भ्रष्टाचार: जंगल की लकड़ी किसी ने नहीं पकड़ी, सीमावर्ती वनोपज जाँच नाका में वर्षों से चल रहा फर्जी टी पी का खेल।

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अविरल गौतम शहडोल
                               अनूपपुर ।(अबिरल गौतम) शहडोल संभाग के सीमाबर्ती इलाकों में चल रहे बनोपज जाँच नाका जैतहरी खुटाटोला, रामनगर, और चांटी बैरियर पर पदस्थ वन विभाग के चौकी प्रभारीयो के द्वारा निरंतर कई वर्षों से फर्जी तरीके से अन्य राज्यों के फर्जी दस्तावेजों प्रमाण पत्र, खसरा लगाकर निर्धारित टी पी शुल्क व परिवहन शुल्क से अधिकाधिक राशि लेकर इन प्रभारियों के द्वारा लकडी ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर गोरखधंधे को अंजाम दिया जाता है।

शहडोल संभाग की लकडी और दस्तावेज छत्तीसगढ़ राज्य का।


शहडोल सम्भाग के ग्रामीण क्षेत्र और अनूपपुर जिले के किसानों की लकड़ी खरीदकर ठेकेदारों के द्वारा वन विभाग के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसमें सबसे पहले टी पी लेने के लिए वनमण्डल अधिकारी के द्वारा अनुमति लेना आवश्यक है लेकिन नियमों को दरकिनार करते हुए सहज और शुलभ व्यवस्था के रूप में इन बनोपज जाँच नाका पर बैठे प्रभारियों की मिली भगत से तत्काल अन्य राज्यों के खसरा प्रमाण पत्र देकर स्थनीय किसानों की लकडी बल्ला,बल्ली,पटरा व सेंटरिंग में उपयोग होने वाले लकड़ियों की फर्जी टीपी निर्धारित शुल्क से ज्यादा लेकर जारी किया जाता है।

अवैध रूप से होता परिवहन फर्जी टीपी के आधार पर लकड़ी।


शहडोल और अनूपपुर जिले के किसानों की लकड़ियों को खरीदकर बड़े बड़े भारी वाहनों में भरकर लकड़ी ठेकेदारों के द्वारा इन सीमाबर्ती बनोपज जाँच नाका में पदस्थ प्रभारियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से टीपी लेकर टाल व टिम्बर मार्ट व्यापारियों रीवा,सतना,सीधी, जबलपुर, भोपाल, होसंगबाद शहरों में बेचे जाते हैं।

दस्तावेज की हो जाँच पड़ताल वन विभाग मौन।


सीमाबर्ती बनोपज जाँच नाका बैरियर पर छत्तीसगढ़ राज्य के पेंड्रा, मरवाही, सूरजपुर, अम्बिकापुर, सीधी, जनकपुर, सरगुजा जिले के खसरा प्रमाण पत्र के आधार पर जिसमे लकड़ी शहडोल व अनूपपुर के ग्रामीणांचलों की किसानों की किन्तु दस्तावेज अन्य जगहों की वँहा के सरपंच व प्रधानों के हस्ताक्षर शील मोहर युक्त लगाकर वर्षों से इस तरह फर्जी टीपी बनाये जाने का गोरखधंधा जोरो से चल रहा है।अगर इन बनोपज जाँच नाकाओ पर सूक्ष्म जाँच पड़ताल कराई जाए तो खुल सकती है कलई।किन्तु वनविभाग के आला अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहे इस अवैधानिक कृत्य को देखकर भी मूक दर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।

वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ चौकी प्रभारी स्थानान्तरण की दरकार।


सालो से एक ही चौकी पर पदस्थ सीमाबर्ती बनोपज जाँच नाका के दायित्व का निर्वहन कर रहे प्रभारियों चाहे खुटाटोला हो या रामनगर डोला चौकी प्रभारी व चांटी बैरियर वन विभाग के द्वारा इनका स्थानान्तरण आज तक नहीं किया गया कारण अज्ञात है।किंतु अगर आपको को जानकारी हो की राज्य की सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद वनकर्मी अपने नशे की हालत में धुत जिनकी कोई समय का निर्धारण नही है जो ड्यूटी के समय या फिर यह भी कहा जा सकता है कि दिन रात नशे की हालत में अपने दायित्व का निर्वहन कोयले से लदी हुई वाहनों व अन्य वाहनों से 50 व 100 रुपये की वसूली करने में रहते हैं मशगूल।किंतु वनविभाग की उदासीनता साफ नजर आती है।
इस प्रकार राज्य की सीमाओं पर चल रहे अवैध रूप से टीपी व परिवहन शुल्क के रूप में हो रही वसूली पर जाँच पड़ताल कर इस गोरखधंधे पर मुख्य वन संरक्षक अंकुश लगाए।

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