30 अप्रेल तक पूरे छत्तीसगढ़ में संक्रमण की औसत दर घट कर 12% तक रह जायेगी – विकास उपाध्याय
रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय आज कोरोना मरीजों के इलाज में लगे विभिन्न चिकित्सकों के साथ ही जो पेसेंट कई दिनों से अस्पतालों में भर्ती हैं। जो अपने घरों में इलाज करा रहे हैं से चर्चा कर एक निष्कर्ष निकाला और कहा,30 अप्रेल तक पूरे छत्तीसगढ़ में संक्रमण की औसत दर घट कर 12% तक रह जायेगी। उन्होंने कहा,इस बीच आम जनों ने जिस बहादुरी के साथ इस संकट से लड़ा है निश्चित तौर पर यही हौसला छत्तीसगढ़ को इस संकट से उबारेगी। विकास उपाध्याय ने कहा,छत्तीसगढ़ में कम्युनिटी स्प्रेड का जो समय था अब वो जा चुका है। विकास उपाध्याय ने यह महत्वपूर्ण घोषणा भी की है कि वे कल भगवान राम के जन्मदिन पर इस संकट से उबारने रामनवमीं पर विशेष पूजा कर भगवान के राम के शरण में छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए घंटों मिन्नतें करेंगे।
विकास उपाध्याय ने कहा, भारत वर्ष में जब जब बड़ी विपदाएं आई हैं तो उसका निराकरण भी सिर्फ भगवान ही किये हैं और आज का वो समय है जब हम कोरोना के दूसरे भयावह दौर से गुजर रहे हैं।ऐसे समय में कल भगवान राम हमारे बीच जन्म लेंगे और रामनवमीं के इन 9 दिनों में सारे संक्रमण को समाप्त भी कर देंगे।।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए नवमी तिथि को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। विकास उपाध्याय ने कहा वे कल छत्तीसगढ़ से कोरोना को मुक्त दिलाने वे भगवान राम का विशेष पूजा अर्चना के साथ उनके शरण में अपने आपको समर्पित करेंगे। विकास उपाध्याय ने उम्मीद जताई है कि इस संकट से भगवान राम ही बेड़ापार कर सकते हैं और उनका शुरू से भगवान राम पर ऐसी आस्था रही है।
इसके साथ ही विकास उपाध्याय आज दिन भर विभिन्न चिकित्सकों से भी बारी बारी चर्चा कर इस बात का अध्ययन किया कि आखिर जो स्थिति निर्मित है यह कब तक रहने वाली है। साथ ही अपने परिचित उन मरीजों से भी चर्चा की जो कई कई दिनों से अस्पताल में हैं तो अधिकांश घरों पर इलाज करवा रहे हैं। इन तमाम चर्चा व निष्कर्ष के बाद जो बातें समझ आ रही है पर विकास उपाध्याय ने कहा,अब हम कम्युनिटी स्प्रेड जैसी स्थिति से आगे आ चुके हैं। अब आज 20 अप्रेल के बाद लगातार 30 अप्रेल तक पूरे छत्तीसगढ़ में संक्रमण की औसत दर घट कर 12% तक रह जायेगी।विकास उपाध्याय ने कहा,यह समय वाकई एक प्रलय वाली स्थिति थी और जिस बहादुरी के साथ रायपुर व पूरे छत्तीसगढ़ की जनता इससे लड़ी है वो वाकई यहाँ की संस्कृति की ही एक झलक थी।