60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने केन्द्र पर दबाव क्यों नहीं बनाते भाजपाईः मोहम्मद असलम

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रायपुर/13 जनवरी 2021। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने सात मांगों को लेकर भाजपा के आज से विधानसभा स्तर पर शुरू हो रहे आंदोलन पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों की लाशों पर राजनीति करने वाले भाजपाई 60 लाख मीट्रिक टन चावल छत्तीसगढ़ से लेने का दबाव केंद्र सरकार पर क्यों नहीं बनाते हैं? भाजपा नेता सच को स्वीकार करने की जगह झूठ फैलाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के किसान इनकी ढकोसलों को समझ रहे हैं और वे इनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं। भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली में ही आंदोलनरत किसानों के साथ ज्यादती नहीं कर रही है, अपितु सच्चाई यह है कि विपक्षी दलों की सरकारों के खिलाफ भी उन्होंने भेदभाव करने का अभियान छेड़ रखा है और किसानों के हित में लिए जाने वाले राज्य की योजनाओं में भी अड़ंगा लगाती है और दबाव बनाकर राज्य सरकारों के खिलाफ षड्यंत्र करती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने जारी बयान में कहा कि भाजपा के नेता गिरदावरी में कम हुए कब्जे को पुनः जोड़ने की मांग कर अपनी अज्ञानता प्रदर्शित कर रहे हैं। भूपेश सरकार द्वारा कराए गए गिरदावरी का ही परिणाम है कि आज हर जरूरतमंद किसान अपनी ज्यादा से ज्यादा धान समर्थन मूल्य पर बेच पा रहा है। बारदाने की कमी को लेकर घडिय़ाली आंसू बहाने वालों को पता होना चाहिए कि इसी केन्द्र सरकार ने डॉ. रमन के शासनकाल में मांग के अनुरूप बारदाने उपलब्ध कराए थे जबकि भूपेश सरकार द्वारा मांगी गई संख्या के सिर्फ 70 फीसदी बारदाने ही उपलब्ध कराए गए जो इनके भेदभाव को दिखाता है। राज्य सरकार ने अतिरिक्त 1.10 लाख गठान बारदाने मांगे हैं उसके लिए भाजपाइयों को भी केन्द्र पर दबाव बनाना चाहिए। केन्द्र सरकार ने राज्य से 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदी की बात कही थी लेकिन अब सिर्फ 24 लाख मीट्रिक चावल खरीदने की अनुमति देकर वादाखिलाफी कर रही है। क्या इसके लिए भाजपाइयों का दायित्व नहीं बनता कि वे केन्द्र से ज्यादा से ज्यादा चावल खरीदने का अनुरोध करे। केन्द्र सरकार को सरकार राज्य से भेदभाव बंद कर जीएसटी की राशि का शीघ्र भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लाशों पर राजनीति कर रहे हैं, सामान्य मौत को आत्महत्या बताकर किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, यह शर्मनाक है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अपने 15 साल के कार्यकाल में भाजपा ने ही बीमारू राज्य बनाए रखा जिसे अब कांग्रेस के भूपेश सरकार ने अपने प्रयासों से विकसित राज्य बना रही है। सरकार के प्रयासों से राज्य में निवेश बढ़ें हैं, राज्य और विकास करे तथा पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के लिए भाजपाइयों को भी केन्द्र से स्पेशल पैकेज की मांग करना चाहिए। भाजपा का यह आंदोलन धरातल से परे और किसानों के हितचिंतक होने के झूठे प्रपंचों पर निहित है जिसे जनता और किसान दोनों समझ रहे हैं।

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