किसानों की आमदनी दोगुनी करने में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का होगा महत्वपूर्ण योगदान: डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में तीन एम.ओ.यू.,खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में होगा 762 करोड़ का निवेश
तीनों उद्योगों में 24 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार का मौका: दो लाख से ज्यादा किसानों को भी होगा फायदा
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में किसानों की आमदनी की दोगुनी करने की दृष्टि से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने आज रात यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उनकी अध्यक्षता में आयोजित बैठक में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र मंे कार्यरत तीन प्रमुख कम्पनियों द्वारा छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से कच्चे माल के रूप में किसानों की फसलों को अच्छा बाजार मिलेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति अधिक बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इन उद्योगों के लिए निवेशकों का स्वागत है। उन्हें हर जरूरी सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में हुए समझौतों के अनुसार तीनों कम्पनियों द्वारा राज्य मंे 762 करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से उद्योग लगाए जाएंगे, जिनमें इन कम्पनियों के अधिकारियों के अनुसार 24 हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का मौका मिलेगा। आज जिन कम्पनियों के साथ एम.ओ.यू. किया गया उनमें से हरिद्वार की कम्पनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा 671 करोड़ रूपये का निवेश करते हुए ग्राम बिजेताला (राजनांदगांव) में कृषि और हर्बल प्रसंस्करण पार्क बनाया जाएगा। इस उद्योग में उनके द्वारा आंवला और एलोविरा जूस तथा टमाटर कैचप और कृषि उपजों पर आधारित विभिन्न खाद्य वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा। कम्पनी के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके उद्योग में लगभग 22 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से और 2200 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। करीब 500 एकड़ में ग्राम बिजेताला में उनके द्वारा यह उद्योग लगाया जाएगा। श्री बालकृष्ण ने बताया कि उनके उद्योग की स्थापना से क्षेत्र के लगभग 2 लाख किसानों को भी फायदा होगा।
इसी कड़ी में मनोरमा इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड द्वारा साल बीज और आम पर आधारित बटर प्रोडक्ट्स का उद्योग 76 करोड़ रूपए की लागत से रसनी/उरला में लगाया जाएगा, जिसमें 240 लोगों को रोजगार मिलेगा। आकृति स्नैक्स प्राईवेट लिमिटेड द्वारा रायपुर जिले के ग्राम कोलार में अपने वर्तमान उद्योग का विस्तार करते हुए टोस्ट, ब्रेड और बेकरी उद्योग की स्थापना के लिए 15 करोड़ 80 लाख रूपए का निवेश किया जाएगा। तीनों कम्पनियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वाणिज्य और उद्योग विभाग के विशेष सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने हस्ताक्षर किए। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से कम्पनी के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने, मनोरमा इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड की ओर आशीष श्राफ और आकृति स्नैक्स प्राईवेट लिमिटेड की ओर से श्री आशीष अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सी.एस.आई.डी.सी.)के अध्यक्ष श्री छगनलाल मूंदड़ा, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, सी.एस.आई.डी.सी. के प्रबंध संचालक श्री सुनील मिश्रा और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल भी इस मौके पर मौजूद थे।