शहीद वीरनारायण सिंह की जन्मस्थली सोनाखान में आयोजित आदिवासियों के सम्मेलन में शामिल हुए आदित्य भगत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के युवा नेता आदित्य भगत सोनाखान में कल आदिवासी समाज के एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वाधीनता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण सिंह की जन्मस्थली सोनाखान में उनकी जयंती पर होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के लिए यह बैठक रखी गई थी। उल्लेखनीय है कि दस दिसंबर को शहीद वीरनारायण सिंह की जयंती है, उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम शहीद माना जाता है। शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृति में उनकी जयंती पर प्रतिवर्ष आदिवासी समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस संदर्भ में कल सोनाखान में बैठक रखी गई थी, जिसमें कार्यक्रम के संबंध में चर्चा हुई साथ ही अन्य विषयों पर भी रायशुमारी की गई।

इस अवसर पर आदित्य भगत ने शहीद वीर नारायण सिंह को याद करते हुए उन्हें गरीबों का मसीहा बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह गरीब आदिवासियों के उत्थान और उन्हें सामंतवादी व्यवस्था के शोषण से बचाने के लिये अंग्रेजों के सामने दीवार बनकर खड़े हो गये थे। शहीद वीर नारायण सिंह जी अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले क्रांतिकारी थे। उन्होंने कई अंग्रेज़ अफसरों को नाकों चने चबवा दिए थे। वे ऐसे महापुरुष थे जो आजीवन गरीब आदिवासियों की रक्षा व उत्थान हेतु समर्पित रहे।

आदित्य भगत ने अपने उद्बोधन के दौरान शहीद वीर नारायण सिंह जी की जन्मभूमि सोनाखान को स्मार्ट विलेज के तर्ज में विकसित करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समाज के लोग प्रकृति से जुड़े रहकर विकास की राह पर चलेंगे और पूरे देश के सामने एक उदाहरण के तौर पर सामने आएंगे। इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश के आदिवासी समाज उपाध्यक्ष एवं मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्य मोहित ध्रुव एवं प्रदेश पदाधिकारी आदिवासी कांग्रेस के महामंत्री श्री जनक ध्रुव जी के साथ क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं व युवागण शामिल हुए।

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