September 21, 2024

इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं’’ कार्यक्रम

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इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं’’ कार्यक्रम कक्षा पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों में हिन्दी एवं गणित विषयों की बुनियादी दक्षताओं को 100 दिनों में विकसित किया जाएगा बच्चों में दक्षताओं को जानने दिसम्बर माह के तीसरे सप्ताह से मार्च 2021 तक आंकलन प्रक्रियाप्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के जिला कलेक्टरों को निर्देश

रायपुर, /राज्य में कक्षा पहली से 8वीं तक के सभी बच्चों में विषयों की बुनियादी दक्षताएं विकसित करने हेतु लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है। इसके लिए सर्वप्रथम हिन्दी और गणित विषयों को लिया गया है, चूंकि ये सीखने के आधार हैं। इस कार्य के लिए ‘इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों में न्यूनतम दक्षताएं विकसित करने के लिए जिला कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि इस संबंध में जिले के अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए निर्देशित करें। कलेक्टर कार्यक्रम की सघन मॉनिटरिंग करें, ताकि शासन की मंशा अनुरूप जिले का प्रत्येक विद्यार्थी भाषा और गणित बुनियादी दक्षताओं को प्राप्त कर सकें।
             प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा है कि कोविड-19 के कारण स्कूलों में बच्चों की नियमित पढ़ाई नहीं हो सकी। बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रदेश में विभिन्न प्रयास किए गए हैं। जैसे – पढ़ई तुंहर दुआर, पढ़ई तुंहर पारा, मोहल्ला कक्षाओं, बुल्टु के बोल, लाउड स्पीकर, ऑनलाईन कक्षाएं आदि। ‘इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं’ कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा पहली से 8वीं तक के शत-प्रतिशत बच्चों में हिन्दी और गणित विषयों की बुनियादी दक्षताओं को 100 दिनों में विकसित किया जाना है। बच्चों ने इन दक्षताओं को कितना हासिल किया यह जानने के लिए 20 दिसम्बर 2020 के तीसरे सप्ताह से मार्च 2021 तक आंकलन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 
          कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि विषय आधारित दक्षताओं के विकास और आंकलन के लिए कक्षा पहली से 8वीं तक के समस्त विद्यार्थियों को 3 समूहों में रखा गया है। पहले समूह में कक्षा पहली और दूसरी, दूसरे समूह में कक्षा तीसरी से 5वीं तक और तीसरे समूह में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों को रखा गया है। इन समूहों के लिए न्यूनतम दक्षताएं कक्षा पहली और दूसरी के लिए कक्षा पहली की दक्षताएं, कक्षा 3 से 5 और कक्षा 6 से 8 के लिए कक्षा 3 की दक्षताएं निर्धारित की गई है।
            जिला कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि हिन्दी और गणित विषय की दक्षताओं को 4-4 उप दक्षताओं में विभाजित किया गया है। इन उप दक्षताओं को आंकलन दो बिन्दुओं ‘हां’ या ‘नहीं’ में किया जाना है। आंकलन के बाद जिन बच्चों ने अपेक्षित स्तर प्राप्त नहीं किया होगा उनके लिए उपचारात्मक शिक्षण की प्रक्रिया अपनानी होगी। शेष बच्चों की पढ़ाई यथावत जारी रहेगी। कलेक्टरों से कहा गया है कि आंकलन, उपचारात्मक शिक्षण ऑनलाईन अथवा पढ़ई तुंहर दुआर, पढ़ई तुंहर पारा, मोहल्ला स्कूल, लाउड स्पीकर द्वारा किया जा सकता है। आंकलन की प्रविष्टियां ऑनलाईन होगी। इसके लिए वर्चुअल स्कूल का निर्माण http://www.cgschool.in में किया गया है। 

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