अपूर्ण और जर्जर शौचालयों का जिम्मेदार कौन? शौचालय के बाद भी हितग्राही खेतों में जाने हो रहे मजबूर, कहीं गढ्डा ही बना कर छोडा ,तो कहीं दरवाजा ही नहीं
JOGI EXPRESS
गौरेलाः-सोहैल आलम , एवं केन्द्र सरकार द्वारा भारत स्वस्छता अभियान के तहत अरबों खरबों की राशि व्यय कर स्वच्छ भारत बनाने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है । परंतु अधिकारियों ,जनप्रतिनिधियों एवं उपयंत्रियों की अनदेखी की वजह से योजनाओं को किस प्रकार धारासायी किया जा रहा है । इसका प्रत्यक्ष उदाहरण नगरपंचायत गौरेला के सबसे बडे वार्ड नं 11 में देखा जा रहा है । जिसमें ग्राम टीकरसानी में मात्र 1 वर्ष के अंदर बने शौचालय या तो अभी भी अधूरे पडे है । या जो बन चुके हैं वे 1 माह के अंदर ही अपने निर्माण में हुए बंदरवाट की सच्चाई दिखाने लगे है ।
महिलांए ,बच्चीयों ने बाहर जाने में शर्म आने की बात कही
किसी शौचालय में टूटा हुआ दरवाजा ,तो कही अधूरा सेप्टिक टेंक । एैसी स्थिति में पुरूष एवं महिला हितग्राही या तो खुले में शौच करने मजबूर हो रहे हैं । या फिर बगैर दरवाजे के ही शर्म के साथ शौच जाने की बात कह रहे है । ग्राम लोहराझोंरकी ,डुमरिहा ,घाटापारा ,सहित वार्ड नं 14 अहिरानटोला ,भरियान टोला के ग्रामीण अधिकतर अधूरे शौचालयों की वजह से निर्माण के 1 वर्ष के बाद भी खेतों में जाने की बात कह रहे है ।
अधूरे निर्माण के बाद भी सत्यापन , निकल गई राशि
नगर पंचायत गौरेला के पूर्व उपयंत्री स्वपनिल मिश्रा के बताए अनुसार शहर के 15 वार्डो में 18 हजार प्रति शौचालय की लागत से 1688 निर्माण किये जा चुके है । परंतु लोंगों ने इस बात पर चिंता जाहिर की है । कि कई करोड की लागत से बने अधिकतर शौचालय या तो अधूरे हैं । या फिर बने ही नहीं । एैसी स्थिति में सरकारी योजनाओं की खुले आम जहां एक ओर धज्जियां उडाई जा रहीं है । वहीं जर्जर निर्माण के कारण अधिकतर हितग्राही अभी भी शौच के लिए खेतों या खुले में जाने के लिए मजबूर हो रहे है । आखिर इस अति महत्वाकांक्षी योजना को धारासाई करने वालों पर प्रशासन अब कैसी कार्यवाही करेगा सब को इसी का इंतजार है ।
उमेद सिंह ( ग्रामीण हितग्राही )ः-1 साल से अधूरा टेंक नहीं बना । परिवार के लोग कई बार शिकायत कर चुके । इस कारण सब खेतों में ही जाते है ।
सोनिया धुर्वे (ग्रामीण छात्रा)ः-2 सप्ताह में दरवाजा टूट गया । शौच जाने में शर्म आती है ।
फूल बाई:- मेरे यहां आज तक शौचालय निर्माण नहीं हुआ । सब खेत ही जा रहे है ।
जयमंत्री बाई:- जब शौचालय नहीं है । तो बाहर खुले में जाना ही पडेगा ।
इनका कहना है …..
-शौचालयो के संबधं में आपसे जानकारी प्राप्त हुई है । मेरे द्वारा स्वंय जाकर देखा जाएगा । और एैसा निर्माण क्यों हुआ जांच कर कार्यवाही की जाएगी ।एम.एस.टेकाम(मु.न.पंचा.अधि.)
-उक्त निर्माण मेरे कार्यकाल के पूर्व का है । मुझे इसकी अभी जानकारी नहीं है ।ठाकुर डालेन्द्र सिंह (उपयंत्री}
-एैसा निर्माण संभव नहीं है । कौन कौन से हितग्राहियों के शौचालयों की स्थिति खराब है । जानकारी मिले तब ही कुछ बता सकूगा ।स्वपनिल मिश्रा (पूर्व उपयंत्री)