नेताजी कन्हैयालाल बाजारी ब्लॉक काँग्रेस कमेटी ने झीरम के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
रायपुर। बस्तर संभाग के झीरम घाटी में आज से 08 वर्ष पूर्व 25 मई 2013 को हुए नक्सली हमले में काँग्रेस के प्रथम पंक्ति के शीर्ष नेता शहीद काँग्रेस कार्यकर्ता,पीएसओ,पुलिस कर्मी सहित 29 लोग शहीद हुए।डॉ.विकास पाठक ने बताया कि आज पश्चिम विधानसभा के भारतमाता चौक में ब्लॉक अध्यक्ष दाऊलाल साहू एवं वरिष्ठ पार्षद एवं एमआईसी सदस्य श्री कुमार मेनन के नेतृत्व में शहादत दिवस मनाया गया।नेताजी कन्हैयालाल बाजारी ब्लॉक काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दाऊलाल साहू ने कहा कि 25 मई इसे छत्तीसगढ़ की जनता कभी भूल नही पाएगी। एक सोची समझी रणनीति के तहत सुयोजित हमला नक्सलियों द्वारा किया गया जिसमें काँग्रेस के वरिष्ठ दिवंगत नेता एवं पुलिस कर्मियों ने अपने प्राण गवाए।
एमआईसी सदस्य श्रीकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे शहादत श्रंद्धांजलि दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय लिए। 25 मई एक ऐसा दिन जिसे छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति चाहकर भी इसे नही भूल सकता आज भी मुझे याद है वो 25 मई 2013 का दिन जब हम सब कार्यकर्ता उस समय के प्रदेश अध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार पटेल जी के नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम कर रहे थे।उस समय स्वर्गीय नंदकुमार पटेल,विद्याचरण शुक्ल,महेंद्र कर्मा,दिनेश पटेल,योगेंद्र शर्मा,उदय मुदियाल सहित प्रदेश काँग्रेस के नेता एवं पुलिस कर्मियों सहित परिवर्तन यात्रा में बस्तर के सुकमा जिले से झीरम घाटी पहुचे थे और हम सब यहाँ घर-घर मे विकास उपाध्याय के साथ परिवर्तन यात्रा के पाम्पलेट देकर परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम कर रहे थे जैसे ही मुझे ओर हम सबको इस घटना की जानकारी मिली मानो हमारे पैरों से जमीन खिसक गई इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल था।इसे चाहकर भी हम कभी नही भूल सकते।
डॉ.विकास पाठक ने बताया कि आज भारत माता चौक में मोमबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन व्रत कर कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए श्रंद्धांजलि दी गई इस श्रंद्धांजलि देने वालो में एमआईसी सदस्य सुंदरलाल जोगी,डॉ.अन्नू राम साहू,विद्याधर दीवान,प्रवीण झा,किशन बाजारी,तोरण साहू,संतोष साहू,रविराव,हेमलाल नायक,सुमित जोशी,शानू दीवान,मो.निसार,आसुतोष मिश्रा,सोनू ठाकुर,मनोज ढहाटे,राकेश शर्मा,अनिल वर्मा,परमेश्वर साहू,सुनील देवांगन,मनीष शर्मा,मनीषा शर्मा,मो.सादिक,महेश साहू एवं समस्त कार्यकर्ता उपस्थित हुए।विधायक विकास उपाध्याय बाहर होने की वजह से श्रंद्धांजलि में उपस्थित नही हो सके उन्होंने वही से वीर शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित किए।