November 23, 2024

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने थाली, घण्टी एवं शंख बजाकर कहा, मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल के टैक्स पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए

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रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने देश में बढ़ती तेल की कीमतों को लेकर मोदी सरकार द्वारा अभी तक देश व्यापी आन्दोलन के बावजूद इसके कीमतों की कमी को लेकर किसी तरह का कारगर उपाय न अपनाये जाने पर आज छ.ग. कांग्रेस के आव्हान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न पेट्रोल पम्पों में जाकर केन्द्र सरकार को ऐसे उपकरण एवं यंत्रों से जगाने का प्रयास किया जिसे मोदी अक्सर अपने जीवन में उसकी ध्वनी को अपनाया करते हैं। उन्होंने समर्थकों के साथ थाली, घण्टी और शंख बजाकर केन्द्र सरकार तक अपने विरोध की आवाज फिर से एक बार पहुँचाकर बढ़ती तेल की कीमतों के खिलाफ आवाज बुलन्द की है।

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, देश में रोज पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की जा रही है, परन्तु मोदी सरकार लगातार मौन है। वह अब तक पेट्रोल-डीजल से ही 22 लाख करोड़ रूपये कमाई कर बता दिया है कि मोदी सरकार के लिए जनता के जेब से कमाई करना ही मुख्य जरिया है। इसे लेकर पूरे देश भर में सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के आव्हान पर लगातार विरोध किया जा रहा है। बावजूद मोदी सरकार मौन धारण किए हुए है।उन्होंने कहा, जब तक कि तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर पूरे देश में यह आंदोलन एक जन आंदोलन का रूप नहीं ले लेती, तब तक विरोध जारी रहेगा। तेल की बढ़ती कीमतों के चलते भारत के बाजार में चीजों की मांग कम है, फिर भी महंगाई आसमान छू रही है। विकास उपाध्याय ने कहा, एक तरफ तो सरकार का खजाना इससे भर रहा है लेकिन इन कीमतों का सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है, जिसे मोदी सरकार नजर अंदाज कर रही है।

विकास उपाध्याय ने कहा, मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल के टैक्स पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। सरकार ने इस पर कई तरह के टैक्स लगा रखे हैं, जिससे उनका खजाना भरता है। मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के टैक्स से कमाई कर रही है और इस वजह से इनके दाम कम नहीं हो रहे। सरकार को इन दोनों से होने वाली कमाई पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी, तभी महंगाई पर लगाम लगाई जा सकती है। जिसका विरोध कांग्रेस पूरे देश में करते आ रही है, बावजूद केन्द्र सरकार को इसकी आवाज नहीं पहुँच रही है। इसलिए छ.ग. कांग्रेस के आव्हान पर आज पेट्रोल पम्पों में थाली, घण्टी और शंख बजाकर एक बार फिर से केन्द्र तक अपनी बात पहुँचाने की शुरूआत कर तेल की बढ़ती कीमतों का विरोध किया है। ज्ञातव्य हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनसे निकलने वाले ध्वनी को आसानी से सुन लेते हैं और उन्होंने उम्मीद जाहीर की है कि विरोध के ये स्वर जरूर मोदी सरकार तक पहुँचेगी।

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