ग्राम पंचायत अर्जुनी के वार्ड 8 के रहवासी नरकीय जिंदगी जीने को मजबूर,
अर्जुनी- पूर्व सरकार व वर्तमान सरकार विकास के लाख दावे करें की ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा जल सड़क की समस्याओं से अब जूझना नहीं पड़ रहा है। लेकिन उनका यह दावा सिर्फ कागजों में ही देखने को मिल रहा है । बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम पंचायत अर्जुनी का वार्ड क्रमांक 8 आजाद पारा इसका जीता जागता सबूत है, जिला प्रसाशन भले इस ग्रामीण विकास की लाख दावे ठोकता हो किंतु वास्तविकता कुछ और ही बयां करता है, वार्ड क्रमांक 8 में विकास और पंचायती व्यवस्था का पोल खोलती नजर आ रही है वार्ड क्रमांक 8 के रहवासियों की माने तो इस वार्ड में विकास की कोई किरण नहीं पहुंच सकी हैं वार्ड में एक मुहल्ले से दूसरे मोहल्ले को जोड़ने को तो सीसी सड़क निर्माण तो किया गया है लेकिन यह सड़क भी कीचड़ से सराबोर रहता है ,जिससे आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है,वंही इस वार्ड के अंदरूनी जगहों पर किसी प्रकार का सीसी सड़क और ना ही वैकल्पिक व्यवस्था नही होने से गली में कीचड़ व पानी भरा रहता है जिसके कारण लोगो को अपने घरों तक आने – जाने में समस्या होता है। कई दफा इसकी शिकायत व समस्या के निदान हेतु सरपंच व वार्ड पंच को अवगत कराने पर भी फंड नही होने का रोना रो दिया जाता है जिसके चलते गलियों में कीचड़ का साम्राज्य बना हुआ है।लिहाज़ा वार्ड 8 आजाद पारा के रहवासी नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं, या यह कहे तो आजादी के दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
बता दे कि गांव में कुल 20 वार्ड है ,किंतु बरसात में इन वार्डो की स्थिती दयनीय है ,गांवो में विकास पहुंचाने के लिए पंचायती राज व्यवस्था का ताना बाना बुना गया। इसके बाद भी गांव पूर्णतः विकास से अभी भी कोसो दूर है व स्थिति नारकीय बनी हुई है। गली में जल जमाव व बजबजाती नालियां ही गांव की पहचान बन गई है।गांव की अधिकांश गली में घुटने भर कीचड़ जमा है। जिससे निकलने में लोगों की रूह कांप जाती है। गांव की प्रसिद्ध चौक बजरंग चौक के सामने भी 2 से 3 फीट पानी का जमाव रहता है अधिक दिनों तक पानी का जमाव रहने के कारण इन वार्डो में मच्छरों का पनपना व बजबजाती गंदा पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक दिन भारी ना पड़ जाए ग्रामीण प्रतिदिन इस समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में कोई रिश्तेदार आता है तो उसे भी कीचड़ से सराबोर होना पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणों को शर्मिदगी महसूस होती है। बाहरी व्यक्ति यदि इस वार्ड से गुजर जाए तो दुबारा आने का नाम नहीं लेता। जाते – जाते इतना जरूर कहता है कि इस नरक से ग्रामीणों को कब मुक्ति मिलेगी। वार्ड 8 आजाद पारा के रहवासी खोमेंद्र साहू ,राजकुमार साहू, कृष्णकुमार साहू,संतोष कुमार निषाद,धन्ना यादव,केशव साहू,टीकाराम साहू,तेजराम लहरी,रोहित ध्रुव,अमरनाथ ध्रुव ,कहना है कि ग्रामीण जलालत की जिंदगी जी रहे हैं। पंचायती राज व्यवस्था में भी गांव की सूरत नहीं बदली। लंबे समय से समस्या का अवगत कराने के बाद भी पंचायत जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता उदासीनता व लापरवाही को दर्शाता है ,मोहल्ले वासियों ने इस मुसीबत से जल्द निराकरण के मांग को लेकर जिलाधीश सुनील जैन को भी दिनांक 30 जुलाई को ज्ञापन सौपने की बात भी बताई। आजाद पारा के रहवासियों का कहना है कि कई सरपंच आये और गए लेकिन समस्या जस का तस है जिसके कारण हम आज भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और इनका खामियाजा हमे ही भुगतना पड़ रहा है। वार्ड में व्याप्त असुविधा को देखते हुए जल्द ही निजात दिलाने की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन से की है।