रमन भाजपा शासनकाल में पत्रकारों के ऊपर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज होते थे : धनंजय सिंह ठाकुर

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

रमन भाजपा शासनकाल में पत्रकारों के ऊपर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज होते थे,

विष्णुदेव साय बताये अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी किस मामले में हुई?

रायपुर/4नवम्बर2020/भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को अर्णव गोस्वामी के गिरफ्तारी के मामले पर बयान देने से पहले पूरे मामले की जानकारी ले लेनी चाहिए। हड़बड़ी में बयान देकर विष्णुदेव साय ने एक बार और भाजपा के अपराधियों के पक्ष में खड़े होने के चरित्र का ही प्रदर्शन किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय बताएं एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां ने आत्महत्या के मामले में मिली सुसाइड नोट में मौत के लिए अर्णव गोस्वामी को जिम्मेदार ठहराया गया है फिर उस दौरान भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की जांच करा कर पीड़ित को न्याय क्यों नहीं दिलाया? आखिर क्यों भाजपा की सरकार और भाजपा के नेता अर्णव गोस्वामी को बचाना चाहते हैं?प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व के रमन सरकार और वर्तमान में मोदी सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की क्या हालत कर दी है यह किसी से छुपा नहीं है देश हित में समाज हित में आम जनता के हित में आवाज उठाने वाले पत्रकारों के साथ किस प्रकार से दुर्व्यवहार किया जाता है उनको डराया धमकाया जाता है यह किसी से छुपा नहीं है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय लोकतंत्र की बात ना ही करें तो बेहतर है?रमन शासनकाल में भाजपा के सांसद के पुत्रों ने पत्रकार और पत्रकार के वृद्ध माता-पिता की बेल्ट से पिटाई की,रायपुर भाजपा कार्यालय में भाजपाइयों ने पत्रकार को घेरकर पीटा था?रमन सरकार के भ्रष्टाचार कुशासन के खिलाफ कलम चलाने वाले पत्रकार और उनके परिवार कितना प्रताड़ित हुए थे ये पूरा छत्तीसगढ़ जानता है।रमन भाजपा ने तो बेबाक पत्रकारों की कलम को रोकने उनके परिवारिक सदस्य जो सरकारी नोकरी में सेवा दे रहे थे उन पर कार्यवाही की कई लोगो को नोकरी से हाथ धोना पड़ा कई के बेवजह ट्रांसफर कर दिया गया था।रमन सिंह के सरकार में बस्तर के पत्रकारों के उपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था।उस दौरान कई पत्रकारों की हत्या हुई।

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