मुख्यमंत्री के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यों की मुख्य सचिव जैन ने की समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यों बिन्दुओं क्रियान्वयन और प्रगति की समीक्षा के दौरान आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने गृह, वन, शिक्षा, जल संसाधन, आवास और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्राथमिकता वाले इन कार्यों को सर्वोच्च वरियता के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी उपस्थित थे।
बैठक में शिक्षा विभाग की प्राथमिकता वाली योजना स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल की योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों में छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया, शिक्षकों की उपलब्धता, स्कूल भवन की मौजूद स्थिति सहित छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता और ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था के संबंध में शिक्षा विभाग के सचिव से विस्तार से चर्चा की। शिक्षा विभाग के सचिव ने बताया कि आत्मानंद योजना के तहत संचालित किए जाने वाले 119 स्कूलों में से 96 स्कूलों के भवन पूर्णतः तैयार हैं। शेष भवन भी तैयार की स्थिति में है। अतः नवनिर्मित भवनों में स्कूल संचालन की व्यवस्था कर ली गयी है। स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे निजी स्कूल जो कोरोना काल में किन्ही कारणों से बंद हो गए है वहां के छात्रों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूलों में प्रवेश में अनिवार्य रूप से प्रवेश दिया जाए।
वन विभाग के समीक्षा के दौरान लघु वनोपज संग्रहण और वन धन विकास केन्द्रों तथा वृक्षारोपण और एनर्जी पार्क के संचालन की प्रगति एवं क्रियान्वयन की जानकारी ली गयी। वन विभाग के सचिव ने बताया कि 52 वनोपज जिसकी कीमत करीब 130 करोड़ रूपए का संग्रहण किया गया है। वन विभाग द्वारा इस वर्ष व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जिसमें इस वर्ष प्रदेश का करीब 31 नदियों के किनारे सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके अलावा राम वन गमन पथ और वनाधिकार पट्टे के हितग्राहियों के खेतों और सड़क किनारे में भी वृक्षारोपण किया जाएगा। इसी तरह से लोगों को करीब 2 करोड़ से ज्यादा पौधों का वितरण वृक्षारोपण हेतु किया जाएगा। इसमें औषधी, फलदार और अन्य पौधे शामिल होंगे। इसी तरह मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत निजी भूमि पर भी वृक्षारोपण कराया जाएगा। इसके लिए भू-स्वामियों को पौधे और अन्य सुविधा दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान हॉटबाजार क्लिनीक योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए है कि हॉट बाजार क्लिनीक में आने वाले सभी मरीजों का ईलाज किया जाए एवं निर्धारित हॉटबाजार में चिकित्सीय उपकरण और दवाईयों के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के हॉटबाजार क्लिनिकों में 11 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज किया गया है।
शासकीय अस्पताल परिसरों में जेनेरिक दवा ब्रिक्री केन्द्र संचालित करने के निर्देश दिए है जिससे अस्पतालों में आने वाले मरीजों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हो सके। इसकी जानकारी लोगों को दी जाए। इसी तरह से डीके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रायपुर के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने अस्पताल में चिकित्सक, बैड और पैरामेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से ली। प्रदेश में खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों के संबंध में की गयी कार्यवाही की समीक्षा भी की गयी। उन्होंने इन कॉलेजों के शीघ्र संचालन के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।
गृह विभाग की समीक्षा के दौरान चिटफंड कम्पनियों के राशि वापस करने के संबंध में अब तक की गयी कार्यवाही की जानकारी ली गयी। गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 16 हजार चिटफंड कम्पनियों में निवेशकर्ताओं को करीब सात करोड़ की राशि वापस दिलायी गयी है और शेष राशि दिलाने के लिए कार्यवाही जारी है। लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले चिटफंड कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही जारी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में आत्मसर्म्पण करने वाले सभी नक्सलियों का पुर्नवास कर दिया गया है। इसी तरह से निर्दोष आदिवासी जिन पर विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किए गए है। उनके प्रकरणों की वापसी का कार्य किया गया है।
बैठक में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत जल संरक्षण एवं भू-गर्भिक जल उपयोगिता के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गयी एवं जल उपयोगकर्ताओं की मीटरिंग कर जल कर की वसूली में एकरूपता लाने जल संसाधन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। इसी तरह से भू संरक्षण के अंतर्गत 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र मंे सिंचाई व्यवस्था का विस्तार किया गया है। बैठक में गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्मित भवनों की बिक्री एवं भवनों को शासकीय उपयोग में लाने और पुलिस कर्मियों को आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गयी।