सक्ती थाने में पदस्थ कांस्टेबल की मौत के मामले में रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कमेटी बनाकर न्यायिक जाँच कराएँ : भाजपा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने जांजगीर ज़िले के सक्ती थाने में पदस्थ कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की मौत को संदिग्ध मानते हुए इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और पुलिस तंत्र के कार्यचरित्र पर सवाल उठाया है और सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में कमेटी बनाकर न्यायिक जाँच करने की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि दरअसल सक्ती थाने में पदस्थ आरक्षक सिंह लगातार सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मुखर थे। इसके चलते अनेक बार सिंह बर्खास्त भी हो चुके थे। आरक्षक पुष्पराज ने लगातार पुलिस विभाग और सरकार के खिलाफ हमला बोला था, जिसको लेकर उनकी सराहना होती रही है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मृत आरक्षक की मौत की जाँच में पिछले वर्ष 10 अप्रैल, 2020 की उनकी फेसबुक पोस्ट को भी संज्ञान में लिया जाए जिसमें उन्होंने साफ़ आरोप लगाया था कि ‘मेरे ऊपर किसी भी प्रकार का एफआईआर होता है, या मेरी किसी भी प्रकार से मत्यु होती है, तो उसका ज़िम्मेदार जांजगीर एसपी होगी।’ श्री श्रीवास्तव ने कहा कि सक्ती थाने में टीआई के संरक्षण में लॉकडाउन के दौरान एक लाख रुपए प्रतिमाह वसूल करके सिलरी गाँव में जुआ चलाने की सोशल मीडिया में आई उसकी पोस्ट ने पुलिस के कार्यचरित्र को बेनक़ाब कर दिया था और संभवत: तभी से उसे धमकियों का सामना करना पड़ रहा था।
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव कहा कि मौत के ठीक 24 घंटे पहले की सच का संकेत करती अपनी एक फेसबुक पोस्ट में पुष्पराज ने ‘पुलिस अधिकारी पर सस्पेंड, बर्ख़ास्त की धमकी देने का आरोप लगाते हुए सस्पेंड, बर्ख़ास्त करने की चुनौती दी थी और पहले भी 6 बार सस्पेंड और बर्ख़ास्त होने की बात लिखी थी। पुष्पराज लगातार पुलिस वालों से पुलिस लाइन में मजदूरों की तरह काम करवाने जैसे विषयों पर आपत्ति दर्ज करते रहे।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि गुरुवार की देर रात देशी शराब दुकान के पास सड़क किनारे कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की लाश मिली जहाँ पास ही उनकी स्कूटी भी मौजूद थी। पुलिस इसे एक हादसा बता रही है, लेकिन परिजन हत्या होने की शंका जता रहे हैं। पुष्पराज के भाई ने हादसे की जगह का मुआयना किया। मीडिया से उसने कहा कि उसके भाई की हत्या की गई है। दरअसल आए दिन सोशल मीडिया पर पुष्पराज पुलिस विभाग के अफसरों, यहां तक कि गृह मंत्री के खिलाफ भी बातें लिखकर पोस्ट करते रहे थे। पुष्पराज के परिवार के लोगों ने इसी तरह के विवाद को उसकी मर्डर की वजह बताया और अंदेशा जताया है कि किसी ने इसी वजह से नाराज होकर पुष्पराज की हत्या कर दी। परिवार की शंका गंभीर हैं इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए यही हमारी मांग हैं।