विकसित हर्बल गार्डन में विभिन्न औषधीय एवं सुगंधित फसलों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां सर्पगंधा, अष्वगंधा, गिलोय, केवांच, ऐलोवेरा, लेमन ग्रास, अपराजिता, पचैली, हडजोड सहित लगभग 160 प्रजातियों के औषधीय एवं सुगंधित फसलों के उत्पादन का निरीक्षण भी किया। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा पान की खेती की ओर किये जा रहे प्रयास की सराहना करते हुए इसके विक्रय में पतंजलि की ओर से सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। आचार्य बालकृष्ण मे सर्पगंधा, अश्वगंधा, केवांच, ऐलोवेरा, आंवला, तुलसी आदि के पौधों एवं बीज क्रय करने की इच्छा जताई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में परंपरागत जड़ी-बूटियों के संरक्षण के लिए जल्द ही पतंजलि समूह की ओर से ग्रामीण वैद्यों एवं किसानों का सम्मेलन आयोजित किये जाने की जानकारी देते हुए कृषि विश्वविद्यालय से इसमें आवश्यक सहयोग देने का अनुरोध किया।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने विश्वविद्यालय द्वारा अलसी के पौधों के रेशे से लिनेन कपडे का निर्माण करने की तकनीक विकसित किये जाने की जानकारी दी। आचार्य बालकृष्ण ने अलसी के पौधे के रेशे से लिनेन कपड़े के निर्माण की औद्योगिक संभावनाओं के संबंध में कपड़ा राज्य मंत्री श्री अजय टमटा से दूरभाष पर चर्चा की और इस दिशा में केन्द्र शासन से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। कुलपति डाॅ. पाटील ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अलसी का उत्पादन किया जा रहा है। इस परिपेक्षय में लिनेन कपड़े के निर्माण की छत्तीसगढ़ में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंन बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अलसी सहित अन्य 8 फसलों का मूल्य संवर्धन करने के लिए भाभा अटाॅमिक रिसर्च सेन्टर के सहयोग से फूड प्रोडक्टस् निर्मित करने की तकनीक विकसित की जा चुकी है। उन्होने आचार्य बालकृष्ण से पतंजलि समूह द्वारा राजनांदगांव जिले में स्थापित किये जाने वाले फूड पार्क में इनका व्यवसायिक उत्पादन करने का अनुरोध किया। आचार्य बालकृष्ण के विश्वविद्यालय भ्रमण के अवसर पर डाॅ. एस. पटेल, डाॅ. पी.के. जोशी, डाॅ. के.पी. वर्मा, डाॅ. एस.एस. टुटेजा, डाॅ. डी. खोखर सहित अनेक वैज्ञानिक उपस्थित थे।