प्रधानमंत्री उज्जवला योजना : दुर्गम क्षेत्रों में सिर्फ एक साल के भीतर साढ़े सात हजार से अधिक महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन
JOGI EXPRESS
रायपुर, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में गैस सिलेण्डरों की आपूर्ति तेजी से की जा रही है। छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जहां योजना के तहत सिर्फ एक साल के भीतर ही 50 स्थानों पर दुर्गम क्षेत्र वितरकों की नियुक्ति के साथ ही दुर्गम क्षेत्रों की सात हजार 525 महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। दुर्गम क्षेत्रों की महिलाओं को अब आसानी से रसोई गैस कनेक्शन और रिफिल की सुविधा मिल रही है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में गैस सिलेण्डरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दो चरणों में 98 दुर्गम क्षेत्र वितरकों की नियुक्ति की जानी है। प्रथम चरण में 19 जिलों में 50 स्थानों पर वितरकों ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। योजना के द्वितीय चरण में 48 स्थानों पर गोदाम निर्माण के लिए कार्रवाई तेजी से चल रही है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रारंभ हुए दुर्गम क्षेत्र वितरक योजना के प्रथम चरण में प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को डीलर नियुक्त किया गया तथा उन्हें विभिन्न ऑयल कंपनियों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया। योजना के तहत बस्तर जिले में एक, बीजापुर जिले में तीन, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में दो, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में चार, कोंडागांव जिले में दो, नारायणपुर जिले में दो और सुकमा जिले में एक दुर्गम क्षेत्र वितरकों की नियुक्ति की गई है, इनके द्वारा तीन हजार 054 महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। राजनांदगांव जिले में तीन, कबीरधाम जिले में तीन, महासमुंद जिले में तीन, बलौदाबाजार-भाटापारा जिलें में दो और गरियाबंद जिले में एक दुर्गम क्षेत्र वितरक नियुक्त किए गए है, इनके द्वारा दो हजार 209 महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। बिलासपुर जिले में तीन एवं रायगढ़ जिले में छह दुर्गम क्षेत्र वितरक कार्य कर रहें है, इनके द्वारा 512 रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए है। इसी तरह सरगुजा जिले में तीन, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पांच, सूरजपुर जिले में तीन, जशपुर जिले में दो और कोरिया जिले में एक दुर्गम क्षेत्र वितरक की नियुक्ति की गयी है, इनके द्वारा एक हजार 782 महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं।