November 23, 2024

रंग ला रही कोविड के खिलाफ जंग, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं कर रहे है नेतृत्व

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संभाग से लेकर मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों से रोज हो रहे रू-ब-रू

जनप्रतिनिधियों, मीडिया, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर सुझावों पर करा रहे अमल

कोरोना से प्रभावित मरीजों के बेहतर उपचार के साथ ही टीकाकरण कार्य की कर रहे हैं लगातार माॅनिटरिंग

अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, इंजेक्शन और दवा सहित अन्य व्यवस्थाओं की प्रतिदिन कर रहे समीक्षा

रायपुर, 11 मई 2021/ छत्तीसगढ़ में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के आने के साथ ही इसकी त्वरित रोकथाम के चलाए जा रहे विशेष अभियान का नेतृत्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं कर रहे है। सभी के सहयोग से इस दिशा में किए गए बेहतर प्रबंधन से प्रदेश में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप को काफी हद तक कम करने में प्रदेशवासी सफल भी हुए है।

  मुख्यमंत्री श्री बघेल कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित मरीजों के लिए अस्पतालों में आवश्यक बिस्तरों की व्यवस्था के साथ ही चाहे वह रेमडिसिवर इंजेक्शन हो या फिर आॅक्सीजन की व्यवस्था प्रतिदिन एक-एक चीज की माॅनिटरिंग उन्होंने स्वयं की और व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त किए-रखा। कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर को रोकने अंतिम विकल्प के रूप में प्रदेश के सभी जिलों में लाॅकडाउन लगाया गया इस दौरान आमजनों को दैनिक जरूरतों की सामग्री आसानी से मिल सके इस पर भी वे बराबर नजर रखे रहे। इस दौरान दैनिक मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क भोजन और राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करायी गई। श्री बघेल के निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों को अप्रैल और मई माह का राशन एकमुक्त निःशुल्क प्रदाय भी किया जा रहा है। 

श्री बघेल इस दौरान प्रदेश स्तर के साथ ही सभी संभागीय, जिला और विकासखण्ड से लेकर मैदानी स्तर तक के अधिकारी-कर्मचारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से न केवल सीधे जुड़ते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया बल्कि उनके द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर कोरोना महमारी को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यो की नियमित निगरानी भी की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों, सांसद, विधायकों, नगरीय निकाय और पंचायतों के प्रतिनिधियों, मीडिया प्रतिनिधियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और विभिन्न समाजों के प्रमुखों से लगतार संवाद स्थापित किया और उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल भी कराया जिससे कोरोना महामारी की दूसरी लहर को प्रदेश में रोकने में काफी मदद मिली है।   

अप्रैल माह की शुरूआत के साथ ही प्रदेश में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की देखी गई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 7 अप्रैल को ही केबिनेट की मीटिंग कर कोविड नियंत्रण के उपायों पर अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ चर्चा की और इसकी रोकथाम के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। श्री बघेल 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। 9 अप्रैल को श्री बघेल ने प्रदेश के संपादकों और मीडिया प्रतिनिधियों से कोविड-19 की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों पर चर्चा की। 10 अप्रेल को वे एआईसीसी की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री 11 अप्रैल को प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों से इस विषय मंे चर्चा कर आवश्यक सुझाव लिए। 12 अप्रैल को श्री बघेल ने कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों और विधायकों से चर्चा करते हुए उनकी इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चित की। 15 अप्रैल को वे राज्यपाल महोदया के साथ सर्वदलीय बैठक ली और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुखों से चर्चा करते हुए शादी-ब्याह और अंतिम संस्कार में न्यूनतम 10 लोगों की ही उपस्थिति रखने की अपील की। 17 अप्रैल को कोरोना को लेकर आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में वे शामिल हुए।

   मुख्यमंत्री 20 अप्रैल को बस्तर संभाग के जिलों में कोरोना महामारी की रोकथाम में लगे अधिकारियों से और 22 अप्रैल को नगर निगमों के महापौर और वहां के अधिकारियों से चर्चा की। श्री बघेल 23 अप्रैल को फिर प्रधानमंत्री द्वारा ली गई वीडियो कांफ्रेसिंग में शामिल हुए और इसी दिन प्रदेश के जिला पंचायतों के प्रतिनिधियों से रू-ब-रू होते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में तीसरी लहर के प्रकोप की रोकथाम के लिए बाहर से आने वाले लोगों को चिन्हित कर उन्हें क्वारेंटीन सेंटर रखने तथा लक्षण वाले मरीजों और उनके परिजनों को दवा किट मुहैया कराने पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

 श्री बघेल 25 अप्रैल को रायपुर और दुर्ग संभाग तथा 26 अप्रैल को बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा संभाग के नगर पालिका परिषदों के अध्यक्षों और अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री 27 अप्रैल को एक बार फिर मीडिया प्रतिनिधियों से रू-ब-रू हुए। 28 अप्रैल को वे अलग-अलग बैठकों में कांग्रेस दल के विधायकों और प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों के साथ ही एन.सी.सी. और एन.एस.एस. के पदाधिकारियों से इस विषय पर चर्चा की। मुख्यमंत्री 29 अप्रैल को औद्योगिक प्रतिनिधियों से चर्चा कर वहां कार्यरत मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था और 30 अप्रैल को चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों से कोरोना को लेकर विचार विमर्श किया। श्री बघेल एक मई को दुर्ग एवं रायपुर संभाग की मितानिनों एवं बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से चर्चा की। 

इसी तरह मुख्यमंत्री श्री बघेल 3 मई को बिलासपुर और सरगुजा संभाग तथा 4 मई को बस्तर संभाग की मितानिनों एवं बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से बातचीत किया। मुख्यमंत्री 5 मई को विद्युत विभाग के मैदानी अमले से रू-ब-रू हुए। 6 मई को बिलासपुर और सरगुजा संभाग, 7 मई को रायपुर और दुर्ग संभाग तथा 8 मई को बस्तर संभाग के जिला अधिकारियों से बातचीत किए।  मुख्यमंत्री 7 मई को जिलों के प्रभारी मंत्री और अधिकारियों से कोरोना को लेकर चर्चा की। श्री बघेल 9 मई को प्रदेश मंत्रिमण्डल के सहयोगियों और प्रदेश एवं जिला कांग्रेस कमेटी के प्रदाधिकारियो के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री 10 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल हुए और 11 मई को कांग्रेस दल के सांसदों और विधायकों से संवाद किए।

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