महिला आयोग का 20 वां स्थापना दिवस
रायपुर,छत्तीसगढ़ में राज्य महिला आयोग की स्थापना वर्ष 24 मार्च 2001 में आज के ही दिन हुया था, और आज कुल 20 वर्षों में महिला आयोग छत्तीसगढ़ में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिये निरंतर कार्यरत है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के पश्चात् से महिलाओं की समस्याओं के समाधान में काफी तेजी आई है। बतौर आयोग अध्यक्ष के अपने इस संक्षिप्त कार्यकाल में कोरोना लाॅकडाउन के संकट के समय में, पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग पूरे देश में अव्वल स्थान पर रहा है, और इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की तारीफ की और सम्मानित भी किया गया और कहा कि अन्य राज्यों की महिला आयोग अध्यक्षों को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग से सीखने की समझाइश भी दी गई। दिनांक 19.08.2020 से 17.03.20-21 तक केवल रायपुर जिले में कुल 21 जन-सुनवाई हो चुकी है जिसमें 409 प्रकरण में से 83 निराकृत हो चुके है। दुर्ग जिले में 4 जन-सुनवाई में 104 प्रकरण रखे गये थे और 47 निराकृत किये गये। बिलासपुर जिले में कुल 5 जन-सुनवाई में 106 मामले रखे गये थे जिसमें 40 मामले निराकृत हुये। इसके अतिरिक्त शेष 22 जिलों में एक-एक बार जन-सुनवाई हुई इस प्रकार सभी 25 जिलों में कुल 55 बार जन-सुनवाई हो चुकी है जिनमें अब तक 1068 मामलों की सुनवाई हो चुकी है जिनमें से 346 मामलों में अंतिम निराकरण किया जा चुका है। आयोग ने माननीय मुख्यमंत्री जी के कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर महिलाओं की ओर से विशाल रंगोली बनाकर उन्हें बधाई दी गई थी। दिनांक 17.12.2020 को एक विश्व रिकाॅर्ड भी बनाया जिसमें 9100 वर्ग फुट की विशाल रंगोली में माननीय मुख्यमंत्री जी के फोटो को ‘‘लार्जेस्ट ग्लू रंगोली पोर्टेट‘‘ कैटेगिरी में 12×11 वर्ग फीट का पोर्टेट बनाकर खड़ा किया गया था। इस प्रकार आयोग के इस कार्यक्रम को गोल्डन वर्ल्ड ऑफ बुक रिकाॅर्ड में नाम दर्ज हो गया और उसका प्रमाण पत्र भी महिला आयोग को आज प्राप्त हुआ है। महिला आयोग ने राज्य शासन के खर्च में कटौती करने के लिये अपने किराये के भवन से शासकीय भवन में महिला आयोग कार्यालय को स्थानांतरित किया जिसके माध्यम से महिलाओं की समस्या के लिये शहर के सहज और सुगम हृदय स्थल पर कार्यालय स्थानांतरित कर शासन के छः लाख रूपये प्रतिवर्ष का बचत किया। इस कार्यालय का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 1 मार्च 2021 को किया था। इस कार्यालय के बनने से महिलाओं की समस्याओं के समाधान की स्थिति की दिशा में तेजी आ रही है। दिनांक 8 मार्च 2021 को महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के समाधान के लिये एक नयी पहल की गई जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत करने की सुविधा देने के लिये व्हाट्सएप काॅल सेंटर का गठन किया गया है जिसका नम्बर 9098382225 है। इसका उद्घाटन महिला दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया था। महिला आयोग की वेबसाईट और सोशल मीडिया पर नये तेवर और नये क्लेवर में जल्द ही तैयार किया जायेगा। महिलाओं के विरूद्ध साइबर अपराध रोकने के लिये, और डिजिटल अवेयरनेस की दिशा में भी काम किया जायेगा। दिनांक 10 मार्च 2021 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिलाओं के प्रति समानता भरी सोच लाने की दिशा में एक नया कार्यक्रम किया गया। जिसकी थीम ष्डमद थ्वत ॅवउमदष् रखा गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ के नामचीन पुरूष वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में यह स्वीकार किया कि जिन महत्वपूर्ण पदों पर वे लोग है वहां तक पहुंचने में उनकी माताओं, बहनों, पत्नियों का विशेष योगदान रहा है। ऐसी सकारात्मक चर्चा के माध्यम से बेटा-बेटी में समानता लाने की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा रहा है। अप्रैल 2021 से चालू होने वाले वित्तीय वर्ष में महिला आयोग नये तरीके से अपने कार्यों को गति देने और विस्तार करने जा रहे है। जिसमें प्रत्येक जिले में ‘‘मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ‘‘ निकाला जायेगा। जिसके माध्यम से महिलाओं की हर विषय की समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जायेगा, साथ ही महिलाओं की समस्याओं, कानूनी अधिकारों से संबंधित विषयों पर वीडियो, आडियो क्लीपिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किये जाने की योजना है। महिला अधिवक्ताओं को इम्पैनल किया जायेगा जो कि हर जिलों में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिये उन्हें आयोग द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही सखी वन स्टाॅप सेंटर के काउंसलर और अन्य स्टाफ, नवा बिहान के संरक्षण अधिकारीगणों को कानूनी जानकारी के लिये और महिलाओं के समस्याओं के समाधान के त्वरित जांच के लिये भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित करने की दिशा में भी आयोग एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रही है, जिससे पूरे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में आंगनबाड़ी, मितानिन, स्कूल, काॅलेज में पढ़ने वाली लड़कियों, कामकाजी महिलाओं और घरेलू महिलाओं के समूहों को भी स्वयं की आत्मरक्षा हेतु पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस तरह महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा कर उन्हें कानूनी जानकारियों और आत्मरक्षा दोनों ही क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। पूरे छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय, निजी संस्थान एवं उद्योगों में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को रोके जाने बाबत् आंतरिक परिवाद समिति का कड़ाई से लागू किया जायेगा और सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में महिलाओं के मामले पुलिस थाने में दर्ज किये जाने बाबत् महिला पुलिस डेस्क की अनिवार्यता की दिशा में भी प्रयास किया जायेगा। विभिन्न जिलों में कार्यरत महिला संगठनों को जोड़ने की दिशा में कार्य किया जायेगा ताकि हर वर्ग, हर समाज की महिलाओं को जोड़ा जा सकें और छत्तीसगढ़ को महिला प्रताड़ना से मुक्त करने की दिशा में कार्यवाही किया जायेगा।